भारतीय किसान, 'चक्रव्यूह' में फंसा अभिमन्यु
देश के ग्रामीण क्षेत्रों की लगभग 58% आबादी खेती पर निर्भर है, इतने बड़े तबके का अशांत होना देश के लिए अच्छा संकेत नहीं ...
बढ़ते तापमान के कारण समय से पहले उड़ान भर रही हैं भौंरा रानियां, परागण होगा कम
शोध के आंकड़ों से पता चलता है कि अधिक खेती वाले इलाकों में भौंरों की पहली उड़ान अब एक सदी पहले की तुलना में ...
निर्माण कार्यों, शिकार और जलवायु में बदलाव से प्रवासी पक्षियों में आई भारी गिरावट: अध्ययन
प्रवासी पक्षियों की कुल 103 प्रजातियों का अध्ययन किया गया, जिनमें बड़े पैमाने पर डेटासेट का उपयोग करके कछुआ कबूतर और आम कोयल जैसी ...
क्या जूनोटिक रोगों का हॉटस्पॉट बन सकता है भारत?
अध्ययन में कहा गया है कि कम से कम 10 हजार वायरस प्रजातियों के लोगों को संक्रमित करने के आसार हैं
जलवायु में आते बदलावों से कैक्टस की 60 फीसदी प्रजातियों पर मंडराया खतरा
कैक्टस पौधों की एक ऐसी जीवट किस्म है, जो गर्म से गर्म वातावरण में पनप सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौधों ...
शहरों के सतही तापमान को 12 डिग्री तक कम करते हैं पेड़: अध्ययन
शोध के मुताबिक पेड़ों वाले शहरी क्षेत्रों में आमतौर पर भूमि की सतह का तापमान आस-पास के समान क्षेत्रों जहां पेड़ नहीं थे, उनकी ...
अब पश्चिम बंगाल पर मंडराया दुर्लभ जमीनी चक्रवात का खतरा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, अगर ऐसा हुआ तो 1891 से अब तक का यह 15वां जमीनी चक्रवात (लैंड साइक्लोन) होगा
कोरबा के आदिवासी किसानों ने 25 बरस बाद जमीन अधिग्रहण के लिए लौटी विदेशी कंपनी के खिलाफ शुरु किया आंदोलन
सैकड़ों आदिवासी किसानों ने बुधवार को बिलासपुर उच्च न्यायालय को पोस्ट कार्ड लिखकर अपनी भूमि वापस दिलाने की अपील की है। किसानों द्वारा पोस्ट ...
भारत क्यों है गरीब-11: मेवात के 47 फीसदी क्षेत्र में नहीं है सिंचाई की व्यवस्था
मेवात जिले में गरीबी की बड़ी वजह यह है कि यहां खेतों की सिंचाई के लिए व्यापक व्यवस्था नहीं है
2018 में हर रोज तोड़े गए 114 घर, 2 लाख लोग हुए बेघर : रिपोर्ट
हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क की स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट सिटी, हाईवे जैसी परियोजनाओं की वजह से तोड़फोड़ की गई
किसानों से 100 लाख हेक्टेयर उपजाऊ जमीन लेकर बंजर दी
उपजाऊ जमीन का दूसरे काम में उपयोग हुआ। इसकी भरपाई बंजर जमीन से की गई। भारत में कृषि संकट के लिए जिम्मेदार इस पहलू ...
सामुदायिक संसाधनों से चारे की 60 प्रतिशत जरूरतें होती हैं पूरी: जोशी
सामुदायिक संसाधनों को विकसित करने की दिशा में कार्यरत फाउंडेशन फॉर ईकोलॉजिकल सिक्युरिटी के कार्यकारी निदेशक संजय जोशी ने राजस्थान जैसे राज्यों में सामुदायिक ...
पिछले दो दशकों में दुनिया भर की 4 हजार वर्ग किमी आर्द्रभूमि का हुआ नुकसान
दुनिया भर के कुल ज्वारीय आर्द्रभूमि में लगभग तीन-चौथाई की कमी एशिया में हुई, जिसमें से लगभग 70 फीसदी इंडोनेशिया, चीन और म्यांमार में ...
इंसानी गतिविधि और भूमि उपयोग के चलते बढ़ रहा है झीलों में प्लास्टिक प्रदूषण
अध्ययन में पाया गया कि लोगों की अधिक गतिविधि वाले क्षेत्रों में झील के पानी में सूक्ष्म कणों की सांद्रता चौगुनी हो गई थी, ...
अब स्मार्टफोन देगा मिट्टी और पानी के प्रदूषण की जानकारी : शोध
इस तकनीक की मदद से आप पानी को पीने से पहले अपने फोन में इसकी एक बूंद डाल कर पता लगा सकते है कि ...
कहां हो सकता है नए कोरोनावायरस का जन्म, वैज्ञानिकों ने हॉटस्पॉट का लगाया पता
जंगलों पर बढ़ता अतिक्रमण, बदलता भूमिउपयोग और बड़े पैमाने पर पशुधन उत्पादन के चलते चीन में कई हिस्से इस वायरस के लिए हॉटस्पॉट हो ...
2020 में की गई 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या, 6 भारतीय भी शामिल
2020 में करीब 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या कर दी गई थी| इनमें से दो-तिहाई पर्यावरण, जमीन और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के ...
बंजर होता भारत -7: खूबसूरत गोवा भी चपेट में आया
गोवा के अधिकांश राजनेताओं ने जमीन के बड़े-बड़े पट्टे खरीदे हैं, ताकि उन्हें रियल एस्टेट और पर्यटन के लिए विकसित किया जा सके
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: अंधाधुंध खेती से जैव विविधता पर पड़ रहा है भारी असर: शोध
शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि 2070 के अनुमानित तापमान के चलते जंगल की जैव विविधता और खेती के बीच ...
दुनिया भर में भूजल के भंडार और जैव विविधता के संरक्षण में है भारी कमी : अध्ययन
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में भूजल के प्राकृतिक भंडार और जलग्रहण क्षेत्रों का मानचित्रण किया और पाया कि भूजल पर निर्भर पारिस्थितिक तंत्र वाले ...
भारत किस तरह हासिल कर सकता है जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्य, वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
भारत के सबसे अहम संरक्षण वाले क्षेत्रों में से केवल 15 फीसदी संरक्षित क्षेत्र के तहत कवर किए गए हैं
भारत में जल, जंगल, जमीन के लिए एक दशक में 79 पर्यावरण प्रहरियों की हुई हत्या
वहीं 2012 से 2021 के बीच दुनिया भर में 1,733 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी, क्योंकि वो अपने पर्यावरण को बचाने ...
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है शिमला विकास की नई ड्राफ्ट योजना, एनजीटी ने लगाई रोक
कोर्ट ने आगाह किया है कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार इस ड्राफ्ट योजना के साथ आगे बढ़ती है, तो इसके पर्यावरण और सार्वजनिक सुरक्षा के ...
अतीत से: सबसे जानलेवा द ग्रेट भोला चक्रवात
5 लाख लोगों की मौत का कारण बने इस चक्रवात के बाद पूर्वी पाकिस्तान में व्यापक असंतोष पनपा और उसकी स्वायत्तता की मांग ने ...