मानव गतिविधियों के चलते मुश्किल में महासागर और इसके निवासी : संयुक्त राष्ट्र
हर साल 80 प्रतिशत तक कूड़ा नदियों से बहकर समुद्र में पहुंच रहा है, जो कि लगभग 11.5 से 21.4 लाख टन है। 1,400 ...
मनरेगा: गांवों को खेतों से जोड़ने के लिए बनाए पक्के रास्ते
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने गांव को शहरों से जोड़ा तो राजस्थान में मनरेगा ने ग्रेवल रोड (मिट्टी, कठोर मिट्टी और गिट्टी) के माध्यम ...
उत्तराखंड: केंद्र ने मनरेगा को खेती से जोड़ने का प्रस्ताव लौटाया
कोविड-19 की वजह से उत्तराखंड लौटे लोगों को बंजर खेतों में काम करने पर मनरेगा की मजदूरी देने का प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ पाया
मनरेगा: नए ग्रामीण भारत की रीढ़
तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद मनरेगा की सार्थकता उसके शुरू होने के चौदह साल बाद भी बरकरार है
भूस्खलन के खतरे तथा कटाव को नियंत्रित करने के लिए देशी पेड़ लगाएं: शोधकर्ता
शोध के अनुसार, स्टील की जाली या स्प्रेड कंक्रीट जैसे कृत्रिम तरीकों की तुलना में पौधे ढलान की मजबूती के लिए एक स्थायी, प्राकृतिक ...
कॉप-28: 50 डिग्री से अधिक गर्मी में रहने वाली दुनिया के लिए ठंडा करने के बुनियादी ढांचे अहम: रिपोर्ट
दुनिया भर में सरकारों को यह पहचानना चाहिए कि ठंडा करना या शीतलन एक महत्वपूर्ण सेवा है और इसे प्रदान करने वाले बुनियादी ढांचे ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-9: कमियों के बावजूद संपूर्ण योजना
मनरेगा की उत्पत्ति उन आपदाओं के मद्देनजर हुई थी जो जमीन या कृषि के कार्य से जुड़ी हुई थी
जलवायु परिवर्तन का दंश झेल रहे मछुआरे, एक दशक में 14 करोड़ डॉलर का नुकसान
वैश्विक जलीय कृषि उत्पादन का 91 फीसदी से अधिक वर्तमान में एशिया में उत्पादित किया जाता है, जिसमें बांग्लादेश चीन, इंडोनेशिया, भारत और वियतनाम ...
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: शिमला और मनाली की तबाही के लिए दोषी कौन?
नाजुक हिमालय में बसे खूबसूरत शहर शिमला व मनाली इस मॉनसून में त्रासदी की भेंट चढ़ गए। आपदा के सवालों का जवाब खोजती रिपोर्ट
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम?
पहले जोशीमठ, फिर शिमला, कुल्लू, नैनीताल में ढहते भवनों ने इस साल हिमालयी राज्यों में बसे हिल स्टेशनों की कैरिंग कैपेसिटी (वहनीय क्षमता) पर ...
लोगों की सुरक्षा की कीमत पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना कितना सही, क्या कहता है उच्च न्यायालय
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि आवारा कुत्तों को खिलाने का इरादा नेक है, लेकिन इससे आम लोगों को ...
किसानों से जुड़े उद्यमों की क्षमता को बढ़ाकर खाद्य प्रणाली विकसित करने में सक्षम है भारत : अध्ययन
डब्ल्यूईएफ की एक नई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जो छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों की ...
पानी और स्वच्छता जैसे अहम मुद्दे के लिए 75 फीसदी देशों के पास नहीं है पर्याप्त धन
2030 तक केवल एक-चौथाई देश ही साफ-सफाई के लिए तय लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे। वहीं 55 फीसदी देश दशक के अंत तक साफ ...
भारत और चीन में समय से पहले भारी संख्या में लोगों को मौत के मुंह में धकेल सकता है वायु प्रदूषण
शोधकर्ताओं ने अधिकांश भविष्य के परिदृश्यों में पाया कि चीन और भारत में सबसे अधिक संख्या में अकाल मृत्यु होने के आसार हैं
इलेक्ट्रॉनिक कचरा: इस साल फेंक दिए जाएंगें 530 करोड़ मोबाइल फोन
इन सभी मोबाइल फोनों को यदि एक के ऊपर एक रख दिया जाए तो इनकी कुल ऊंचाई करीब 50 हजार किलोमीटर होगी जोकि इंटरनेशनल ...
जलवायु परिवर्तन एवं विकास के समय में कार्बन न्याय होना बहुत जरूरी
एक गरीब व्यक्ति कार्बन का लगभग गैर-उत्सर्जक या न्यूनतम उत्सर्जक है, परन्तु वह जलवायु परिवर्तन से अत्याधिक त्रस्त है
पर्यावरण मंजूरी लिए बिना ही हो गया अंधेरी ईस्ट में सागबाग स्नेहसागर हाउसिंग सोसाइटी का निर्माण
समिति की रिपोर्ट के अनुसार न्यू मोनार्क बिल्डर्स ने परियोजना के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्थापना और संचालन के लिए सहमति हासिल ...
ग्रामीण संकट: फिर से बढ़ने लगी मनरेगा में काम मांगने वालों की तादाद
पिछले कुछ महीनों से आर्थिक गतिविधियों पर कोविड-19 की वजह से पाबंदियां घटने के बावजूद इस योजना में काम की मांग बढ़ी
दिल्ली हाईकोर्ट ने गंगा के मैदानी भागों में बासमती धान की पैदावार पर लगी रोक हटाई
मध्य प्रदेश सरकार को दस वर्षों की मशक्कत के बाद बासमती धान पर जीआई टैग हासिल करने का रास्ता खुल गया है।
भारत में बालिग होने से पहले की जा रही है पांच में से एक लड़की की शादी: लैंसेट
अध्ययन में कहा गया है कि एसडीजी लक्ष्य को पूरा करने के लिए बाल विवाह के बढ़ते मामलों में कमी की वार्षिक दर 1.9 ...
शोधकर्ताओं ने बनाया ऐसा सेंसर, जो पानी के प्रदूषित होते ही देगा चेतावनी
आईआईटी, दिल्ली के शोधकर्ताओं ने पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक सेंसर विकसित किया है जो पानी के प्रदूषित होते ही चेतावनी ...
जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक 20 करोड़ लोगों को छोड़ना पड़ सकता है घर
जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाला पलायन और विस्थापन भविष्य में और प्रबल होगा
सुरक्षित नहीं सड़कें, हर घंटे हो रहे 53 हादसे, साल 2022 में 168,491 लोगों की गई जान
रिपोर्ट में जो आंकड़े साझा किए गए हैं वो देश में रफ्तार के बढ़ते कहर की भयावह तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। 2022 के दौरान ...
औषधीय पौधों के बेतहाशा उपयोग का बुरा असर, कम हुआ सांस्कृतिक महत्व और उपलब्धता
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग काफी बढ़ गया है
बेमौसमी बढ़ती गर्मी से फसलों को बचा सकता है बायोचार, वैज्ञानिकों ने बताया तरीका
बायोचार लगभग एक स्पंज की तरह काम करता है और फसल की पैदावार को बनाए रखते हुए मिट्टी को पानी और पोषक तत्वों को ...