अंतरिम बजट 2024: आर्थिक वृद्धि के पीछे छिपी अग्रिम चेतावनी को समझना क्यों जरूरी?
2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है - जो वित्त वर्ष 2022-23 की 4 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले ...
Women’s Day 2024: ‘She’ is for Self Help Empowerment
In India, women self-help groups have been a source of empowerment, fostering economic independence, social stature & community resilience. …
Sabhas we listen to
On the 30th year of Panchayati Raj, the rise of the Gram Sabha holds the hope of making local-government accountable
Monsoon 2021: Is it time for severe drought in India’s northeast and northwest?
September rain will not be enough to compensate for deficient rainfall in northwest and northeast states of India, says IMD forecast
मानसून का पीछा 2019 : जुलाई में कम वर्षा मतलब सामान्य से कम मानसून
यदि जून में वर्षा 100 मिलीमीटर से कम रहती है तो ऐसा बीते 118 वर्षों में चौथी बार होगा
Tax avoided by corporate groups can eradicate global poverty
As economic slowdown murmur becomes loud across the world, the debate over income inequality gains volume
India’s non-agrarian rural economy struggles for sustenance
Farmers and farm labourers, who want to quit agriculture, are stuck in the non-remunerative work since other sectors are not generating jobs at …
कोविड-19 महामारी से त्रस्त साल में बढ़ी अरबपतियों की संख्या
2008 की आर्थिक मंदी के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि केवल अमीर ही और अमीर बनेंगे, बजाय इसके कि गरीब अमीर बनेंगे ...
सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए आंकड़ों से क्यों खेल रही है?
जहां एक तरफ आंकड़ों को जारी होने से रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संवाद आंकड़ों पर आधारित हो रहा है
ग्रामसभा को चाहिए असली ‘विकास’
पंचायती राज के तीस साल पूरे होने पर ग्राम सभाओं का उत्थान, स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था के जवाबदेह होने की उम्मीद जगाता है।
यह संभावित स्टैगफ्लेशन यानी उच्च मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था में ठहराव है
विश्व बैंक का अनुमान है कि 2022 में वैश्विक विकास दर घटकर 2.9 फीसदी रह जाएगी, जो 2021 में 5.7 प्रतिशत थी, जबकि विकासशील ...
Good while it lasted - IV: Anthropocene epoch & mass extinction
Humans will be the first to have a new geological epoch named after the species — an unfortunate event denotative of our irreversible …
एक ऐसा गांव जिसमें इमली के पेड़ों से आंकी जाती है जीडीपी
जब प्रमुख खाद्य अनाज सस्ता हो रहा है, तो जंगलों के किनारे बसने वाले इस गांव में खेती से इतर, इमली के पेड़ अर्थव्यवस्था ...
बजट 2022-23: भविष्य की आधारशिला कितनी मजबूत?
केंद्रीय बजट 2022-23 में मौजूदा साल तक निर्धारित विकास लक्ष्यों पर बात नहीं की गई, लेकिन देश को 2047 तक एक नई यात्रा पर ...
कोविड 19: वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और जनस्वास्थ्य पर अभूतपूर्व संकट
महामारी के वक्र को समतल करने का अर्थ आर्थिक शिथिलता भी है। एक असमान विश्व में इसका सबसे ज्यादा बोझ कौन उठाएगा?
कोरोना महामारी लोगों की बेतहाशा मौत के रूप में ले सकती है बड़ी कीमत
इसकी भविष्यवाणी भी की गई थी, लेकिन हमने कभी नहीं माना कि संपन्न दुनिया में एक ढहती हुई संरचना हम सभी को अपना शिकार ...
COVID-19: A long economic quarantine
Forecast of high temperature, erratic rains and cyclone push India’s poor into a point of no survival return
Amrit Kaal vs New India: Why do we buy metaphysical political agenda in deep economic distress
India has not met any of the targets fixed for 2022; But ‘Amrit Kaal’ has now become the government’s vision for …
क्या भारत फिर कृषि प्रधान बनेगा?
खरीफ का मौजूदा रकबा उम्मीद जगाता है क्योंकि कोविड काल में अधिक से अधिक किसान खेती की ओर लौट रहे हैं
क्या कोविड-19 पर काबू पाया जा सकता है?
दुनिया भर में कोरोनावायरस की वजह से 40 करोड़ से ज्यादा लोग एक दूसरे से दूर आइसोलेशन में रह रहे हैं
जानिए कैसे कोविड-19 ने 2020 में भारत में बदल दिया अपराध का प्रोफाइल
आईपीसी की धारा 188 के तहत 2019 में 29,469 मामले दर्ज किए गए। वहीं 2020 में देश भर में 6,12,179 मामले दर्ज किए गए। ...
क्यों है दुनिया को पलायन के एक और नई लहर की जरूरत ?
प्रवासी निकट भविष्य में विकसित देशों की अर्थव्यवस्था को बनाए रखेंगे क्योंकि उनकी कामकाजी आबादी रिकॉर्ड स्तर पर कम हो गई है।
अभूतपूर्व खाद्य मूल्यवृद्धि : खड़ा कर रहा जीवन यापन का संकट
भारत के वित्त मंत्रालय ने पहले ही चेतावनी दी है कि विभिन्न कारणों से 2023 में खाद्य कीमतों में वृद्धि होगी। चरम मौसम की ...
विश्लेषण: खाद्य प्रणाली में सुधार से किसे पहुंचेगा फायदा?
23 सितंबर को आयोजित यूएन फूड सिस्टम्स समिट का उद्देश्य फंडिंग में कटौती किए बिना, इस सेक्टर से होने वाले भारी उत्सर्जन को कम ...
अगले 45 सालों में उच्चतम स्तर पर होगी वैश्विक जनसंख्या
लांसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 2100 तक भारत सर्वाधिक जनसंख्या और प्रवास वाला देश बन जाएगा