सूखे साहेल में बाढ़ के मायने
अफ्रीका की साहेल पट्टी में अतिशय बारिश की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। जानकार मान रहे हैं कि यह क्षेत्र जलवायु परिवर्तन ...
जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म
अब समय आ चुका है जब हम अपने पूर्वाग्रहों से बाहर निकलें और कुछ न करने के बहाने ढूंढना बंद करें
वैश्विक तापमान में वृद्धि के लिए मानवीय गतिविधियां जिम्मेदार: आईपीसीसी
लगभग 1750 के बाद से लगातार मिश्रित ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) की सांद्रता (कंस्ट्रेशन) में वृद्धि देखी गई है
खाद्य पदार्थों की बर्बादी रोकनी होगी, तब कम होगा जलवायु परिवर्तन
आईपीसीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य उत्पादन और उपभोग की व्यवस्था ठीक नहीं की गई तो 2050 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन ...
गर्म होती जलवायु के कारण अधिक ऊंचाई पर हो रहे हैं हिमस्खलन
निम्न-से-मध्यम ऊंचाई वाली पर्वत श्रृंखलाओं की बर्फ में भविष्य में होने वाले बदलावों से अधिक ऊंचे पर्वतीय वातावरण में होने वाले खतरों का अनुमान ...
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट: अनुकूलन की हद पार कर चुके हैं कई क्षेत्र, लेखकों ने चेताया
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट में जलवायु अनुकूलन को लेकर लेखकों ने चिंता जताई है
जलवायु आपदा की आशंका को नजरअंदाज किया जा रहा है: वैज्ञानिक
अध्ययन के मुताबिक अगर वैश्विक तबाही के 1 फीसदी भी हालात बनते हैं, तो आने वाली सदी में लोगों के विलुप्त होने का खतरा ...
जलवायु संकट-1: मनुष्य ने खुद लिखी अपने विनाश की पटकथा
आईपीसीसी के ताजा वैज्ञानिक अनुमान साफ बताते हैं कि धरती की जलवायु एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है जहां से इसे बदलना दूर ...
2100 तक समुद्री स्तर 1.1 मीटर तक बढ़ने का अनुमान: आईपीसीसी
इंटरगवर्नमेंटल पैनल क्लाईमेट चेंज (आईपीसीसी) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र का स्तर 3.6 मिमी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है
सदी के अंत तक 3.2 डिग्री तक बढ़ सकता है तापमान, अब तक के प्रयास नाकाफी
ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कटौती का दीर्घकालिक लाभ लागत से ज्यादा है
अंजीर के परागणकों और इस पर निर्भर रहने वाले जीवों पर मंडराया खतरा
अंजीर जंगल में रहने वाली पक्षियों और स्तनधारियों के लिए भोजन का एक अहम स्रोत है, लेकिन बढ़ते तापमान के कारण इन्हें परागण करने ...
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के सबक: बाद में फायदेमंद होंगे आज महंगे लग रहे उत्सर्जन कम करने के तरीके
यह रिपोर्ट ऊर्जा, भवन, यातायात, भूमि और औद्योगिक क्षेत्रों में अपनाए जाने वाले उन उपायों की विस्तृत सूची पेश करती है, जिनसे उत्सर्जन में ...
समुद्री ग्रीष्म लहरों का भारत पर दिखेगा ज्यादा असर: रिपोर्ट
आईपीसीसी के अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि भारत समेत हिंद महासागर से सटे अन्य देश इन चरम घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते ...
आईपीसीसी रिपोर्ट की दस मुख्य बातें
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व में हुए कई परिवर्तन आगामी एक हजार वर्ष तक बने रहेंगे
जलवायु संकट-2: भारत सहित सभी एशियाई देशों में 2021 में दिखा सबसे अधिक असर
आईपीसीसी रिपोर्ट कहती है कि जलवायु परिवर्तन को एक हद तक रोकने का यह अंतिम मौका है, जिसे हम चूक गए तो बहुत देर ...
जलवायु संकट-3: पूर्वाेत्तर भारत में मंडरा रहा है बड़ा खतरा
जलवायु परिवर्तन ने भारत में जैव विविधता से भरे-पूरे पूर्वोत्तर राज्यों को कम होती मॉनसूनी बारिश और अचानक आने वाली बाढ़ के खतरे में ...
पेड़ पौधों पर हर साल खर्च करने होंगे 2 बिलियन डॉलर: अध्ययन
शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि 2055 तक 0.6 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड को रोकने के लिए प्रति वर्ष 2 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा।
लद्दाख इलाके में पिघलते ग्लेशियरों के भयंकर परिणाम हो सकते है : अध्ययन
शोध दल ने लद्दाख क्षेत्र के ग्लेशियरों से ढकी झीलों का एक व्यापक सर्वेक्षण किया। उन्होंने 50 साल की अवधि में इन झीलों की ...
आने वाले 10 से 12 सालों में गर्मी अपने चरम तक पहुंच जाएगी, ऐसे चला पता
मशीन लर्निंग का उपयोग करने वाले दो जलवायु वैज्ञानिकों ने गणना की, कि पृथ्वी 2033 से 2035 के बीच 1.5 डिग्री सेल्सियस के निशान ...
92 फीसदी देशों में हर दूसरे साल चरम पर पहुंच सकती है गर्मी: अध्ययन
दुनिया भर के 165 देशों में किए गए अध्ययन में से 92 प्रतिशत देशों में हर दो साल में गर्म वार्षिक तापमान में अत्यधिक ...
ग्लोबल वार्मिंग के चलते दक्षिण पूर्व एशिया में लगातार बढ़ेगी लू की घटनाएं: अध्ययन
शोधकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि तीव्र लू (हीटवेव) चलने की घटना जो 50 वर्षों में मुश्किल से केवल एक बार होती थी, ...
जलवायु परिवर्तन के कारण एशियाई पारिस्थितिकी तंत्र में हुआ भारी बदलाव
अध्ययन में जलवायु और वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड में तेजी से बदलाव के कारण 3.4 करोड़ साल पहले हुई तबाही का पता चला
उष्णकटिबंधीय इलाकों में 2100 तक गर्मियों के मौसम का हर दिन होगा भीषण लू की जद में: अध्ययन
उष्णकटिबंधीय इलाकों में लाखों लोग सन 2100 तक साल के आधे महीनों के दौरान खतरनाक गर्मी की चपेट में आ सकते हैं
क्या जलवायु के गर्म होने पर कार्बन का ज्यादा भंडारण करेंगे प्लवक, क्या होगा बदलाव?
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि आने वाली सदी में सूक्ष्म प्लवक द्वारा जमा की गई कार्बन की मात्रा में वृद्धि होगी
समुद्र का स्तर बढ़ने से दुनिया भर के आधे से अधिक तटों पर मंडरा रहा है खतरा
अध्ययन में शामिल दुनिया भर के 7,283 समुद्र तटों में से लगभग आधे से अधिक में हर साल सदी के अंत तक कई बार ...