तो क्या विकास की बलि चढ़ गया असम का हिल स्टेशन हाफलोंग
असम में बाढ़ का आना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार समय से पहले अत्याधिक बारिश की वजह से कई इलाकों में ...
हिमाचल व जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन, विकास कार्यों पर उठी उंगुलियां
हिमाचल प्रदेश में बढ़ती भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश के राज्यपाल ने एक उच्चस्तरीय बैठक की
ब्लॉग: हिमाचल के युवा संभल गए, उत्तराखंड के कब संभलेंगे
आपदाओं के बाद हिमाचल के युवा अपने इलाकों में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का विरोध कर रहे हैं, लेकिन...
उत्तराखंड में 60 घंटे तक लगातार भारी बारिश, नदियों का जलस्तर बढ़ा
उत्तराखंड में अब तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, लेकिन जगह-जगह भूस्खलन के कारण लोग सहमे हुए हैं
नाजुक चमोली सिर्फ ऊंचे पहाड़ों से नहीं बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से भी घिरा है
जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा को डबल करने के लिए अगले कुछ दशकों में हिमालय पर सरकार करीब 229 डैम बनाना चाहती है। यदि ...
आखिर किस की मिलीभगत से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई: भट्ट
पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा, पानी के रास्ते में नहीं आते बांध तो इतना नुकसान नहीं होता
मध्यप्रदेश में 55 लाख किसानों की फसल बर्बाद, क्या मिलेगा मुआवजा
बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण मध्य प्रदेश के किसानों की फसल बर्बाद हो गई है, लेकिन न तो अब मुआवजा मिला है और ...
भारत में बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन जिम्मेवार: अध्ययन
जर्नल वेदर एंड क्लाइमेट एक्स्ट्रीम में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि भविष्य में अधिक दिनों तक बाढ़ की घटनाओं में तेजी ...
केदारनाथ के पुनर्निर्माण में क्यों जल्दबाजी कर रही है सरकार
वैज्ञानिकों ने केदारनाथ मंदिर के आसपास पुनर्निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जल्दबाजी करना ठीक नहीं है
भारी बाढ़ के खतरे में है दुनिया की एक चौथाई आबादी: रिपोर्ट
बाढ़ की चपेट में आने वालों में से लगभग 90 प्रतिशत लोग कम या मध्यम आय वाले देशों के हैं।
बेंगलुरु में अब यह बारिश की आफत क्यों?
आने वाले दिनों में, शहर में साफ आसमान देखने की उम्मीद नहीं है
मध्यप्रदेश के एक हिस्से में बाढ़ तो दूसरे में सूखे जैसे हालात
मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से के औसत से 31 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि छिंदवाड़ा जिले में अब तक सबसे कम 54 फीसदी ...
सात साल में केरल में सर्वाधिक 2,239 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज
जीएसई ने 16 राज्यों में कुल 2,239 भूस्खलनों का आंकड़ा एकत्र किया, अभूतपूर्व भारी बारिश भूस्खलन का सबसे बड़ा कारण
मानवजनित गतिविधियां बाढ़ के मैदानों का विनाश कर, बाढ़ के खतरे बढ़ा रही हैं: अध्ययन
27 वर्षों में दुनिया भर में मानवीय गड़बड़ी के कारण 6,00,000 वर्ग किलोमीटर बाढ़ के मैदान गायब हो गए हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे का ...
बांधों से छोड़ा गया पानी बन रहा है बाढ़ का बड़ा कारण
जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि जलाशयों में जमा होने वाले पानी की देखरेख दुरुस्त की जाए
हजारों साल पहले लद्दाख के ठन्डे मरुस्थल में आती थी भीषण बाढ़, अध्ययन में हुआ खुलासा
विश्लेषण से पता चला है कि कभी यहां का तापमान तुलनात्मक रूप से काफी ज्यादा था, जिस वजह से ग्लेशियरों के पिघलने के कारण भीषण ...
ताे केंद्र सरकार ने क्यों बंद किया सेंटर फॉर ग्लेशियोलॉजी सेंटर
चमोली आपदा के बाद उत्तराखंड में ग्लेशियोलॉजी सेंटर खोलने की मांग राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की है
मसूरी और उसके आसपास के इलाकों पर मंडरा रहा है बड़े भूस्खलन का खतरा
शोध के अनुसार मसूरी के आसपास का 15 फीसदी हिस्सा भूस्खलन की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है, जबकि 56 फीसदी हिस्से में बहुत बड़े स्तर ...
ग्रीनलैंड की बर्फ पिघल रही है, 10 करोड़ लोगो पर मंडरा रहा है बाढ़ का संकट
1992 के बाद से ग्रीनलैंड में 3,80,000 करोड़ टन बर्फ पिघल चुकी है। जबकि इसके पिघलने की दर पिछले तीन दशकों में सात गुना बढ़ गयी है
बर्बाद फसल के मुआवजे के लिए भटक रहे हैं उत्तर प्रदेश के किसान
मॉनसून के दौरान अत्याधिक बारिश और बाढ़ के कारण उत्तर प्रदेश में भी फसल बर्बाद हुई है, लेकिन अब तक मुआवजा न मिलने के ...
संसद में आज: हाइड्रोजन ईंधन सेल का उपयोग करके देश में चलेगी हाइड्रोजन पावरट्रेन
चावल फोर्टिफिकेशन पहल के तहत आंध्र प्रदेश के सभी 26 जिलों को शामिल किया गया है।
डाउन टू अर्थ की व्याख्या: क्या है बादल फटने का विज्ञान
बाढ़-प्रभावित भद्राचलम के दौरे पर गए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल फटने के पीछे ‘विदेशी साजिश’ हो सकती है
एक साथ कई आपदाओं के साए में रह रही है हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र की 49 फीसदी आबादी
शोध के अनुसार करीब 3.6 करोड़ से ज्यादा लोग इन जटिल आपदाओं के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे हैं, जबकि इस क्षेत्र की ...
उत्तराखंड में बढ़ती आपदाएं, विशेषज्ञों ने सरकारी लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया
देहरादून में आयोजित एक सम्मेलन में विशेषज्ञों ने उत्तराखंड में बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक स्तर पर काम करने ...
उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद तबाही, जलस्तर की निगरानी तक नहीं कर रहा प्रशासन
ऋषिकेश में 434.6 मिमी, नीलकंठ में 244 मिमी, टिहरी के नरेंद्र नगर में 180.1 मिमी, चंपावत के टनकपुर में 124 मिमी, जौलीग्रांट में 109 ...