खाने में नमक कम करने से 2030 तक 70 लाख लोगों की जान बच सकती है: डब्ल्यूएचओ

रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया 2025 तक नमक के सेवन को 30 फीसदी तक कम करने के अपने वैश्विक लक्ष्य को हासिल करने से बहुत दूर है

By Dayanidhi

On: Thursday 09 March 2023
 
फोटो साभार : डब्ल्यूएचओ/एस. वोल्कोव

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया 2025 तक नमक के सेवन को 30 फीसदी तक कम करने के अपने वैश्विक लक्ष्य को हासिल करने से बहुत दूर है।

नमक या सोडियम, एक आवश्यक पोषक तत्व है, इसको अधिक मात्रा में खाने से हृदय रोग, स्ट्रोक और समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है। सोडियम का मुख्य स्रोत टेबल साल्ट (सोडियम क्लोराइड) है, लेकिन यह सोडियम ग्लूटामेट जैसे अन्य मसालों में भी पाया जाता है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया की केवल तीन फीसदी आबादी सोडियम को कम करने की जरूरी नीतियों से सुरक्षित है और 73 फीसदी डब्ल्यूएचओ सदस्य राज्यों में ऐसी नीतियों को लागू नहीं किया जाता है।

सोडियम को कम करने की नीतियों को लागू करने से 2030 तक दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है। यह गैर-संचारी रोगों से होने वाली मौतों को कम करने के सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन आज, केवल नौ देशों - ब्राजील, चिली, चेक गणराज्य, लिथुआनिया, मलेशिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, स्पेन और उरुग्वे जैसे देशों के पास सोडियम के सेवन को कम करने के लिए नीतियां है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि, दुनिया भर में अस्वास्थ्यकर भोजन से मृत्यु और बीमारी का एक प्रमुख कारण है और अत्यधिक सोडियम का सेवन इनमें से प्रमुख रूप से जिम्मेवार है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकांश देशों ने अभी तक किसी भी जरूरी सोडियम कटौती की नीतियों को अपनाने के लिए कुछ खास नहीं किया है, जिससे उनके लोगों को दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है।

डब्ल्यूएचओ सभी देशों से सोडियम की कमी को लागू करने और निर्माताओं से भोजन में सोडियम सामग्री के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा लागू किए गए मानकों को अपनाने का आह्वान किया गया है।

सोडियम में कमी के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के तहत जरूरी नीतियों को अपनाना और सोडियम से संबंधित डब्ल्यूएचओ के चार "सबसे अच्छे तरीके" शामिल हैं जो गैर-संचारी रोगों को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें शामिल है:

  1. खाद्य पदार्थों में नमक को कम करने के लिए सुधार करना और खाद्य पदार्थों और भोजन में सोडियम की मात्रा के लिए लक्ष्य निर्धारित करना
  2. सार्वजनिक संस्थानों जैसे अस्पतालों, स्कूलों, कार्यस्थलों और नर्सिंग होम में नमक या सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों को सीमित करने के लिए सार्वजनिक खाद्य खरीद नीतियां स्थापित करना
  3. नमक के पैकेट पर जानकारी का सही लेबल लगा होना, जिससे उपभोक्ताओं को कम सोडियम वाले उत्पादों का चयन करने में मदद मिलेगी
  4. नमक या सोडियम की खपत को कम करने के लिए व्यवहार में बदलाव लाने के लिए प्रचार, प्रसार करना तथा मीडिया अभियान चलाना।

देशों को प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक सोडियम बेंचमार्क के अनुरूप नमक या सोडियम सामग्री के लक्ष्य स्थापित करने और इन नीतियों के माध्यम से उन्हें लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

सोडियम में जरूरी कटौती करने वाली नीतियां अधिक प्रभावी हैं, क्योंकि वे खाद्य निर्माताओं के लिए एक समान अवसर प्रदान करते हुए व्यापक कवरेज और व्यावसायिक हितों के विरुद्ध सुरक्षा हासिल करती हैं। रिपोर्ट में, डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों के लिए उनके पास मौजूद सोडियम कटौती नीतियों के प्रकार और संख्या के आधार पर एक सोडियम कंट्री स्कोर कार्ड विकसित किया है।

यह महत्वपूर्ण रिपोर्ट बताती है कि देशों को 2025 तक नमक की खपत को कम करने के वैश्विक लक्ष्य को पूरा करने के लिए महत्वाकांक्षी, जरूरी, सरकार के नेतृत्व वाली सोडियम कटौती नीतियों को लागू करने के लिए तत्काल काम करना चाहिए।

सही उपायों के तहत सरकारें कम नमक या सोडियम जैसे महत्वपूर्ण नवाचारों को लागू कर सकती हैं। दुनिया भर में  इस पर कार्रवाई की जरूरत है। बहुत से लोग घातक लेकिन रोके जा सकने वाले, दिल के दौरे और स्ट्रोक का अनुभव करेंगे।

दुनिया भर में हर दिन औसतन 10.8 ग्राम नमक का सेवन किया जाता है, जो प्रति दिन 5 ग्राम से कम नमक (एक चम्मच) की विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश के दोगुने से अधिक है। बहुत अधिक नमक खाने से यह आहार और पोषण संबंधी मौतों के लिए सबसे बड़े खतरे में से एक बन जाता है।

अधिक सोडियम सेवन और गैस्ट्रिक कैंसर, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस और गुर्दे की बीमारी जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते खतरों के रूप में उभर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों से बिना किसी देरी के सोडियम सेवन में कमी की नीतियों को लागू करने और अत्यधिक नमक की खपत के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए कहा है। डब्ल्यूएचओ ने खाद्य निर्माताओं को अपने उत्पादों में महत्वाकांक्षी सोडियम कटौती के लक्ष्य निर्धारित करने के लिए भी कहा है।

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