आज है अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस : क्या है महत्व यहां जानें
2022 में स्वदेशी लोगों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका" है।
अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है इस साल की थीम?
स्वदेशी लोगों द्वारा विश्व की लगभग 7,000 भाषाओं में से अधिकांश भाषाएं बोली जाती हैं और वे 5,000 विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं
मुर्गे की बांग से उपजे सवाल
सेंसरी अनुभव से हम पर्यावरण से तुरंत संबंध स्थापित करते हैं जो समय के साथ सामाजिक और पारिस्थितिकीय इतिहास बनते हैं और अंत में ...
भाषाओं का सिमटता संसार, हर साढ़े तीन माह में मर रही है एक भाषा
इस समय दुनिया एक ऐसी त्रासदी से गुजर रही है, जिस पर बहुत कम लोगों का ध्यान है। यह त्रासदी भाषाओं की गुमनाम मृत्यु ...
आदिवासी महिलाओं का रचना संसार, भाषाएं जुुदा-मायने एक
आदिवासी रचना संसार की नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के साथ हुए विश्वासघात से आहत तो है, लेकिन भावी पीढ़ी को सशक्त प्रतिवाद का स्वर ...
आदिवासियों के सवालों पर चुप्पी क्यों?
पूरी दुनिया में मूलवासियों/आदिवासियों की कुल जनसंख्या लगभग 48 करोड़ है, जिसका लगभग 22 फीसदी आदिवासी समाज भारत देश में रहता है
थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
मूलवासियों की भागीदारी और ज्ञान से जलवायु परिवर्तन से निपटना होगा आसान
अध्ययन में कहा गया है कि इस नई विधि का उद्देश्य चुने गए इलाकों के निवासियों द्वारा महसूस किए गए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ...
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशी ज्ञान की है अहम भूमिका
समुदाय आधारित पारिस्थितिक कैलेंडर बनाने से जलवायु परिवर्तन की स्थिति में स्थानीय स्तर पर इससे निपटने की क्षमता का विकास होगा
बाघों की उपासना करती हैं स्थानीय जनजातियां, वन्यजीवों की रक्षा में अहम भूमिका: शोध
शोधकर्ताओं ने सोलिगा जनजाति का बंगाल टाइगर के प्रति आध्यात्मिक मूल्यांकन का अध्ययन किया और पाया कि वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने में जनजाति ...
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किस तरह हो भूमि उपयोग, वैज्ञानिकों ने दी सलाह
भूमि-उपयोग में बदलाव करने वाले कारण और प्रभाव विश्व स्तर पर परस्पर जुड़े हुए होते हैं और वे दूर-दूर तक फैले होते हैं।
जैव विविधता की सुरक्षा के लिए 'संरक्षण आय' बहुत अहम है : अध्ययन
कम और मध्यम आय वाले देशों में संरक्षित क्षेत्रों के सभी निवासियों को प्रति दिन 5.50 डॉलर की मूल संरक्षण आय या कंजर्वेशन बेसिक ...
मूल निवासियों के भविष्य को खतरे में डाल रही हैं औद्योगिक परियोजनाएं: रिपोर्ट
रिपोर्ट में मूल निवासियों पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन सी169 और मूल निवासियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा की अनदेखी का ...
औषधीय पौधों के बेतहाशा उपयोग का बुरा असर, कम हुआ सांस्कृतिक महत्व और उपलब्धता
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग काफी बढ़ गया है
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली: मूल निवासियों के स्वास्थ्य को सशक्त करने के लिए ऐतिहासिक संकल्प को मंजूरी
90 देशों में करीब 47.6 करोड़ मूल निवासी हैं, जो गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं से दूर हाशिए पर जीने को मजबूर हैं