न्यूजीलैंड ने पेश किया वेलबीइंग बजट, क्या भारत लेगा सबक?
न्यूजीलैंड ने आर्थिक विकास के बुलबुले को पहचान लिया है। लोक कल्याण की कीमत पर आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में शामिल देशों को न्यूजीलैंड ...
समावेशी विकास की ओर जाना होगा
सरकार अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने के लिए जितना काम करती है, परिस्थितियां लोगों को गैरकानूनी और अनौपचारिक व्यापार अपनाने को उतना मजबूर करती ...
नजरिया: नस्लवाद का वैज्ञानिक आधार नहीं
आज दुनियाभर में ऐसे दलों का प्रादुर्भाव हो चुका है जो न केवल नस्लभेद के विज्ञान का अभूतपूर्व समर्थन कर रहे हैं बल्कि इसके ...
भारत में जनसंख्या की रफ्तार स्थिर, क्या फिर भी है कड़े कानून की जरूरत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की सलाह दी है। क्या देश को वाकई ...
टीवी की “पॉप” राजनीति
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ के संस्थापक अनिल अग्रवाल की आज 19वीं पुण्यतिथि है। मास मीडिया का उनका आकलन आज ...
सिनेमा में सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना
बड़े परदे यानी सिनेमा में सामाजिक चेतना भले ही पूरी शिद्दत से अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रही हो लेकिन पर्यावरण के विषय उतने मुखर ...
राजस्थान में भेदभाव और सुविधाओं की कमी से प्रभावित हो रही है बालिकाओं की शिक्षा
आज भी राजस्थान के कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां शिक्षा का प्रतिशत अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम है
जग बीती: रामबाण इलाज
बिहार सरकार का ग्रीन बजट 2020-21: कितना है ग्रीन?
बिहार विधानसभा में राज्य का बजट 2020-21 पेश किया गया, जिसे ग्रीन बजट नाम दिया गया है
स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल कुछ खास लोगों का ही इतिहास लिखा गया: पी. साईनाथ
आजादी की कहानियों को जंगलों, गांवों, गृहणियों, किसानों के बीच खोजने की कोशिश है, पी साईनाथ की किताब ‘द लास्ट हीरोज’।
केरल का अरनमुला कन्नडी: एक रूसी का यूक्रेन में अपनी दोस्त के लिए प्यार और शांति का तोहफा
अरनमुला कन्नडी केरल के पत्तनंतिट्टा के एक छोटे से शहर अरनमुला में बना एक हस्तनिर्मित धातु-मिश्रित धातु-दर्पण है। यह केरल का ऐसा पहला उत्पाद ...
मनुष्य और पर्यावरण पर 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में इंदिरा गांधी का भाषण
दुनिया में पहली बार पर्यावरण के प्रति चिंता जताने वाले स्टॉकहोम सम्मेलन को 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर डाउन टू ...
क्या असम में बीजेपी के लिए महिला संबंधी कार्यक्रम कारगर रहे?
सबसे चर्चित योजना ओरुनोदोई रही जो निश्चित तौर पर असम की अब तक की सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी सरकारी कल्याण कार्यक्रम है।
संसद में आज: जैव-इथेनॉल के उत्पादन के लिए जैव रिफाइनरी
भारत में अब तक, कम लागत, टिकाऊ, संसाधन कुशल और आपदा प्रतिरोधी नवीन तकनीकों का उपयोग कर 6,368 घर बनाएं है।
नौजवानों का एक ऐसा ग्रुप जो देश के छह बड़े शहरों में पहुंचा रहा राशन
लॉकडाउन के बीच देश में यूथ फीड इंडिया नाम से एक कैंपेन चल रहा है। इसके तहत क्राउड फंडिंग करके दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंदों ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या इसका असर पर्यावरण पर पड़ेगा?
पर्यावरणविदों ने धीरे-धीरे आबादी को नियंत्रित करने के लिए कठोर उपायों की जरूरत जताने वाली टिप्पणियों से अब किनारा कर लिया है
सतत विकास लक्ष्य के संकेतक ढांचे में बड़े बदलाव, शरणार्थियों की स्थिति सुधारने पर विशेष ध्यान
न्यूयॉर्क में मार्च के पहले सप्ताह में हुई संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग की 51वें सत्र में 8 संकेतक जोड़े गए और 6 हटाए गए
‘अमीर बच्चों की संख्या पर नियंत्रण लगाएं’
अमीर बच्चों की संख्या को सीमित करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि गरीब बच्चों की तुलना में पर्यावरण पर उनका असर कहीं अधिक ...
भारत क्यों है गरीब-9: छत्तीसगढ़ के बीजापुर से पलायन कर रहे हैं लोग
वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ का गठन होने के बाद राज्य ने काफी तरक्की की, लेकिन यहां के सीमांत और जंगल के बीच बसने वाली ...
तीन दशक में 58 फीसदी बढ़ी प्रवासी बच्चों की संख्या: संयुक्त राष्ट्र
दुनियाभर में तकरीबन 27.2 करोड़ लोग अपने जन्म के देश से बाहर रह रहे हैं और इसमें तकरीबन 3.8 करोड़ बच्चे हैं। मतलब, हर ...
गांधी-दर्शन के अनुशासित सिपाही थे विमल भाई
साठ साल के विमल भाई ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली।
क्या आप जानते हैं विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के बारे में, इसमें क्या-क्या शामिल होता है?
एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार कल के युवाओं की मदद कर सकते हैं
बसंत पंचमी: एक ऐसा त्यौहार जो पर्यावरण में बिखरेता है प्रकृति के रंग
उत्तराखंड में बसंत पंचमी के अवसर पर चौंफुला और झुमेलिया नृत्य किया जाता है
शिक्षा भी है लम्बे जीवन की कुंजी, पढ़ाई पर बिताए हर साल से मृत्युदर में देखी गई दो फीसदी की कमी
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि स्कूल न जाना स्वास्थ्य के नजरिए से एक दशक तक हर दिन दस सिगरेट पीने जितना ...
डाउन टू अर्थ खास: जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सक्षम हैं हमारे पारंपरिक घर
सीएसई ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तुलनात्मक अध्ययन कैसे भारत में ग्रामीण समुदाय आवास बनाने के लिए स्थानीय सामग्री और निर्माण तकनीकों का ...