झीलों के गर्म होने का पूर्वानुमान लगाना हुआ संभव, वैज्ञानिकों ने विकसित की प्रणाली
झीलों के गर्म होने के पूर्वानुमान लगने से सैल्मन और ट्राउट मछलियों को होने वाले खतरों से बचाया जा सकेगा
शार्क मछलियों पर भी दिखा जलवायु परिवर्तन का असर: शोध
शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग जगह शार्क और उनके बच्चों पर अध्ययन कर पाया कि जलवायु परिवर्तन का असर शार्क और उनके बच्चों को काफी ...
जीव विज्ञानियों ने खोजी गोबी मछली की दो नई प्रजातियां
शोध दल ने दोनों प्रजातियों के लिए माइटोकॉन्ड्रिया से लिए गए डीएनए का विश्लेषण कर इन्हें राइनो गोबियस समूह के भीतर एक प्राचीन वंश ...
दुर्लभ खोज: भारतीय वैज्ञानिकों ने जैसलमेर में खोजी जुरासिक युग की हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजाति
स्ट्रोफोडसजैसलमेरेंसिस प्रजाति की यह शार्क करीब 6.5 करोड़ साल पहले क्रेटेशियस युग के अंत में पूरी तरह विलुप्त हो गई थी
बुरे संकेत: रुक सकता है दिमाग का विकास, घट रही है डीएचए की मात्रा
इस सदी के अंत तक भारत में 25 मिलीग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति से कम रह जायेगा डीएचए का उत्पादन, जबकि डब्ल्यूएचओ ने डीएचए की ...
संकटग्रस्त व्हेल शार्क के लिए बड़ा खतरा है शिपिंग, घटती आबादी के लिए भी है जिम्मेवार
पता चला है कि शिपिंग की बढ़ती गतिविधियों के चलते इन विशालकाय मछलियों के बड़े जहाजों से टकराने का खतरा भी बढ़ता जा रहा ...
दशकों बाद रेडटेल गार्रा नामक वंश की नई मछली प्रजातियों की हुई खोज: शोध
रेडटेल गार्रा जीनस की लगभग 200 अतिरिक्त प्रजातियों में अपना स्थान रखती हैं, जो पृथ्वी पर कहीं भी सबसे विविध और व्यापक रूप से ...
गर्म होते पानी से मछली के आकार पर पड़ रहा है अप्रत्याशित असर: अध्ययन
ग्लोबल वार्मिंग के कारण मछली जैसे जीव कम उम्र में तेजी से बढ़ेंगे लेकिन वयस्कों के रूप में उनका आकार छोटा होगा और मृत्यु ...
दुनिया का सबसे बड़ा सर्वाहारी जीव है व्हेल शार्क, रिसर्च में आया सामने
व्हेल शार्क जोकि दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री मछली है, उसको लेकर की गई नई रिसर्च से पता चला है कि यह मछली दुनिया ...
हिंद महासागर से गायब हो चुकी हैं 90 फीसदी डॉल्फिन, यह है वजह
1950 से 2018 के बीच हिंद महासागर में लगाए गए गिलनेट के चलते करीब 41 लाख जीव मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी मात्रा ...
ओडिशा में मिली मीठे पानी की मछली की नई प्रजाति, गर्रा लैशरामी नाम रखा गया
नई मछली की अधिकतम लंबाई 76 मिमी से 95.5 मिमी तक होती है। इस प्रजाति का स्थानीय लोग खाने में प्रयोग करते हैं
दूर-दराज के क्षेत्रों में भी इंसानों से सुरक्षित नहीं जैव विविधता, जानिए क्या है वजह
शोधकर्ताओं के अनुसार जलवायु परिवर्तन और वैश्विक पर्यावरण में आते बदलावों के चलते दुनिया में इंसानों की पहुंच से दूर होने के बावजूद भी ...
कावेरी में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक जैसे प्रदूषक मछलियों में पैदा कर रहे हैं विकृति
कावेरी नदी में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक जैसे प्रदूषक मछलियों के कंकाल में विकृति पैदा कर रहे हैं। इतना ही नहीं बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के चलते ...
संसद में आज: कोविड में ऑक्सीजन की कमी से कितनों की मौत, सरकार को नहीं पता
राज्य मंत्री ने बताया कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण से संबंधित ...
खत्म होने के कगार पर खड़ी आधी प्रजातियों का लुप्तप्राय सूची में आकलन नहीं : अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि 4,336 प्रजातियां या उन नमूनों में से 56 प्रतिशत को विलुप्त होने का खतरा था, जिसमें 85 प्रतिशत उभयचर ...
नदी तलछट को प्रभावित कर रहा माइक्रोप्लास्टिक, बढ़ते कटाव की बन रहा वजह
रेत के प्रवाह में आने वाला यह बदलाव न केवल नदी में बढ़ते कटाव का कारण बन सकता है, साथ ही नदी के पारिस्थितिकी ...
पश्चिमी घाट में 60 प्रतिशत ऐसी जैव विविधता है, जो केवल यहीं पाई जाती है: अध्ययन
भारत के पश्चिमी घाटों को कई जंगली पौधों, पक्षियों, स्तनधारियों, सरीसृपों, मछलियों और कीड़ों तथा अन्य जीवों के साथ वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट के ...
पिछले चार दशकों से महासागरों में 20 लाख टन माइक्रोप्लास्टिक के कण तैर रहे हैं : अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक 2040 तक प्लास्टिक के हमारे पानी में प्रवेश करने की दर लगभग 2.6 गुना बढ़ जाएगी
इंसानी गतिविधियों के चलते विलुप्ति के कगार पर हैं 57 फीसदी समुद्री प्रजातियां
शोधकर्ता ने पहली बार खतरे वाली समुद्री प्रजातियों पर मानव प्रभावों का वैश्विक मूल्यांकन किया है
विलुप्त होने की कगार पर हैं एक तिहाई शार्क और रे, जरुरत से ज्यादा मछलियों का शिकार है जिम्मेवार
मनुष्यों द्वारा मछलियों का बढ़ता शिकार इन मछलियों पर मंडराते संकट की सबसे बड़ी वजह है उसके साथ ही उनके आवास को हो रहा ...
दुनिया की 16 हजार से अधिक प्रजातियों की आबादी घटी, औद्योगीकरण भी है जिम्मेवार
दुनिया भर में जीवों की करीब आधी प्रजातियों की आबादी में गिरावट आ रही है। वहीं केवल तीन फीसदी प्रजातियां ऐसी हैं जिनमें वृद्धि ...
समुद्री प्रजातियों की जानकारी के लिए नोआ ने बनाया विशेष उपकरण
नोआ के द्वारा सर्वेक्षण के दौरान पकड़ी गई 800 से अधिक समुद्री मछलियों और अकशेरुकी प्रजातियों के लिए एक मानचित्रण किया गया है।
बेलगाम उत्सर्जन की वजह से बड़े पैमाने पर विलुप्त हो रहे हैं समुद्री जीव
अध्ययन में पाया गया है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर लगाम लगाने से विलुप्त होने के खतरे को 70 फीसदी से अधिक कम किया ...
कई दशकों की गिरावट के बाद विलुप्त होने के जोखिम से उबर रही हैं टूना और बिलफिश
कई दशकों की गिरावट के बाद टूना और बिलफिश मछलियां विलुप्त होने के जोखिम से उबर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ शार्कों की आबादी ...
हर तीसरी ताजे पानी की मछली पर मंडरा रहा है विलुप्ति का खतरा
इनपर बढ़ते विलुप्ति के खतरे के लिए काफी हद तक बढ़ता प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, हाइड्रोपॉवर रेत खनन और जरुरत से ज्यादा होता इनका शिकार ...