जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किस तरह हो भूमि उपयोग, वैज्ञानिकों ने दी सलाह
भूमि-उपयोग में बदलाव करने वाले कारण और प्रभाव विश्व स्तर पर परस्पर जुड़े हुए होते हैं और वे दूर-दूर तक फैले होते हैं।
प्रकृति को बचाने के लिए जी20 देशों को हर साल करना होगा 21.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश
वर्तमान में जी20 देश प्रकृति-आधारित समाधानों पर हर साल करीब 9 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रहे हैं, जिसमें 2050 तक 140 फीसदी ...
हवा और सौर ऊर्जा से भोजन उगाना है फसल बोने से ज्यादा फायदेमंद
विश्लेषण से पता चला कि हवा से भोजन उगाना जमीन में सोयाबीन उगाने की तुलना में 10 गुना अधिक कुशल और फायदेमंद है। उत्पादित ...
2030 तक सभी देशों को भूमि सुधार के अपने वादों को निभाना होगा: संयुक्त राष्ट्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल, हम अपने वैश्विक आर्थिक उत्पादन के 10 प्रतिशत से अधिक मूल्य की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ...
धरती की करीब 17 फीसदी हिस्सा है संरक्षित, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
यह सही है कि संरक्षित क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है पर हमें यह भी समझना होगा कि सुरक्षा के नाम पर केवल बाड़ ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंची 21 फीसदी से अधिक सरीसृप प्रजातियां: अध्ययन
अध्ययन में कम से कम 1,829 या 21 प्रतिशत या तो असुरक्षित, संकटग्रस्त या गंभीर रूप से संकटग्रस्त पाए गए।
कम करके नहीं आंकी जा सकती वन संरक्षण में वनवासियों और देशी समुदायों की भूमिका
ब्राजील में पिछले 30 वर्षों में 6.9 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली स्थानीय वनस्पति खत्म हो चुकी है, जिसका केवल 1.6 फीसदी हिस्सा स्वदेशी समुदायों के अधिकार में था
नियमों का पालन करें हौज रानी में काम करने वाले स्क्रैप डीलर, अधिकारियों को करना चाहिए सुनिश्चित: एनजीटी
शिकायत में कहा गया है कि प्लास्टिक, पॉलिथीन बैग और बिजली के तार जलाए जाते हैं, जिससे जहरीली गैसें निकलती हैं और वायु प्रदूषण ...
उत्तराखंड में भारी बीतता है मॉनसून, चार साल में आई 183 आपदाएं
एक अध्ययन में कहा गया है कि 2020 से 2023 तक की अवधि में उत्तराखंड में जल संबंधी आपदाओं में 213 लोग मारे गए
परिवर्तन की पीड़ा
भारत में पर्यावरण पर चल रही बहस को अमीरों और गरीबों के चश्मे से देखने की जरूरत है
जैव विविधता की सुरक्षा के लिए 'संरक्षण आय' बहुत अहम है : अध्ययन
कम और मध्यम आय वाले देशों में संरक्षित क्षेत्रों के सभी निवासियों को प्रति दिन 5.50 डॉलर की मूल संरक्षण आय या कंजर्वेशन बेसिक ...
भूमि उपयोग में बदलाव से घट रही पानी की गुणवत्ता, पानी निकासी में सालाना 69% वृद्धि का अनुमान
भूमि उपयोग में बदलाव से, साल 2100 तक, सालाना पानी बहने की रफ्तार में तीन फीसदी की वृद्धि होगी, जबकि अपवाह में 69 फीसदी ...
ब्रह्मपुत्र नदी में बढ़ सकती है बाढ़ की विभीषिका, गर्म जलवायु है जिम्मेवार
शोधकर्ताओं ने बताया कि गर्म होती जलवायु मानसूनी बारिश की गति को तेजी से बढ़ाएगी जिससे ब्रह्मपुत्र का जल प्रवाह बढ़ेगा और बाढ़ की ...
हिंदू कुश हिमालय में अभी भी संरक्षित क्षेत्र प्रणाली से बाहर हैं 76 फीसदी प्रमुख पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र
अनुमान है कि सदी के अंत तक हिन्दुकुश हिमालय का करीब 80 से 86 फीसदी हिस्सा अपने वास्तविक स्वरुप को खो देगा
संसद में आज (16 मार्च 2022): पीने का पानी की आपूर्ति कर रही नगर निकायों के लिए बीआईएस मानक अनिवार्य नहीं
भारत में 2020 में बिजली गिरने से कुल 2862 मौतें हुईं। बिजली गिरने से सबसे ज्यादा 436 मौतें बिहार में हुईं
एशिया में मैंग्रोव के साथ तेजी से घट रही हैं तटीय रेखाएं, क्या हैं सुरक्षा के उपाय?
मैंग्रोव तटीय कटाव को रोककर और तट की ओर आने वाली लहरों को कम करके तटीय सुरक्षा प्रदान करते हैं
नदियों से भारी मात्रा में उत्सर्जित हो रही है मीथेन, इसे रोका जा सकता है, लेकिन कैसे?
यह शोध इसलिए अहम है जो बताता है कि, मीठे पानी के संरक्षण और बहाली के प्रयासों से मीथेन उत्सर्जन में कमी लाई जा ...
पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव न केवल व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह है, साथ ही वो पर्यावरण को भी नुकसान ...
इस जंगल में नंगे पैर घूमे, पेड़ों को लगाएं गले तो हो जाएंगे स्वस्थ
रानीखेत के कलिका क्षेत्र में मुख्य सड़क से करीब 50 मीटर अंदर इस हीलिंग सेंटर को चीड़ के जंगलों में बनाया गया है
दुनिया भर में कैसा है टिकाऊ कृषि का भविष्य
सतत कृषि या सस्टेनेबल एग्रीकल्चर मैट्रिक्स राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ कृषि के लिए स्वतंत्र और पारदर्शी माप की जानकारी प्रदान करता है।
जमीन की जद्दोजहद
झारखंड में आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं। भविष्य में जमीन के लिए संघर्ष और तेज होगा।
लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: क्या बक्सर में किसानों की मांग और भूमि अधिग्रहण बीजेपी को पड़ा महंगा?
बिजली संयंत्र भूमि अधिग्रहण पर हुए विरोध प्रदर्शन ने मतदाताओं का रुझान राजद उम्मीदवार और किसान अधिकारों के पैरोकार सुधाकर सिंह की ओर मोड़ ...
चारा संकट की जड़ें, भाग दो: पशुओं की आबादी बढ़ी, लेकिन चारागाहों में आई कमी
आजादी के बाद से देश में कुल दर्ज चारागाह भूमि में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है
सदी के अंत तक मैंग्रोव के जंगलों के विनाश से कार्बन उत्सर्जन 50 हजार फीसदी तक बढ़ने के आसार
पिछले 20 वर्षों में खेती व शहरीकरण के लिए मैंग्रोव के जंगलों को काटने से कार्बन भंडार में 15.84 करोड़ टन की कमी आई ...
चारा संकट की जड़ें, भाग एक: हरित क्रांति के समय से शुरू हो गई थी समस्या
हरित क्रांति के समय से चारे की उपेक्षा हो रही है। चारा फसलों का घटता क्षेत्र और उच्च उत्पादन वाली बौनी किस्मों ने इस ...