चार गुना ज्यादा तेजी से हो रहा है कई प्रजातियों का विकास, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
प्रजातियों की आनुवंशिक विभिन्नताओं के विश्लेषण से पता चला है कि दुनिया में कई प्रजातियों का विकास अनुमान से चार गुना ज्यादा तेजी से ...
क्यों शहरों में हो सकता है ब्लैकआउट?
एक अध्ययन में पता लगाया गया है कि कैसे शहर बिजली के लिए बेहतर स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं और लगातार बढ़ते तापमान ...
दुनिया की पहली फिशरीज इंडेक्स इंश्योरेंस योजना
नेचर क्लाइमेट चेंज नामक पत्रिका में एक पेपर प्रकाशित किया है। जिसमें कृषि से लेकर मत्स्य पालन तक के जलवायु जोखिम बीमा की चुनौतियों ...
भारतीय-प्रशांत महासागर के गर्म होने से भारत में बदल रहा है बारिश का पैटर्न
हाल ही में वैज्ञानकों को भारतीय-प्रशांत महासागर के एक हिस्से के तेजी से गर्म होने का पता चला है। जिसके कारण भारत सहित दुनिया ...
इस साल मॉनसून ने बदली अपनी चाल, जानें कहां कितनी अधिक हुई बारिश
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वालों ने इस साल कम बारिश की आशंका जाहिर की थी क्योंकि मॉनसून देरी से आया और इसकी प्रगति भी ...
पिछले चार साल से धंस रहा है जोशीमठ, उपग्रह की छवियों से चला पता
अध्ययन के मुताबिक 2018 से 2022 के बीच उत्तराखंड शहर की उपग्रह की छवियों से पता चला है कि इसका पूर्वी हिस्सा हर साल ...
जलवायु में बदलाव से पौधों की प्रजातियों के बीच पैदा हुई गड़बड़ी, वसंत ऋतु से पहले पौधे पर आए फूल
यह अध्ययन पौधों के विभिन्न समूहों के बीच गड़बड़ी पैदा करने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में बताता है
कॉप-27 का समापन क्या दुनिया के लिए नई सुबह लेकर आएगा?
कॉप-27 में जलवायु परिवर्तन से हो रहे नुकसान व क्षति के लिए कोष का गठन करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया
जीवन भर में संजोए म्यूटेशन्स को अपने बच्चों को दे सकते हैं प्रवाल
यह पहला मौका है जब वैज्ञानिकों को इस बात के सबूत मिले है कि कोरल अपने जीवनकाल में आए शारीरिक म्यूटेशन्स को अपने बच्चों ...
शून्य उत्सर्जन की उठापठक
अच्छी खबर यह है कि जलवायु परिवर्तन एक बार फिर से मुख्य एजेंडा बन चुका है। बुरी खबर यह है कि हम गलत चीजों ...
पृथ्वी के सबसे सूखे इलाके में बाढ़ और बर्फबारी के मायने
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में अभूतपूर्व बारिश हो रही है। हालांकि ये अकेला ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इतिहास में पहली बार इतनी तेज ...
हिमालय में आ सकता है बड़ा भूकंप, वैज्ञानिकों ने की टेक्टोनिक रूप से सक्रिय नए क्षेत्र की पहचान
वैज्ञानिकों ने हिमालय के लद्दाख क्षेत्र में ऐसे जोन की पहचान की है जो अभी भी टेक्टोनिक रूप से सक्रिय है
डूबता रेगिस्तान
“हमारी आबोहवा गर्मी झेल सकती है लेकिन बारिश नहीं। पता नहीं पिछले डेढ़ दशक से हमसे ऐसी क्या खता हो गई कि ऊपर वाला ...
परिवर्तन की गणना
एट्रीब्यूशन स्टडीज के जरिए पता लगाया जाता है कि जलवायु परिवर्तन मौसम की चरम घटनाओं जैसे चेन्नई की बारिश के लिए किस हद तक ...
जलवायु परिवर्तन पर चिंता: जानें कब से हुई शुरू और क्या है पेरिस समझौता
16 साल की ग्रेटा थनबर्ग के रोषपूर्ण भाषण के बाद एक बार फिर से दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन को लेकर गंभीर चर्चा शुरू ...
बंजर होता भारत -एक: 30 प्रतिशत जमीन पर नहीं उग रहा अनाज का एक भी दाना
बंजर होती धरती पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, इसका हल ढूंढ़ने के लिए 196 देशों के प्रतिनिधि भारत में जुटे हैं। ...
जलवायु परिवर्तन से बढ़ सकती हैं मक्का जाने वालों की मुश्किलें: रिपोर्ट
एक अध्ययन में कहा गया है कि सऊदी अरब में जहां हज की जाती है, वहां आने वाले वर्षों में गर्मी और उमस काफी ...
जलवायु परिवर्तन के कारण अल-नीनो और ला-नीना का पूर्वानुमान लगाना कठिन
भविष्य में सूखे, बाढ़ और मौसम में बदलाव की घटनाओं के बारे में पहले पता करना कठिन हो सकता है
जलवायु परिवर्तन से 10 फीसदी तक गिर सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था!
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अध्ययन में कहा गया है कि जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था में 7 फीसदी की गिरावट आ सकती हैं, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था पर ...
जलवायु परिवर्तन का आपातकाल बहुत हद तक विकसित देशों की देन है : कैथरीन रोवेट
लोग उन चीजों के लिए मतदान करते रहे, जिनके बारे में हम सबको पता है कि हकीकत में वे किसी भी तरह से मूल्यवान ...
मुंबई की बारिश ने फिर साबित किया जलवायु परिवर्तन नहीं है कोई भ्रम
बाढ़ की स्थिति पैदा कर देने वाली वर्षा महज कुछ घंटों में हो रही है जबकि एक लंबा अंतराल सूखे जैसी स्थिति से गुजर ...
राजस्थान में स्थानीय स्तर पर पहली बार दिखा जलवायु परिवर्तन का असर
राजस्थान पिछले डेढ़ दशक से अतिशय मौसम का शिकार होता रहा है। इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पूर्व मेंबर सचिव ...
विपदा नई, इलाज पुराना
बाढ़ और सूखे के असर को कम करने का केवल एक उपाय है। वह है लाखों, करोड़ों जल संरचनाओं को बनाने की तरफ ध्यान ...
जग बीती: पृथ्वी पर सब बढ़िया है!
जग बीती: सूखे से होता है फायदा!