हम एक दिन में बर्बाद करते हैं 45 लीटर पानी
पानी के बिना जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारे देश में बड़ी संख्या में लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं, ...
पानी के प्रबंधन में पिछड़े यूपी, राजस्थान और दिल्ली, गुजरात सबसे आगे: नीति आयोग
शुक्रवार को नीति आयोग द्वारा जारी जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई 2.0) जारी किया है
कोरोनावायरस और साफ पानी का महत्व
जिस वक्त हम सार्स-सीओवी-2 का सामना कर रहे हैं, पानी की उपलब्धता ही इस बात का निर्धारण करेगी कि हम इस लड़ाई को जीत ...
बर्बाद दिखता भविष्य
नदी पास में न होने के कारण बेंगलुरु हमेशा तालाबों और झीलों पर निर्भर रहा है। आधुनिक बेंगलुरु के संस्थापक केंपे गौड़ा ने 15वीं ...
जलशक्ति अभियान की हकीकत: संदिग्ध सफलता का जश्न मनाता “गया”
जलशक्ति अभियान के तहत गया जिले को जल संचय के पांच अलग-अलग और दो विशेष कामों के तहत कुल 62.30 अंक के साथ देश ...
जलशक्ति अभियान की हकीकत: क्या केंद्र ने बिना जांचे ही जिलों को दे दी शीर्ष रैंकिंग
जल शक्ति अभियान की हकीकत का जायजा लेने के बाद जलशक्ति मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने क्या कहा-
जब तक नहीं आएगी "मॉनसून एक्सप्रेस", पाली में तब तक चलेगी “वाटर एक्सप्रेस"
पिछले सालों में राजस्थान के अलावा चेन्नई, लातूर और बुंदेलखंड में वाटर ट्रेनें चलाई गईं थीं, लेकिन अभी इन स्थानों से रेलवे के पास ...
कोरोना महामारी : ज्यादा हाथ धोने से भारत में पैदा हो सकता है जलसंकट
पांच व्यक्तियों के एक परिवार को केवल हाथ धोने के लिए प्रतिदिन 100 से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होगी
नदियों के घर में रहने वाले लोग प्यासे
उत्तराखंड के 43 फीसदी इलाकों में पानी की न्यूनतम उपलब्धता भी नहीं
आजादी के 72 साल बाद भी पीने के पानी से वंचित है देश के 21 करोड़ ग्रामीण
23 फीसदी ग्रामीण आबादी को हर दिन पीने का 40 लीटर साफ पानी भी नहीं मिलता, जबकि देश में 3 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण ...
एनएसएसओ रिपोर्ट पर सवाल, बिहार की महज 1.1% ग्रामीण आबादी को मिल रहा नल से जल
बिहार सरकार ने इस आंकड़े को भ्रामक कहा है। सरकार ने कहा है कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 40 से 45 प्रतिशत आबादी ...
उत्तराखंड के एक नहीं पांच जिलों में है भीषण जल संकट
उत्तराखंड जल संस्थान की रिपोर्ट कहती है कि फिलहाल राज्य के 500 जलस्रोत सूखने की कगार पर हैं।
“हर घर-जल” अब लेगा “स्वच्छ भारत” का स्थान!
वित्तमंत्री ने जिस तरह से रूक रूक कर हर घर-जल स्लोगन कहा है तो क्या इसका अर्थ यह निकाला जाए कि यह योजना भी ...
जल संकट का समाधान: धाराओं के सूखने के संकट से ऐसे निपट रहे हिमालयी राज्य
भीषण जल संकट के दौर से गुजर रहे देश के मैदानी इलाकों के साथ हिमालयी राज्य भी पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन ...
आखिर इस दर्द की दवा क्या है...
भोपाल से सटे सीहोर, अशोकनगर, रायसेन, गुना, राजगढ़ और विदिशा जिले में बहने वाली 32 नदियों में से केवल पांच नदियों में थोड़ा-बहुत प्रवाह ...
जल संकट का समाधान: विजयनगर के जल कौशल के अंग्रेज भी थे कायल
दक्षिण भारत के राजाओं ने तालाबों और बांधों की उत्तम व्यवस्था की और स्थानीय लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया
पीने के पानी पर आफत
शहरीकरण ने तालाबों को बहुत नुकसान पहुंचाया है और पुराने जल मार्ग आज गायब हो गए हैं। चेन्नई शहर में जलापूर्ति की व्यवस्था 1872 में ...
विपत्ति में एक शहर
जिन जलस्रोतों ने जोधपुर को अकाल से बचाया, आज उनकी अनदेखी की जा रही है। अत्यधिक दोहन से भूजल भी काफी गिर चुका है।
वाटर ट्रेन इंसानों की ही नहीं, मगरमच्छों की भी बचाएगी जान
जवाई बांध में जल स्तर अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा, ऐसे में बांध में रह रहे करीब 350 मगरमच्छों के जीवन पर खतरा ...
ग्रामीण इलाकों का पानी चूस रहे हैं शहर
38.3 करोड़ लोगों की आबादी वाले 69 शहरों को प्रति वर्ष लगभग 16 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त होता है
मीलों पानी ढोने वाली माएं खो देती हैं अपनी सेहत और बच्चे : रिसर्च
पहली बार पानी ढोने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य प्रभाव को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय शोध किया गया है। इसके परिणाम चिंताजनक हैं।
भरपूर बरसात फिर भी नहीं है नर्मदा की सहायक नदियों में प्रवाह, क्या है वजह
होशंगाबाद जिले में स्थित नर्मदा की सहायक नदियां गर्मी में तो सूख ही जाती है, अब बरसात के मौसम में भी इन नदियों में ...
सूखे का कारण न बन जाए मॉनसून की कम बारिश
जुलाई के महीने में आमतौर पर मॉनसून की एक तिहाई बारिश होती है, लेकिन 7 जुलाई तक 21 प्रतिशत कम बारिश हुई
बिहार में गहरा रहा जलसंकट, क्या इस बार भी पड़ेगा सूखा
बिहार में सरकारी और निजी तालाबों की संख्या दो दशक पहले तक 2.5 लाख थी जो अब घट कर 98401 हो गई है।
तालाबों के शहर गया में जल संकट के लिए कौन है दोषी
कभी गया जिले में 200 और केवल शहर में 50 तालाब हुआ करते थे, जिनका अपना धार्मिक महत्व था, लेकिन अब हालात बदल चुके ...