कपास उत्पादक देशों पर बढ़ रहा है जलवायु परिवर्तन का खतरा
जलवायु परिवर्तन के कारण 50 फीसदी कपास पर सूखे का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाएगा। इसी तरह 20 फीसदी उत्पादक क्षेत्रों को बाढ़ के ...
पिछले 20 वर्षों में भारत सहित दुनिया के 150 करोड़ लोगों को सूखे ने किया है प्रभावित
1998 से 2017 के बीच 150 करोड़ से भी ज्यादा लोग सीधे तौर पर सूखे से प्रभावित हुए हैं, साथ ही इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 9.2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ ...
2030 तक सभी देशों को भूमि सुधार के अपने वादों को निभाना होगा: संयुक्त राष्ट्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल, हम अपने वैश्विक आर्थिक उत्पादन के 10 प्रतिशत से अधिक मूल्य की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ...
अंटार्कटिका में ग्लेशियरों से टूट कर अलग हुआ दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड ‘ए-76’
अंटार्कटिका में ग्लेशियर से टूट कर दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड अलग हुआ है| जिसका कुल क्षेत्रफल 4,320 वर्ग किलोमीटर का है
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 43 फीसदी शहरों के पास नहीं है कोई योजना
812 शहरों पर किए इस सर्वेक्षण में से 93 फीसदी ने माना वो किसी न किसी रूप में जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरों को ...
जलवायु परिवर्तन के चलते भारत में जीडीपी को हो सकता है 35.1 फीसदी तक का नुकसान
भारत में सबसे ज्यादा नुकसान स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन को होगा जिसके लिए उससे निपटने की हमारी तैयारियों में कमी भी काफी हद तक ...
तापमान के 1 डिग्री बढ़ने से लोगों के विस्थापित होने के खतरे में 50 फीसदी की होगी वृद्धि
इस सदी के अंत तक नदी की बाढ़ से विस्थापित होने वाले लोगों का विश्व स्तर पर औसत खतरा दोगुना, 110 फीसदी होने का ...
क्या सच में जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ सकती है धान की पैदावार
तापमान में हो रही वृद्धि के कारण ठन्डे इलाकों में भी धान की एक से ज्यादा बार फसल प्राप्त की जा सकती है
भविष्य में हीटवेव से लाखों लोगों की जा सकती है जान : अध्ययन
ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन सन 2100 तक इसी दर पर जारी रहता है, तो भविष्य में हीटवेव प्रति 1 लाख पर लगभग 73 लोगों ...
राष्ट्रीय पक्षी दिवस 2024: यह दिन क्यों मनाते हैं? यहां जानिए रोचक तथ्य
जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और जंगलों के कटने से पक्षियों के घरोंदे उजड़ गए हैं
जलवायु परिवर्तन ने 2022 के गर्मी के मौसम में सूखे को 20 गुना अधिक बढ़ाया
मानवजनित जलवायु परिवर्तन ने कृषि और पारिस्थितिकी सूखे को लगभग 3 से 4 गुना अधिक कर दिया
दोगुनी रफ्तार से पिघल रही है ग्रीनलैंड की बर्फ, उसकी जगह ले रही हैं नंगी चट्टानें, दलदल और झाड़ियां
शोध से पता चलता है कि पूरे ग्रीनलैंड में आर्द्रभूमि लगभग चौगुनी हो गई है जो मीथेन उत्सर्जन का एक अहम स्रोत है। बर्फ ...
2024 के पेरिस ओलंपिक पर मंडराया लू का खतरा : अध्ययन
2024 पेरिस ओलंपिक, जो 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा, इसके आयोजकों का कहना है कि वे जलवायु-संबंधी खतरों को लेकर पूरी तरह ...
डाउन टू अर्थ खास: भारत में इस साल कितनी खतरनाक पड़ रही है गर्मी
मार्च से शुरू हुआ भीषण गर्मी के आंकड़ों का डाउन टू अर्थ ने विश्लेषण किया है और साथ ही इसके प्रभाव की भी पड़ताल ...
2100 तक अंटार्कटिका के एम्परर पेंगुइन समेत 97 फीसदी प्रजातियों पर विलुप्ति का साया
जलवायु परिवर्तन को कम करके तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से 68 प्रतिशत स्थलीय प्रजातियों और समुद्री पक्षियों को फायदा होगा
9 से 18 मीटर तक गिर सकता है झीलों का जल स्तर
बढ़ते तापमान के कारण, सदी के दौरान कैस्पियन सागर का सतही क्षेत्र 23 से 34 फीसदी तक सिकुड़ जाएगा, इसकी वजह से जैव विविधता ...
अटलांटिक के बढ़ते तापमान के चलते व्हेल अपना घरौंदा छोड़ने को हुए मजबूर, अस्तित्व पर भी खतरा
अध्ययन के मुताबिक 2019 में दस राइट व्हेल मृत पाई गईं, जबकि 2020 और 2021 में अब तक चार की मौत हो चुकी है
पिछले 50 वर्षों से हर रोज 115 लोगों की जान ले रहीं हैं मौसम और जलवायु से जुड़ी आपदाएं
पिछले 50 वर्षों में मौसम और जलवायु से जुड़ी इन आपदाओं में अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, ...
समुद्र का स्तर बढ़ने से दुनिया भर के आधे से अधिक तटों पर मंडरा रहा है खतरा
अध्ययन में शामिल दुनिया भर के 7,283 समुद्र तटों में से लगभग आधे से अधिक में हर साल सदी के अंत तक कई बार ...
नदियों से भारी मात्रा में उत्सर्जित हो रही है मीथेन, इसे रोका जा सकता है, लेकिन कैसे?
यह शोध इसलिए अहम है जो बताता है कि, मीठे पानी के संरक्षण और बहाली के प्रयासों से मीथेन उत्सर्जन में कमी लाई जा ...
ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्रीनलैंड की तैरती बर्फ में 42 फीसदी की गिरावट आई: वैज्ञानिक
वैज्ञानिक इसके पीछे समुद्र के तापमान में वृद्धि होना बता रहे हैं, जिससे क्षेत्र में गर्म धाराएं बह रही हैं और ग्लेशियर पिघल रहे ...
लुप्त होते ग्लेशियरों के कारण ऊंचे पहाड़ों की जैव विविधता पर मंडराया खतरा
जलवायु परिवर्तन के कारण पर्वत श्रृंखला में प्रमुख अकशेरूकीय आबादी के अब और 2100 के बीच भारी बदलाव होने के आसार हैं
जलवायु और लोगों पर पड़ने वाले असर का अहम सुराग दे रहा है नदियों का बढ़ता तापमान
नदी का तापमान पानी की मूलभूत गुणवत्ता का अहम हिस्सा है जो बहते पानी में प्राकृतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है
पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में मूंगे की चट्टानें 2060 तक ही रह सकती हैं जिंदा: अध्ययन
जब तक दुनिया भर में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम नहीं किया जाता और बड़े पैमाने पर बढ़ते तापमान पर लगाम नहीं लगती है, ...
सीबीडी कॉप-15: यूएन का निष्क्रिय प्रकृति संरक्षण समझौता विफल हो जाएगा, कार्यकर्ताओं ने दी चेतावनी
जैव विविधता की रक्षा के लिए हमें पहले स्वदेशी लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता है, स्वदेशी लोग जैव विविधता की रक्षा कर रहे ...