जानवरों के लिए सुरक्षित नहीं दुनिया की 73 फीसदी भूमि, शिकार और पकड़े जाने का है खतरा
दुनिया की करीब 44 फीसदी भूमि, कृषि के चलते उभयचर जीवों के लिए सुरक्षित नहीं है। वहीं 50 फीसदी भूमि पर पक्षियों और 73 ...
खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण
क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण लागू करने से दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में सिर्फ कुपोषण से संबंधित बीमारियों से 200,000 अतिरिक्त मौतें ...
पिलर कोरल्स की आबादी में आई 80 फीसदी की गिरावट, इंसानी हस्तक्षेप बनी वजह
इंसानी हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन के चलते मूंगे की खूबसूरत प्रजाति पिलर कोरल पर भी विलुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। पता चला ...
आवास की गुणवत्ता और जैव विविधता दोनों मधुमक्खी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं : अध्ययन
अधिक फूलों वाले इलाके मधुमक्खियों के लिए बेहतर पराग और फूलों का रस प्रदान कर सकते हैं, जो उन्हें संक्रमण से लड़ने में मदद ...
खतरे में हैं 6,400 किमी का सफर करने वाली मोनार्क तितलियों का अस्तित्व, रेड लिस्ट में शामिल
आईसीयूएन के अनुसार पिछले एक दशक में इन तितलियों की आबादी में 72 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन ...
पॉलिनेटर वीकः मधुमक्खियों और तितलियों का बचा रहना है बेहद जरूरी
एफएओ ने चेताया है कि दुनिया भर में लगभग 40 फीसदी अकशेरुक (वर्टीब्रेट) परागणक (पॉलिनेटर) की प्रजाति विलुप्त हो सकती हैं, जिनमें मधुमक्खियां और ...
शिकार के बाद अब जलवायु परिवर्तन और इंसानी गतिविधियों से मंडरा रहा इस विशाल जीव पर खतरा
शिकार से धीरे-धीरे उबरने के बाद अब ब्लू व्हेल बढ़ते तापमान, प्रदूषण, शिपिंग और अन्य इंसानी गतिविधियों के कारण पैदा हुई समस्याओं से जूझ ...
छठी सामूहिक विलुप्ति अधिक भयावह, 1500 के बाद से 73 पीढ़ियां लुप्त हो गई: अध्ययन
44 प्रजातियों के विलुप्त होने से पक्षियों को सबसे अधिक नुकसान हुआ, उसके बाद स्तनधारी, उभयचर और सरीसृपों का नंबर आया
विलुप्त होने से बच सकती हैं लोगों द्वारा पाली जा रही 800 से अधिक शेलफिश प्रजातियां
शोधकर्ताओं ने सूची में 801 सीपों के बीच संभावित समानताएं और पैटर्न का पता लगाया है ताकि उन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सके ...
सीबीडी कॉप-15: प्रकृति के साथ शांति समझौते की दिशा में कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई
ब्राजील ने अफ्रीकी महाद्वीप और भारत सहित 14 अन्य देशों की ओर से हर साल कम से कम 100 बिलियन डॉलर की वित्तीय सब्सिडी ...
जैव विविधता (संशोधन) अधिनियम 2021: सरकार की मंशा और जन सरोकार
केंद्र सरकार जैव विविधता कानून में संशोधन करने जा रही है, इसके लिए संसद की संयुक्त समिति ने लोगों से आपत्तियां या सुझाव मांगे ...
कवकों की 20 लाख से ज्यादा प्रजातियों से अनजान दुनिया, महज 155,000 को किया जा सका है दर्ज
दुनिया में फंगी यानी कवकों को 25 लाख से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनमें 90 फीसदी से भी ज्यादा से दुनिया अनजान है
भारत में दर्ज की गई पक्षियों की 1,036 प्रजातियां, दुनिया में तीसरी सबसे अधिक
द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, 538 पक्षी प्रजातियां दर्ज की गई। उत्तराखंड में 426, असम में 420, महाराष्ट्र ...
लोकसभा में पारित हुआ जैव विविधता (संशोधन) विधेयक 2022, किन बातों पर रहेगी नजर
सुनिश्चित करना होगा कि ये संशोधन भारत को कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करें
विलुप्ति के कगार पर पहुंच रही जंगली प्रजातियों को बचाने के लिए प्रयास नाकाफी: अध्ययन
वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानव गतिविधि ने पृथ्वी को छठे स्थान पर धकेल दिया है, जहां प्रजातियां सामान्य से 100 से 1,000 गुना तेजी से ...
2022 के 351 नई प्रजातियों का वर्णन और उनका नामकरण करेंगे वैज्ञानिक : प्राकृतिक संग्रहालय
वर्णन में गुबरैला की 84 प्रजातियां, पतंगों की 34 प्रजातियां, मोथ जीवों की 23 प्रजातियां, ट्रिमेटोड कीड़ों की 13 प्रजातियां तथा एशिया से भौंरे ...
परागण में कमी से फल-सब्जियों के उत्पादन में 5 फीसदी की कमी, हर साल 4.27 लाख मौतें
अपर्याप्त परागण के चलते वैश्विक स्तर पर जहां कुल फल उत्पादन में 4.7 फीसदी की गिरावट आ रही है, वहीं इसकी वजह से सब्जियों ...
समुद्री प्रजातियों की जानकारी के लिए नोआ ने बनाया विशेष उपकरण
नोआ के द्वारा सर्वेक्षण के दौरान पकड़ी गई 800 से अधिक समुद्री मछलियों और अकशेरुकी प्रजातियों के लिए एक मानचित्रण किया गया है।
आम जनता के फायदे के लिए दी गई पर्यावरण के नियमों में छूट: सरकार
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
हर साल खाल के लिए मारे जा रहे 59 लाख गधे, तीन वर्षों में 14 फीसदी का हो सकता है इजाफा
इन गधों की हत्या के पीछे की सबसे बड़ी वजह चीन में 'एजियाओ' की बढ़ती मांग है, जिसका बड़े पैमाने पर उपयोग चीन की ...
संयुक्त राष्ट्र ने अपनाई ऐतिहासिक "उच्च समुद्र" संधि, क्यों है महत्वपूर्ण?
संधि को 2030 तक दुनिया के महासागरों और भूमि के 30 प्रतिशत की रक्षा करने वाले देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है
चिंताजनक: दुनिया भर में अहम जैव विविधता वाली 80 फीसदी जगहों पर मानव विकास जारी
जैव विविधता वाले अहम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से संबंधित कई चीजें जुडी हुई है, जिनमें सबसे आम सड़कें 75 फीसदी, बिजली की लाइनें ...
असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में मिली पक्षियों की 250 प्रजातियां, दो पर मंडरा रहा गंभीर संकट
असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में पाई गई पक्षियों की इन 250 प्रजातियों में गंभीर संकट में पड़े सफेद पूंछ वाले गिद्ध और व्हाइट रम्प्ड ...
संसद में आज: भारत में 73 प्रजातियों को गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया
देश में वर्तमान में 8700 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 11 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण चल रहा है
मानव गतिविधियों के चलते मुश्किल में महासागर और इसके निवासी : संयुक्त राष्ट्र
हर साल 80 प्रतिशत तक कूड़ा नदियों से बहकर समुद्र में पहुंच रहा है, जो कि लगभग 11.5 से 21.4 लाख टन है। 1,400 ...