जग बीती: किसानों को मिली आजादी
छत्तीसगढ़ में दिखा किसानों के गांव बंद का असर
किसान संगठनों ने 8 जनवरी को गांव बंद का आह्वान किया था, इसका असर केवल छत्तीसगढ़ के गांवों में ही देखने को मिला
जग बीती: वार्ता का खेल
किसान परेड : गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली, बजट के दिन संसद का पैदल करेंगे घेराव
दिल्ली में किसानों की रैली के रूट तय हो चुके हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान परेड में शामिल होने के लिए पहुंचने ...
केंद्र के प्रस्ताव पर नहीं झुकेंगे किसान, डेढ़ साल कानून स्थगन फॉर्मूले पर सहमत नहीं संगठन
किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस के दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के लिए वैकल्पिक रूट लेने से इनकार कर दिया है। दिल्ली पुलिस के साथ ...
मैक्सिको के किसानों ने बांध कब्जाया, अमेरिका को पानी देने से किया इंकार
एक तरफ मेक्सिको के किसान हैं तो दूसरी ओर अमेरिका व मेक्सिको के राष्ट्रपति अपने ही किसानों के खिलाफ लामबंद हो गए हैं
33 साल से कोसी को दिन बहुरने की चाह, मंत्रिमंडल ने उत्थान कार्यक्रम बनाया लेकिन लागू करना भूल गई
कोसी तटबंध पीड़ित किसानों ने कहा है कि वह 23 फरवरी को महापंचायत कर सरकार को इसकी याद दिलाएंगे
साल 2020 का पहला किसान आंदोलन, 8 जनवरी को गांव बंद का ऐलान
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों के आंदोलन को कई जनसंगठनों का साथ मिला है। गांव बंद से पहले स्थानीय प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति ...
एमएसपी पर खरीद शुरू होने के 18 दिन बाद भी हरियाणा की सरकारी एजेंसी नहीं खरीद पाई सरसों का एक दाना
हरियाणा में इस बार 1.13 लाख किसानों ने एमएसपी पर सरसों बेचने के लिए हरियाणा सरकार के पोर्टल मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन ...
किसान परेड के बाद तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन अब भी जारी
संयुक्त किसान मोर्चा ने कल शाम छह बजे किसान परेड के पूर्ण होने का ऐलान किया। वहीं, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी ...
लाइव ग्राउंड रिपोर्ट : किसानों की गणतंत्र परेड
देश में 72वां गणतंत्र दिवस एक उथल-पुथल वाला इतिहास बन गया है। दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की परेड का स्वागत ...
मेरी जुबानी: स्कूल से दूर वो किसान लड़की
लड़कियां सिर्फ छोटी उम्र में शादी के कारण ही स्कूल नहीं छोड़ती हैं। वे अपने खेतों के कारण भी स्कूल छोड़ती हैं
कृषि के आर्थिक मामलों के जानकार बोले : अब खेती को व्यापार की तरह देखने की जरूरत
नए कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के विरोध और समर्थन के बीच कृषि अर्थशास्त्री मानते हैं कि कृषि विधेयक किसानों के लिए नए विकल्प खोल ...
2020: नौ महीने में 50 बार प्रदर्शन कर चुके हैं किसान
इस बार किसान सरकार द्वारा पारित तीन कृषि विधेयकों से नाराज है, लेकिन सरकार से नाराजगी का सिलसिला काफी पहले से जारी है
किसान आंदोलन: देश और समाज के लिए क्या हैं मायने
किसान आंदोलन न केवल किसानों, बल्कि समाज व आम नागरिकों को संदेश देने में कामयाब रहा
बजट 2021-2022 : हाशिए पर रही खेती-किसानी, कुल बजट में घटी 1.2 फीसदी की हिस्सेदारी
किसानों को भले ही एमएसपी देते रहने का ऐलान किया गया हो लेकिन बजट में एमएसपी सुनिश्चित करने वाली अहम योजनाओं के प्रावधानों में ...
डायरी: “यह किसान आंदोलन नहीं, यह जनआंदोलन है”
देश की जनता ने सुबह “जय जवान” तो दोपहर “जय किसानों” की बादशाहत देखी
सरकार ने कहा कानून स्थगन ही हमारा सबसे बेहतर प्रस्ताव, किसानों ने कहा 24 घंटे बाद बताएंगे निर्णय
गणतंत्र दिवस को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर किसान यूनियन कृषि बिलों की सरकार से बातचीत के बाद अपना निर्णय दिल्ली पुलिस को बताएंगे।
बैठे ठाले: पूस की भोर और हलकू
“ये कार्पोरेट-एग्रीकल्चर वाले मवेशियों से भी बदतर हैं। ये तुम्हारी फसल को चाट कर जाएंगे और तुमको भी भूखा मार डालेंगे”
खत्म हुई कृषि की प्रधानी!
देश में कृषि और कृषि शिक्षा की पड़ताल करती डाउन टू अर्थ की खास रिपोर्ट में आज प्रस्तुत है किसानों की जुबानी-
क्यों हार गए किसान नेता राजू शेट्टी
आम चुनाव में किसान आंदोलन की वजह से खासे लोकप्रिय रहे राजू शेट्टी की हार चौंकाने वाली है। डाउन टू अर्थ ने उनसे वजह ...
सामूहिक खेती ने बदला इन किसानों का भाग्य
महामारी से बचने के लिए छोटे और भूमिहीन किसानों ने हाथ मिला लिया है। इससे सामूहिक खेती फिर से प्रासंगिक बनने लगी हैैं
दलहन उत्पादन में 11 फीसदी की कमी, आयात की मजबूरी लगा सकती है आत्मनिर्भरता को झटका
अरहर उत्पादन में 16 फीसदी की गिरावट आई है और अब कीमतों में बढोत्तरी की आशंका है। अनुमान है कि वर्ष 2015 की तरह ...
अहिंसा के रास्ते जारी रहेगा शांतिपूर्ण प्रदर्शन, 30 जनवरी को कृषि कानून के खिलाफ उपवास
संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन से दो गुट अलग हो गए हैं। वहीं, किसानों ने कहा है कि अंहिसात्मक तरीके से कृषि कानूनों के ...
सरकार क्यों सीमित करना चाहती है किसानों के अधिकार?
किसान संगठनों का आरोप है कि बीज उद्योग को फायदा पहुंचाने और किसान अधिकारों को कम करने के लिए दस्तावेजों की परिभाषा में बदलाव ...