बिजली के लिए इथोपिया के बांध निर्माण पर मिस्र का विरोध जारी
जलसंकट के चलते मिस्र ने अपने यहां चावल उगाना बंद कर दिया है। वहीं, इथोपिया के जरिए नील नदी पर बनाए जा रहे बांध ...
दिल्ली-एनसीआर के उद्योग स्वच्छ ईंधन की ओर अग्रसर, लेकिन चुनौतियां बरकरार
सीएसई के अध्ययन में बताया गया है कि आपूर्ति, मूल्य और निगरानी जैसी चुनौतियों के कारण अभी भी कई बाधाएं हैं
अर्थशास्त्रियों ने कहा, वृद्धावस्था-विधवा पेंशन और मातृत्व लाभ की धनराशि बढ़ाना जरूरी
भारत सहित विश्वभर के 51 प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने आगामी बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन और मातृत्व लाभ की धनराशि बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ...
जब मुफ्त मिलती थी दाल
साठ और सत्तर के दशक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में होटल वाले दाल के नहीं लेते थे पैसे
टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान लागू स्वास्थ्य मानकों पर कई सवाल
आईओसी ने ओलंपिक खेलों के दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कई स्वास्थ्य मानक तैयार किए हैं
MGNREGA never intended to pay workers based on caste: Jean Drèze
Economist and honorary professor at the Delhi School of Economics, Jean Drèze speaks to Down To Earth
अब चोट या डोप टेस्ट के कारण नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के कारण खिलाड़ी हो रहे खेल से बाहर
पिछले एक साल में दुनिया के कई टॉप खिलाड़ियों ने मानसिक स्वास्थ्य कारणों से अपने को बड़े खेल आयोजन से अलग किया
आदिवासियों से पूछिए क्या है जीवनशाला की सच्चाई
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी तीन दशक से स्वयं के प्रयास से 7 जीवनशाला स्कूल चला रहे हैं
जब तक नहीं आएगी "मॉनसून एक्सप्रेस", पाली में तब तक चलेगी “वाटर एक्सप्रेस"
पिछले सालों में राजस्थान के अलावा चेन्नई, लातूर और बुंदेलखंड में वाटर ट्रेनें चलाई गईं थीं, लेकिन अभी इन स्थानों से रेलवे के पास ...
भविष्य में कितना प्रभावी रहेगा “राइट टू हैल्थ”
राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार को “राइट टू हेल्थ” को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करने का सुझाव दिया है
रूस-यूक्रेन युद्ध: कलम नहीं अब हाथों में हैं घातक हथियार
-रूस-यक्रेन युद्ध में अब हालात ऐसे बन गए हैं कि जिन हाथों में कलम और लैब में शोध के लिए परखनली हुआ करती थीं ...
कृषि के आर्थिक मामलों के जानकार बोले : अब खेती को व्यापार की तरह देखने की जरूरत
नए कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के विरोध और समर्थन के बीच कृषि अर्थशास्त्री मानते हैं कि कृषि विधेयक किसानों के लिए नए विकल्प खोल ...
मनरेगा: प्रवासी मजदूरों ने खड़ा किया गांव की आय का स्त्रोत
कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण शहरों से लौटे प्रवासी मनरेगा कार्य करके गांव को सुंदर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं
निर्मल और स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोलता एक गांव!
21 साल के दौरान पहले निर्मल भारत और फिर स्वच्छ भारत अभियान के दौरान इस गांव में केवल चार शौचालय बने, लेकिन कागजों में ...
खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों के लिए जिम्मेवार कौन?
प्याज, लहसुन के बाद खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ रही हैं। इसकी फौरी वजह पर तो बात की जा रही है, लेकिन असल वजह ...
यह है मानव विलुप्ति का ब्लूप्रिंट
होमो जीनस की होमो सेपिंयन्स नौवीं प्रजाति है। इसके पहले आठ पूर्वज धरती पर पहले से ही मौजूद थे
क्या बांध सुरक्षा विधेयक मलसीसर बांध जैसी दुर्घटनाएं रोक सकेगा?
देश में बांधों की सुरक्षा, समुचित निगरानी, निरीक्षण और प्रचालन सुनिश्चित करने के लिए बांध सुरक्षा विधेयक लोकसभा में पेश किया गया।
तीन मिनट, एक मौत: वायु प्रदूषण के शिकार बच्चों की ठंड में बढ़ जाती है मुसीबत
अभी ठंड शुरू हुई है और बच्चों की तकलीफ बढ़ने लगी है। दिल्ली, एनसीआर सहित उत्तर भारत के सभी राज्यों के अस्पतालों में बच्चों ...
एक बार फिर दिल्ली का प्रदूषण क्रिकेटरों को कर सकता है परेशान
तीन नवंबर को दिल्ली में भारत व बांग्लादेश के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच है, लेकिन दिल्ली में वायु प्रदूषण जैसे बढ़ा है, उसका असर ...
तीन मिनट, एक मौत: जहरीली हवा से नौनिहालों का सांस लेना हुआ मुश्किल
जयपुर का तीन साल का अनस लगभग हर माह फेफड़ों के संक्रमण के कारण अस्पताल भर्ती होता है, उसके चिकित्सक मानते हैं कि उसकी ...
नर्मदा घाटी पर एक और बांध के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे
परियोजना से प्रभावितों ने जिलाधीश से मांग की कि वे हमें बताएं कि इस परियोजना कितने गांव, खेती और जंगल डूबेंगे
भारत के लिए चुनौती बना ठोस कचरे का निपटान
भारत के शहरों के पास इस कचरे के निपटान के लिए कोई जगह या साधन नहीं है और ना ही सरकारों के पास इच्छा ...
खुद ही कचरा निस्तारण कर मिसाल बना रानीखेड़ा गांव
कभी शहर भर का कचरा अपने गांव के बाहर डालने का विरोध करने वाले गांव रानीखेड़ा के लोगों ने दिल्ली ही नहीं पूरे देश के लिए ...
हीटवेव के आंकड़े छुपाने में माहिर होते हैं अधिकारी
वास्तविकता यह है कि प्रशासनिक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कभी भी पचास डिग्री सेल्सियस घोषित ही नहीं करते।
राजस्थान में स्थानीय स्तर पर पहली बार दिखा जलवायु परिवर्तन का असर
राजस्थान पिछले डेढ़ दशक से अतिशय मौसम का शिकार होता रहा है। इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पूर्व मेंबर सचिव ...