क्यों मनाया जाता है आज, भोजन की हानि और बर्बादी को रोकने का जागरूकता दिवस

भोजन के नुकसान और कचरे से संबंधित कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन (जीएचजी) का 8 से 10 प्रतिशत है

By Dayanidhi

On: Thursday 29 September 2022
 

भोजन की हानि और बर्बादी के बारे में जागरूकता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के लिए दुनिया में भोजन की हानि और इसके कचरे को कम करने के लिए कार्यों और नवाचारों को प्राथमिकता देने के लिए कार्रवाई का आह्वान करने का दिन है।

भोजन की बर्बादी और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास

भोजन की हानि आदिकाल से होती आ रही है क्योंकि तब खराब होने वाली चीजों को अच्छी तरह से नियंत्रित नहीं किया जा सकता था। अब हमारे पास खराब होने के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करने के साधन हैं लेकिन अभी भी कई कारणों से भोजन की हानि और बर्बादी हो रही है, लापरवाही से लेकर तकनीकी जानकारी की कमी तक, बहुत सी चीजें भोजन के नुकसान और अपव्यय को बढ़ाती हैं।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की स्थापना 1945 में दुनिया में भूख पर विजय पाने के लिए की गई थी और उन्होंने इसे हासिल करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें दिसंबर 2019 में सामूहिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस के लिए एक दिन की स्थापना करना शामिल है। 19 दिसंबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 सितंबर को भोजन की हानि और बर्बादी के प्रति जागरूकता के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया।

अपने संकल्प में, यूएनजीए ने माना कि अंतर्राष्ट्रीय दिवस का पालन समस्या के सभी स्तरों पर इसके संभावित समाधानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और एसडीजी 12 (जिम्मेदार खपत और उत्पादन) को पूरा करने के लिए वैश्विक प्रयासों और सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।    

भोजन के नुकसान और बर्बादी को कम करना क्यों जरूरी है?

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार दुनिया का लगभग 14 प्रतिशत भोजन फसल की कटाई के दौरान नष्ट हो जाता है, अनुमानित 17 प्रतिशत खुदरा और खपत स्तर पर बर्बाद हो जाता है।

भोजन के नुकसान और कचरे से संबंधित कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन (जीएचजी) का 8 से 10 प्रतिशत है। यह एक अस्थिर जलवायु और सूखे और बाढ़ जैसे चरम मौसम की घटनाओं के लिए जिम्मेवार है। ये परिवर्तन फसल की पैदावार को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं, फसलों की पोषण गुणवत्ता को कम करते हैं, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पैदा करते हैं और खाद्य सुरक्षा और पोषण में खतरा पैदा करते हैं।

सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा - विशेष रूप से एसडीजी 12, लक्ष्य 12.3 - खुदरा और उपभोक्ता स्तरों पर प्रति व्यक्ति वैश्विक भोजन की बर्बादी को आधा करने और उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के साथ भोजन के नुकसान को कम करने का आह्वान करता है।

दुनिया भर में अनुमानित 3.1अरब लोग अभी भी स्वस्थ आहार के लिए जूझ रहे हैं और लगभग 82.8 करोड़ लोग भूखे रहते हैं। इसका मतलब यह है कि भोजन का नुकसान और बर्बादी को कम करने के लिए कार्रवाई में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता है।

इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आठ साल बाकी हैं, भोजन के नुकसान और बर्बादी को कम करने के लिए कार्रवाई को बढ़ाने पर अधिक जोर दिया जा सकता है। भोजन का नुकसान और बर्बादी को कम करना हमारे खाद्य प्रणालियों की समग्र स्थिरता में सुधार करते हुए तत्काल जलवायु लाभ का अवसर प्रस्तुत करता है। वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर ग्रह और पोषण संबंधी परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए यह एक आवश्यक बदलाव है।

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