2021 Cabinet reshuffle: In ministers sacked, there is a message
Amid an ongoing pandemic, a raging conflict over rights activists being targeted by the government and a collapse of the labour market, the exit …
जल व स्वच्छता पर 1.42 लाख करोड़ रुपए खर्च करेंगी पंचायतें
वित्त आयोग ने पंचायतों को अपने खर्च का 60 फीसदी जल व स्वच्छता पर खर्च करने का सुझाव दिया
पड़ताल: किसानों के लिए सरकार और बाजार दोनों जरूरी
तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आखिर सरकारी सहायता को जारी रखने की मांग क्यों कर रहे हैं, पड़ताल करती रिपोर्ट की ...
बधाई हो! आखिरकार कृषि भारत में राजनीतिक एजेंडा बन ही गया
दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रिसमस के दिन सांता क्लॉस बने। किसानों के लिए फंड का आवंटन किया और ...
COVID-19 cut carbon emissions but not enough to dent global warming
The lockdown-related fall in emissions is just a tiny blip on the long-term graph. We need a sustained flattening of the curve - WMO …
नए युग में धरती: नष्ट हो चुका है प्रकृति का मूल चरित्र
क्या वह समय आ गया है कि हम विकास की इस अंधी दौड़ से निकलकर अपनी आकांक्षाओं पर लगाम लगाएं और संवहनीय जीवन जिएं?
नए युग में धरती : कहानी हमारे अत्याचारों की
मौजूदा समय को भले ही हम कलयुग का नाम दें लेकिन वैज्ञानिक भाषा में इसे मानव युग यानी एंथ्रोपोसीन कहा जा रहा है। यह ...
वंचितों की पूरी पीढ़ी तैयार कर चुकी है महामारी
नवजात, जल्द पैदा होने वाले और पांच साल तक के बच्चे महामारी से बचने के बाद भी इसके असर से बच नहीं पाएंगे
India’s agrarian distress: Is farming a dying occupation
Farmers across the globe are quitting their business, while the rural youth population is increasing. Who will grow our food?
How India remains poor: ‘It will take 7 generations for India’s poor to reach mean income’
World Economic Forum’s latest report says social inequality negates gains from high economic growth
पहला पेशा, अंतिम मौका
करीब 120 वर्षों से कृषि शिक्षा के जरिए भारत की खेती-किसानी को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने का दावा किया जा रहा है। ...
आर्थिक सर्वेक्षण: देश में घट रही है प्रजनन दर, जनसंख्या वृद्धि दर में होगी गिरावट
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि आने वाले सालों नौ राज्यों में प्रतिस्थापन दर के मुकाबले प्रजनन दर कम हो जाएगी
An old elegy for a new season
Assurance of a normal monsoon doesn’t decide agricultural performance anymore
'कोविड-19 से उबरने के बाद छह माह से गंध व स्वाद मुक्त जीवन जी रहा हूं मैं'
दुनिया में मेरे जैसे 10 करोड़ लोग कोविड-19 के बाद के दुष्प्रभाव झेलने को मजबूर हैं
Why rich and poor farmers demand MSP, government intervention in market
Agriculture not possible without government support, rue farmers
गांवों पर केंद्रित होगा बजट, लेकिन लाभार्थियों को लाभ देने पर होगा जोर
अगर किसी भी बजट में फील-गुड फैक्टर होता है, तो इस साल यह होना चाहिए
जलवायु संकट-1: मनुष्य ने खुद लिखी अपने विनाश की पटकथा
आईपीसीसी के ताजा वैज्ञानिक अनुमान साफ बताते हैं कि धरती की जलवायु एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है जहां से इसे बदलना दूर ...
People who grow their own food, eat and remain healthy; But erratic weather may change this adage
Without normal weather, self-sufficient households may have to depend more on markets, thus spending more on food than before
Prime Minister Narendra Modi offers advice on freebies
The prime minister’s call to the youth to be careful about political parties bribing them with freebies for votes is also a recognition of …
भारत की गरीबी: सुरजीत भल्ला की कल्पनाओं का कोई अंत नहीं
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक भल्ला ने ऐलान किया है कि मोदी सरकार द्वारा मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के चलते, भारत 2020 में ...
क्यों हो रहा है भारत में भूख का विस्तार?
दो दशक से गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या में अस्पष्टता के बावजूद उनके लिए शुरू की गई राशन योजना का दायरा ...
विश्लेषण : ग्लास्गो समझौते से दुनिया को क्या मिला
निर्धारित समय से अधिक दिन तक चले कॉप-26 से वे उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं, जिसकी आस में विश्व इसकी ओर ताक रहा था। ...
कॉप-26 रिपोर्ट कार्ड: ग्लासगो में भूमिगत ही रहा कृषि मुद्दा
कृषि, वानिकी एवं जमीन का इस्तेमाल विश्व के एक चौथाई ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं
कॉप-26 का रिपोर्ट कार्ड: ग्लोबल वार्मिंग में मीथेन की भूमिका को पहली बार मिला महत्व
105 देशों ने इसका उत्सर्जन कम करने के संकल्प-.पत्र पर हस्ताक्षर किए, हालांकि तीन बड़े उत्सर्जकों ने नहीं किए हस्ताक्षर
कोविड-19: व्यवस्था में चली परिवर्तन की बयार
एक तरफ इस महामारी ने जहां कहीं अधिक राजनैतिक हिंसा को हवा दी है, लोगों में विरोध बढ़ा है, साथ ही इसके चलते सरकारों को भी ...