राष्ट्रीय पक्षी दिवस 2024: यह दिन क्यों मनाते हैं? यहां जानिए रोचक तथ्य

जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और जंगलों के कटने से पक्षियों के घरोंदे उजड़ गए हैं

By Dayanidhi

On: Friday 05 January 2024
 
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, स्टीव विल्सन

पक्षियों ने हमेशा हमारे दिलों में राज किया है, यही कारण है कि हम हर साल पांच जनवरी को राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाते हैं। हालांकि पक्षियों की कई प्रजातियां खतरे में हैं। इसकी कई वजह हैं, उनमें अवैध व्यापार, बीमारियां और उनका मूल निवास उजड़ना शामिल है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग ने पक्षियों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। 

पक्षी प्रकृति की सबसे खूबसूरत जीवों में से एक हैं। वे अपनी चहचहाहट से हमारे दिन को बेहतर बनाते हैं, वे देखने में बहुत सुंदर और रंगीन होते हैं। लेकिन इससे परे, वे पारिस्थितिकी तंत्र के भी महत्वपूर्ण हिस्से हैं। वे उनके स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के बारे में जानकारी का संकेत देते हैं और अब समय आ गया है कि हम उनकी रक्षा करने के लिए हाथ मिलाएं और यह सुनिश्चित करें कि उनके पास पनपने के लिए एक स्वस्थ प्रकृति हो।

राष्ट्रीय पक्षी दिवस का इतिहास

चाहे वे आपके घर के  पिछवाड़े की गोरियां हों या पार्क में इधर-उधर घूमने वाले आम कबूतर हों, पक्षियों ने हमेशा हमारे दिलों में आकर्षण, प्यार जगाया है। एक निश्चित विस्मय है जो केवल बाज को उड़ते हुए देखकर ही महसूस किया जा सकता है। दुर्भाग्य से, अधिकांश पक्षी या तो लुप्तप्राय हैं या संरक्षित हैं, यह ज्यादातर निवास स्थान के नुकसान या अवैध पालतू व्यापार के कारण है

इसीलिए पक्षी कल्याण गठबंधन ने राष्ट्रीय पक्षी दिवस बनाया। इन महत्वपूर्ण जीवों की कठिनाइयों और दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए  हम उनके साथ एक स्वस्थ, अधिक टिकाऊ संबंध बनाने के लिए आवश्यक बदलाव शुरू कर सकते हैं।

पक्षियों को अक्सर अतीत से जीवित संबंध माना जाता है, क्योंकि वे डायनासोर के विकास से सबसे निकट से संबंधित जीव हैं। वे अक्सर पारिस्थितिकी तंत्र में प्रमुख प्रजातियां हैं, जो इसके स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के संकेतक हैं। उदाहरण के लिए, कठफोड़वाओं द्वारा छोड़े गए छेद अक्सर कई अन्य जानवरों के लिए घर के रूप में उपयोग किए जाते हैं। इसका मतलब है कि अगर कठफोड़वाओं के पास भोजन का स्रोत या सही प्रकार के पेड़ों की कमी हो जाए, तो क्या सभी जानवर भी चोंच मारने के अपने कौशल पर निर्भर हो जाएंगे?

हालांकि राष्ट्रीय पक्षी दिवस अपेक्षाकृत नया हो सकता है, जिसकी स्थापना 2002 में की गई थी, लेकिन पक्षियों को जिस प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, वह पशु साम्राज्य के लिए कोई नई बात नहीं है। 

राष्ट्रीय पक्षी दिवस का महत्व 

मानवजनित समस्याओं के कारण पक्षियों की रहने की स्थिति में बहुत गिरावट आई है। वनों को काटे जाने से लेकर जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग से लेकर निवास स्थान के नुकसान तक, पक्षियों ने अपने घर खो दिए हैं और इससे उनके रहने की गुणवत्ता भी खत्म हो गई है।

राष्ट्रीय पक्षी दिवस वार्षिक क्रिसमस बर्ड काउंट दिवस पर पड़ता है, दुनिया की सबसे बड़ी नागरिक विज्ञान परियोजना जो संयुक्त राज्य अमेरिका में जंगली पक्षियों की गिनती करती है। इस दिन को मनाने का सबसे अच्छा तरीका उन उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिक से अधिक पक्षियों को बेहतर रहने की स्थिति मिले और जो पक्षी कैद में रखे गए हैं उन्हें मुक्त कर दिया जाए।

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