उत्तराखंड में मनरेगा-1: प्रवासियों के लिए कितना फायदेमंद?
उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम करने का न्यौता दिया गया, लेकिन क्या कहते हैं प्रवासी...
मनरेगा के साथ-साथ खेती में जुटे प्रवासी
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गांवों से वही प्रवासी शहरों में लौटना चाहते हैं, जिनके पास खेती के लिए जमीन नहीं है
भारतीय शहरों में बढ़ती गर्मी के 60 फीसदी के लिए जिम्मेवार है बढ़ता शहरीकरण: आईआईटी
क्या शहरों में तेजी से बढ़ता कंक्रीट, पेड़ो और जलस्रोतों का होता विनाश, वहां बढ़ते तापमान और गर्मी के लिए जिम्मेवार है
मनरेगा के बंद होने से रोजगार की तलाश में खाली हो रहे पश्चिम बंगाल के ‘भुतहा’ गांव
रोजगार के अवसरों में कमी के चलते पश्चिम बंगाल के ग्रामीण परिवार स्थाई तौर पर अपने घरों को छोड़ पलायन करने को मजबूर हैं
भोपाल के बड़े तालाब के पास हो रहा आवासीय परिसर का निर्माण, एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
सर्वोच्च न्यायालय ने माथेरान इको-सेंसिटिव जोन में कंक्रीट के पेवर ब्लॉक लगाने पर लगाई रोक
एक सप्ताह के भीतर अपने नियंत्रण में आने वाली हर सड़क की मरम्मत करे एनएचएआई: उच्च न्यायालय
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-2: क्या काम नहीं मांग रहे हैं प्रवासी मजदूर?
मनरेगा अधिकारियों का कहना है कि इस बार प्रवासी मजदूर काम की मांग नहीं कर रहे हैं
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-2: योजना में विसंगतियां भी कम नहीं
कोरोना काल में मनरेगा योजना कितनी कारगर साबित होगी, एक व्यापक विश्लेषण -
मनरेगा: दूर की कौड़ी साबित हुआ बेरोजगारी भत्ता, केवल तीन फीसदी मजदूर को ही मिला
संसदीय समिति ने समय पर बेरोजगारी भत्ता देने को कहा, विभाग ने दिया उत्तर "देखेंगे"
डब्ल्यूएचओ ने पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिए नए दिशा निर्देश किए जारी
दिशा निर्देश देशों को बच्चों और उनके परिवारों के लिए सबसे अच्छी सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार देखभाल पर विशेष जोर देने के ...
डाउन टू अर्थ खास: आवारा कुत्ते, इंसानों के दोस्त या दुश्मन?
इस बात से सभी सहमत हैं कि आवारा कुत्ते समस्या हैं, लेकिन उनकी बढ़ती संख्या सीमित रखने की नीतियों को लेकर मतभेद है
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल: पीड़ित है प्रकृति, प्लास्टिक से भर रहे हैं महासागर
अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस की मूल जड़ें 1970 के दशक से जुड़ जाती हैं जब पर्यावरण संरक्षण राष्ट्रीय राजनीतिक एजेंडा की प्राथमिकता नहीं थी
25 दिसंबर से जोशीमठ ही नहीं, उत्तराखंड के इन इलाकों में भी धंस रही है जमीन?
डाउन टू अर्थ ने जोशीमठ के दूरदराज के गांवों में जाकर देखा तो पाया कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह से वहां भी दरारें आ ...
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं सूक्ष्म जीव
प्रति ग्राम मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की लगभग 40 से 50 हजार प्रजातियां होती हैं। कुछ सूक्ष्म जीव मिट्टी में सुधार कर सकते हैं, ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-11: न बाजार को पसंद है न सरकार को!
कोरोना आपदा में दो कल्याणकारी योजनाओं की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। एक है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
जलवायु परिवर्तन के कारण पलायन से मानव तस्करी और गुलामी का बढ़ रहा है खतरा: रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में 88 प्रतिशत से अधिक और भारत में 61 प्रतिशत से अधिक परिवारों ने बताया कि उनकी आजीविका पर जलवायु ...
पर्यावरणीय संकट काल में मार्क्सवाद और वैकल्पिक विकास-विमर्श
मार्क्स का विमर्श उन्नीसवी सदी में रहा है, जबकि पर्यावरण का प्रश्न बीसवी सदी में उभर कर सामने आया है, लेकिन उनके कुछ विचारों ...
भारत की अर्थव्यवस्था व विकास के लिए खतरा बनी हीटवेव: अध्ययन
शोधकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि भारत गर्म हवाओं के प्रभाव को तुरंत दूर करने में विफल रहता है, तो इसके सतत ...
रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, राजौरी, त्रिशूर, पुलवामा में है भूस्खलन का सबसे ज्यादा खतरा: इसरो
1988 से 2022 के बीच भूस्खलन की सबसे ज्यादा 12,385 घटनाएं मिजोरम में दर्ज की गई हैं। इसके बाद उत्तराखंड में 11,219, त्रिपुरा में ...
जोशीमठ भूधंसाव के बाद केंद्र को पर्यावरण की चिंता, सीमावर्ती क्षेत्रों में बन रहे राजमार्गों को छूट नहीं
जुलाई 2022 में सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बन रहे राजमार्गों को पर्यावरण संबंधी अनापत्ति (ईसी) से छूट प्रदान कर दी थी
अक्षय ऊर्जा: एक साल में 7 लाख नए रोजगार हुए पैदा, 1.3 करोड़ लोगों की जीविका का है साधन
वैश्विक स्तर पर पिछले 12 महीनों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के 7 लाख नए अवसर पैदा हुए हैं। इस तरह इस क्षेत्र ...
संसद में आज (28 मार्च 2022): सरकार ने कहा, उसके पास नहीं हैं असमानता के आंकड़े
दिल्ली के नरेला रोड में राजीव रतन आवास योजना के तहत निर्मित घरों में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता खराब पाई गई