शिशु मृत्यु दर में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे, बाल विवाह और कुपोषण हैं कारण
मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर देश में सबसे अधिक 47 बच्चे प्रति हजार है, जो देश में सबसे अधिक है।
जीवन भक्षक अस्पताल-7: दिल्ली से सटे इस अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं हैं बच्चे
राजधानी दिल्ली से सटे हुए फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में हर तीसरे दिन एक बच्चे की मौत हो जाती है या तो बच्चों की ...
जीवन भक्षक अस्पताल-5: गुजरात के इन अस्पतालों में हर रोज मर जाते हैं 2 से 3 बच्चे
गुजरात के अहमदाबाद में सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस सिविल अस्पताल में भी 2019 में भर्ती कुल बच्चों में से 21 फीसदी बच्चों की ...
उत्तराखंड: मांओं और नवजात शिशुओं की मौत के मामलों की जांच जरूरी
उत्तराखंड में वर्ष 2016-17 से 2020-21 के बीच कुल 798 महिलाओं ने प्रसव के दौरान या प्रसव से जुड़ी मुश्किलों के चलते दम तोड़ ...
जीवन भक्षक अस्पताल-1: देश के अस्पतालों में हर एक मिनट पर एक नवजात शिशु की मौत
देश के अस्पतालों में औसत 1452 नवजात शिशुओं की मृत्यु एक दिन में होती है। वहीं एक घंटे में 60 और एक मिनट में ...
बाल मृत्यु दर केरल में सबसे कम, बिहार में सबसे अधिक: एनएफएचएस-5
पाँचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार देश के अधिकांश राज्यों में बीते आधे दशक में पाँच वर्ष से कम आयु-वर्ग के ...
जीवन भक्षक अस्पताल-4: आधुनिक सुविधाओं के बाद भी यहां मर जाते हैं बच्चे
दूरदराज के इलाकों में बने अस्पतालों में ही बच्चों की मौत होती है। राज्य की राजधानी हो या देश की राजधानी से सटे शहर। ...
मानचित्र से समझें, देश में मातृ मृत्यु अनुपात के हालात
मातृ मृत्यु अनुपात में सुधार एक अच्छा संकेत जरूर है लेकिन यह एसडीजी लक्ष्य से काफी दूर है
मध्यप्रदेश: 16 साल में 17 लाख शिशुओं की मौत, आईएमआर में फिर सबसे ऊपर
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे में मध्यप्रदेश लगातार 15वीं बार शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में सबसे ऊपर रहा
आवरण कथा, जहरीली हवा का दंश, भाग-दो: बच्चों पर भारी बीता नवंबर का महीना
भारत में वायु प्रदूषण से हर 5 मिनट में एक नवजात और हर 3 मिनट में 5 साल से कम उम्र के एक बच्चे ...
जीवन भक्षक अस्पताल-6: उत्तराखंड के इस अस्पताल में एक साल में हुई 228 नवजात की मौत
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल हल्द्वानी का डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय है, जहां 2019 में कुल भर्ती नवजातों में से 16 ...
जीवन भक्षक अस्पताल-2: एनआईसीयू तक में नहीं है ऑक्सीजन की व्यवस्था
राजस्थान के कोटा ही नहीं, बल्कि ज्यादातर अस्पतालों में भर्ती बच्चों की मौत बताती है कि इन अस्पतालों में बच्चों को बचाने के पर्याप्त ...
खास पड़तााल: हरियाणा में फिर बिगड़ा लिंगानुपात, गर्भ में ही मारी जा रही हैं बच्चियां
हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के दावों को आंकड़ों ने झुठला दिया है। पिछले कुछ सालों से लगातार गिरता लिंगानुपात संकेत देता है कि ...
बड़ी पड़ताल: 10 हजार बच्चों की मौत को सामान्य घटना मानते हैं अस्पताल प्रशासन
देश के 10 राज्यों के 19 सरकारी अस्पतालों में एक साल में लगभग 10 हजार से अधिक नवजात की मौत हो गई। नवजातों की ...
साल 2022 में अपने पांचवें जन्मदिन से पहले ही मौत के मुंह में समा गए 49 लाख बच्चे
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पांचवें जन्मदिन से पहले मरने वाले बच्चों की संख्या घट रही है
कैसे होगा सतत विकास का लक्ष्य हासिल जब हर दिन हो रही है 6,575 नवजातों की मौत
2020 के दौरान दुनिया भर में करीब 50 लाख बच्चे अपना पांचवा जन्मदिन नहीं देख पाए थे, जिनमें 24 लाख नवजात भी शामिल थे
संसद में आज: मनरेगा के लिए 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि आवंटित
मनरेगा के तहत चालू वित्त वर्ष 2021-22 में पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट की तुलना में धन आवंटन 18 फीसदी से अधिक बढ़ा
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023: 125 देशों में 111वें स्थान पर भारत, कुपोषण की बेहद गंभीर है स्थिति
देश में कुपोषण की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश में 18.7 फीसदी बच्चे बेहद पतले हैं। वहीं 15 ...
क्या छलावा है प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना?
केंद्र सरकार की मातृत्व कल्याण योजना का लाभ अधिकांश महिलाओं को नहीं मिल रहा है
जीवन भक्षक अस्पताल-3: बीते साल 22 फीसदी भर्ती बच्चे नहीं लौट पाए घर
मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक है, इसकी बड़ी वजह यह है कि राज्य के बड़े सरकारी अस्पतालों में कई खामियां हैं
संसद में आज: प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस साल हो चुकी है 889 लोगों की मौत
क्या है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ पैकेज, 2022 का नया संस्करण?
टीकमगढ़: अस्पतालों में प्रसूति दर बढ़ने के बाद भी मांओं और नवजातों की हालत खराब
बहुत कम महिलाओं की हो प्रसवपूर्व उचित देखभाल पाती है, जबकि प्रोत्साहन राशि के लिए ज्यादातर महिलाएं सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी कराती हैं
वंचितों की पूरी पीढ़ी तैयार कर चुकी है महामारी
नवजात, जल्द पैदा होने वाले और पांच साल तक के बच्चे महामारी से बचने के बाद भी इसके असर से बच नहीं पाएंगे
संसद में आज: लोकसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का वर्तमान अनुपात 15.12 फीसदी है
राष्ट्रीय पोषण मिशन का कुल वित्तीय प्रभाव लगभग 1,81,703 करोड़ रुपये है
भारत में मातृ मृत्यु अनुपात में 9 फीसदी की गिरावट, जानें सभी राज्यों का हाल
2017 से 19 के बीच पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तराखंड में मातृ मृत्यु अनुपात के मामले में स्थिति पहले के मुकाबले और बदतर हो ...