पर्यावरण मुकदमों की डायरी: दिल्ली में वन भूमि अतिक्रमण पर एनजीटी ने अधिकारियों को लगाई लताड़
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
सिंगरौली में जानलेवा हादसे के बाद भी जारी है रिलांयस यूनिट से फ्लाई ऐश का बहाव
रिलांयस की सासन पावर लिमिटेड ने हादसे के बाद भी न ही फ्लाई ऐश की सफाई का काम तेज किया है और न ही ...
नदियों व जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए वर्तमान अपशिष्ट जल उपचार काफी नहीं
दुनिया भर में हर साल लगभग 8,29,000 मौतें प्रदूषित पानी के उपयोग से होने वाली बीमारियों के कारण होती हैं।
टोंगा का ज्वालामुखी विस्फोट सैकड़ों हिरोशिमा के बराबर: नासा
नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि इस विस्फोट से निकलने वाली ऊर्जा की मात्रा पांच से 30 मेगाटन ट्रिनिट्रोटोल्यूनि (टीएनटी) के बराबर थी।
पूर्वी कर्नाटक के भूजल में यूरेनियम की मात्रा तय सीमा से कई गुणा अधिक पाई गई : अध्ययन
वैज्ञानिकों ने पाया कि तुमकुर और चित्रदुर्ग जिलों के एक-एक गांव में, कोलार में पांच और चिक्काबल्लापुर जिले के सात गांवों में यूरेनियम की ...
सीईपीआई स्कोर में दखल देने की कोई वजह नहीं, एनजीटी ने किया स्पष्ट
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
घोड़ों की आवाजाही के चलते कुफरी में वन क्षेत्र को हो रहा नुकसान, बहाली के लिए एनजीटी ने दिए निर्देश
मीठी नदी किनारे मलबे की डंपिंग का मामला, एनजीटी ने दिए जांच के आदेश
पर्यावरणीय क्षति का सामना कर रही पंपोर की आद्रभूमियां, जांच के लिए संयुक्त समिति गठित
एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत एक आवेदन में कहा गया है कि अपर्याप्त सुरक्षा उपायों और खराब ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कारण पंपोर की आर्द्रभूमियां ...
80 फीसदी जीवन का आश्रय स्थल हैं समुद्र, दोहन से पहले उनका भी रखना होगा ध्यान
जलवायु परिवर्तन, बढ़ते प्रदूषण और संसाधनों के अनियंत्रित दोहन के चलते समुद्री जीवों और जैवविविधता के साथ करीब 300 करोड़ लोगों की जीविका भी ...
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: त्रयंबकेश्वर नदी के प्रदूषण पर रोक लगाने में विफल रहा है एमपीसीबी : एनजीटी
भारत में इमारतों व निर्माण कार्यों के मलबे का केवल 1 फीसदी हिस्सा किया जा रहा है रिसाइकल: सीएसई
देश में हर साल कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन से जुड़ा करीब 15 करोड़ टन कचरा उत्पन्न होता है। जबकि उसकी आधिकारिक रूप से ज्ञात रीसाइक्लिंग ...
समुद्री प्रदूषण: हर साल समुद्र में खो जाते हैं जालों के 1,400 करोड़ हुक, 7.4 लाख किलोमीटर लम्बी फिशिंग लाइन
वैज्ञानिकों के अनुसार समुद्र में पड़े यह बेकार जाल हर साल हजारों समुद्री जीवों की जान ले रहे हैं
क्यों गायब हो रहा है झीलों का नीला रंग, वैज्ञानिकों ने खोजी वजह
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में 85,360 झीलों और जलाशयों के 51.4 लाख उपग्रह छवियों का उपयोग कर उनके सबसे सामान्य पानी के रंग को ...
सबसे अधिक पानी की समस्या से जूझ रहे हैं एशिया और अफ्रीका के लोग: अध्ययन
वैज्ञानिकों के अनुसार 2021 में किए गए सर्वेक्षण में 3 अरब वयस्कों में से 43.6 करोड़ पानी की कमी से जूझ रहे थे
समुद्र के सतही पानी में तीन गुना से अधिक बढ़ा पारा: अध्ययन
समुद्र में पारा अत्यधिक जहरीले मिथाइलमर्करी के रूप में मछलियों में जमा हो जाता है। इंसानों द्वारा इन मछलियों का सेवन करने पर यह ...
ग्लोबल साउथ में रहने वाली आबादी झेलेगी साफ पानी की कमी का सबसे बड़ा संकट : अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, वर्तमान में दुनिया भर में 55 फीसदी आबादी उन क्षेत्रों में रहती है जहां हर साल कम से कम एक महीने ...
वैश्विक प्लास्टिक संधि: क्या प्लास्टिक प्रदूषण के संकट से भावी पीढ़ियों को बचाएगी संधि?
दुनिया भर में प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता जा रहा है और यदि इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ तो अनुमान है कि 2050 तक यह ...
वैज्ञानिक अध्ययन के बाद ही जलकुंभी को साफ करने के लिए रसायनों का करें उपयोग: एनजीटी
एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यह जांच करने को भी कहा है कि जलकुंभी या प्राकृतिक जल निकायों में ड्रेनजाइम का उपयोग ...
पर्यावरण मुकदमों की साप्ताहिक डायरी: ओसुदु झील पर 10 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे समिति: एनजीटी
उत्तराखंड सिंचाई विभाग की विफलता के कारण मैली हो रही है गंगा?
संसद में आज: देश के 230 जिलों में आर्सेनिक व 469 जिलों में फ्लोराइड तय मात्रा से अधिक
देश के 25 राज्यों के 230 जिलों के अलग-अलग हिस्सों में तय सीमा से अधिक आर्सेनिक होने की जानकारी है
संसद में आज: 800 आर्सेनिक प्रभावित बस्तियों में से 69 बस्तियों में हो रही है नल से जलापूर्ति
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जल संरक्षण के लिए 1,09,610.29 रुपये खर्च किए गए हैं
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: राजस्थान में खनन से प्रदूषित हो रही है खारी नदी
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें –
2009 से अब तक खत्म हो चुके हैं दुनिया के 14 फीसदी मूंगे
2009 से 2018 के बीच करीब 11,700 वर्ग किलोमीटर में फैली यह प्रवाल भित्तियां (कोरल अथवा मूंगे) अब पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं, जिसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं