Swasti Pachauri is an assistant professor at Dr B R Ambedkar University Delhi and specialises in gender and rural livelihoods
International Women’s Day: Self-help groups are institutions with bargaining power today; now it is time for the next step
Self-help groups bring about socio-economic empowerment of women by providing access to income-generating opportunities. Focus should now be on …
महिला दिवस पर विशेष: परिवार से अधिकार तक - अब नेतृत्व की बारी
आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इससे पूर्व डा…
सावन संग, संगीत और रंग
जन्माष्टमी के आसपास कदम्ब का पेड़ भी अपने फलों से लद जाता…
देव भूमि के दर्शन और पर्यावरण की अनकही
एक अजब सा सुकून शहरों की भागम भाग से बहुत दूर मिलता है, अप…
साहित्य में पर्यावरण: संरक्षण का ककहरा
सेवाग्राम में स्थित गांधी आश्रम पर्यावरण, इतिहास और मान…
बराबर नहीं हर एक लिए व्यथा की अभिव्यक्ति
हर किसी के लिए कोरोना की आप बीती अलग रही है, इसलिए हर कोई अ…
कोरोनाकाल में ट्विटर के बाहर की दुनिया की बेबसी
कोविड की तीसरी लहर आने से पहले उम्मीद है सभी लोग मिलकर …
बीता साल, नया साल: शांति सबको पसंद, लेकिन इतनी भी नहीं!
शुरुआत के कुछ दिन, एक बहुत भयभीत करने वाली शान्ति हवा में…
वो हरसिंगार का पेड़ और मौन संवाद
शायद ही कोई ऐसा इंसान हो, जिसने हरसिंगार के फूलों की मन…
कोरोना काल और बालकनी में सिमटी प्रकृति
यह भी सच है कि घरों में भी वही बैठ सकते हैं जो कि एक अलग कि…
कोरोना काल में बदली संवाद की भाषा
लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे सभी भय से उबर रहे हैं, लेक…
सोम बाजार, लॉकडाउन और ट्विटर पर बनती पॉलिसी
हम लोग अपने ट्विटर और अपनी इंस्टाग्राम में इस कदर खोये ह…
COVID-19 outbreak brings attention back to informal sector
Over 90% of the country’s total workforce is in the informal sector
The curious case of randomness
Cheer for the Nobel, but randomised controlled trials can't be the quick-fix for all problems
महिलाओं ने भारतीय जनता पार्टी को क्यों वोट दिया
2019 के चुनाव ने औरतों की भूमिका को बढ़-चढ़कर रेखांकित किया…