आज की तुलना में 14 फीसदी अधिक हो सकती हैं धरती पर पेड़ों की प्रजातियां, लेकिन...
पृथ्वी पर वृक्ष प्रजातियों की कुल संख्या का अनुमान 73,274 है, जिसका अर्थ है कि लगभग 9,200 वृक्ष प्रजातियों की अभी भी खोज की ...
नए युग में धरती: कुछ दशकों में खत्म हो जाएंगे अफ्रीकी हाथी
नया अध्ययन बताता है कि अवैध शिकारियों ने 2010 से 2012 के बीच पूरे अफ्रीका में अनुमानतः एक लाख हाथी (लोक्सोडोंटा अफ्रीकाना) मार दिए
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: मणिपुर में प्रस्तावित की गई हैं 2,282 जैव विविधता प्रबंधन समितियां: रिपोर्ट
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
देशी प्रजातियों पर विदेशी हमला, भाग-पांच: लैंटाना जैसी प्रजातियों के समूल नाश के लिए राष्ट्रीय नीति का अभाव
जंगली जानवरों को जंगल में ही रहने और उन्हें उनका पसंदीदा भोजन उपलब्ध कराना बेहद जरूरी हो गया है, इसके लिए एक राष्ट्रीय नीति ...
बीमार करने वाले रोगजनकों के एंजाइमों को रोक सकता है बजट नामक मेंढक का प्रोटीन
शोधकर्ताओं के अनुसार, मेंढकों ने अपनी त्वचा के माध्यम से एक रक्षात्मक तंत्र विकसित किया है, जो सूक्ष्मजीवों से लड़ने में मदद करता है।
नर्मदापुरम में इको-सेंसिटिव जोन के उल्लंघन के आरोपों की जांच करेगी विशेषज्ञ समिति
पर्यावरण को लेकर अदालतों में चल रहे मामलों पर 20 फरवरी 2024 को क्या हुआ, यहां जानें-
कुछ जानवर समय के साथ आकार में बड़े तथा कुछ छोटे होते गए, आखिर क्यों?
अलास्का के घोड़े, क्रिप्टोडिरन कछुए और आइलैंड की छिपकलियां समय के साथ क्यों सिकुड़ गईं, इसका रहस्य एक नए अध्ययन में सुलझाया गया है।
अनोखी विशेषता वाले कछुओं और मगरमच्छों के विलुप्त होने की आशंका सबसे ज्यादा: अध्ययन
कुछ प्रजातियां बीज फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं, कुछ बिल बनाकर अन्य प्रजातियों के लिए आवास बनाते हैं और अन्य शिकारी होते हैं ...
पिलर कोरल्स की आबादी में आई 80 फीसदी की गिरावट, इंसानी हस्तक्षेप बनी वजह
इंसानी हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन के चलते मूंगे की खूबसूरत प्रजाति पिलर कोरल पर भी विलुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। पता चला ...
दुनिया भर में जंगलों का इलाका 6 दशकों में 60 फीसदी से अधिक घटा: अध्ययन
अध्ययनकर्ताओं ने दुनिया भर में भूमि उपयोग डेटासेट का उपयोग यह जांचने के लिए किया कि समय के साथ दुनिया भर में जंगल किस ...
पॉलिनेटर वीकः मधुमक्खियों और तितलियों का बचा रहना है बेहद जरूरी
एफएओ ने चेताया है कि दुनिया भर में लगभग 40 फीसदी अकशेरुक (वर्टीब्रेट) परागणक (पॉलिनेटर) की प्रजाति विलुप्त हो सकती हैं, जिनमें मधुमक्खियां और ...
आस्ट्रेलिया में हो रही हैं आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं
2015 के बाद 2019 में हुई आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं, अफ्रीका भी है आग की चपेट में
अमेजन के जंगल की अंधाधुंध कटाई: 10 साल में कटा 84 लाख फुटबॉल मैदान जितना जंगल
कई शोध बताते हैं कि एक मिनट में अमेजन से 3 फुटबॉल मैदान जितना जंगल खत्म हो रहा है
उत्तराखंड में बाघ का हमला: क्या बढ़ती संख्या के साथ सिकुड़ रहा है बाघों का प्राकृतिक आवास?
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धूमाकोट में बाघ अब तक दो लोगों का अपना शिकार बना चुका है, लेकिन सवाल यह है ...
मुदुमलाई टाइगर रिजर्व से आक्रामक प्रजाति के वृक्षों को हटाने की तैयारी
तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में स्थित टाइगर रिजर्व के कोर और बफर जोन में पिछले पांच सालों में आक्रामक प्रजाति के वृक्ष 800 से ...
डाउन टू अर्थ खास: खानपान में बदलाव से कम हो रही है आदिवासियों की उम्र!
खानपान में परिवर्तन और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच न होने के कारण आदिवासी आबादी की जीवन प्रत्याशा में कमी आ रही है
यात्रा वृतांत: उत्तराखंड का यह गांव, जहां से युवा नहीं करते पलायन
उत्तराखंड के गांव के गांव खाली हो रहे हैं। सबसे पहले युवा रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं, लेकिन इन गांवों में ऐसा ...
शहरी वातावरण के मुताबिक अपनी गतिविधि में बदलाव कर रहे हैं जंगली जानवर: अध्ययन
रात के समय में शिफ्ट होने से, कोयोट्स का हिरण और गिलहरी दोनों के साथ संपर्क कम होता था, जिससे शिकार तक उनकी पहुंच ...
उत्तराखंड की 1 लाख इको-उद्यमी बनाने की योजना से जुड़ी उम्मीदें और सवाल
अक्टूबर 2021 में इकोप्रेन्योरशिप कार्यक्रम की घोषणा की गई थी, लेकिन क्या यह योजना हकीकत बन पाएगी
बिरसा मुंडा के वंशजों का हाल, अधिग्रहित की 27 डिसमिल जमीन, वापस की 12.5 डिसमिल
धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम पर सरकार कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन उनके वंशज ही बदहाली में जी रहे हैं
खास रिपोर्ट: कोयले का काला कारोबार-दो
कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद जून 2020 में कोयले की खानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इसके पीछे पूरी कहानी क्या है?
तापमान बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग
अगले कुछ दिन राज्य के जंगलों पर मौसम की मेहरबानी रहेगी। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने 28 मई से राज्य में ज्यादातर जगहों पर ...
लॉकडाउन का असर: न महुआ और न बांस की टोकरी बेच पा रहे हैं कमार जनजाति के लोग
हमारे समाज का एक ऐसा वर्ग है जो पहले से हाशिये पर है उनके आजीविका पर लॉकडाउन का असर दिखाई देने लगा है
गिद्धों को बचाने के लिए खुला है अनूठा रेस्टोरेंट
दुनिया से विलुप्त हो रहे गिद्धों के लिए हिमाचल के पौंग डैम वैटलैंड में वाइल्डलाइफ विंग ने रेस्टोरेंट शुरू किया है, जहां लोग अपने ...
समय से पहले जमने लगे हैं बीज, नहीं हैं शुभ संकेत
पृथ्वी के तीसरे ध्रुव माने जाने वाले तिब्बती पठार पर शोधकर्ताओं ने एक व्यापक अध्ययन किया, जिसमें कई चिंताजनक बातों का पता चला