यूरिया जीवन से जहर तक का सफर
एक हालिया अध्ययन में पहली बार भारत में नाइट्रोजन की स्थिति का मूल्यांकन किया गया है जो बताता है कि यूरिया के अत्यधिक इस्तेमाल ...
आईपीसीसी रिपोर्ट की दस मुख्य बातें
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व में हुए कई परिवर्तन आगामी एक हजार वर्ष तक बने रहेंगे
बढ़ते तापमान के चलते फसलों की उपज में 3 से 7 फीसदी नुकसान के आसार
अत्यधिक गर्मी पौधे के प्रजनन, फसल उत्पादन करने की क्षमता को कमजोर कर सकती है
जलवायु परिवर्तन पर अंकुश के लिए 69 फीसदी लोग देना चाहते हैं आमदनी का एक फीसदी हिस्सा
दुनिया भर की 86 फीसदी से अधिक आबादी ने जलवायु में बदलाव के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया
दुनिया भर में लू की घटनाओं से बढ़ रही है पर्वतीय ग्लेशियरों के पिघलने की गति: अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि लू के कारण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ग्लेशियर तीव्र गति से पिघल रहे हैं और उच्च तापमान की वजह ...
धीरे-धीरे भर रही है धरती के 'सुरक्षा कवच' में आई दरार, निगरानी के लिए डब्ल्यूएमओ ने जारी की नई पहल
2022 में, उष्ण और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ओजोन का स्तर सामान्य से अधिक था। वहीं उच्च अक्षांशों, विशेष रूप से दक्षिणी गोलार्ध में, इसका ...
हिमालय व उत्तरी गोलार्ध के पहाड़ों में हर एक डिग्री तापमान बढ़ने से 15 फीसदी अधिक होगी बारिश: रिपोर्ट
दुनिया भर में तापमान दो डिग्री होने से 30 प्रतिशत और तीन डिग्री की वृद्धि होने से 45 प्रतिशत तक बारिश में वृद्धि देखी ...
15 सालों में शहरी यातायात के उत्सर्जन में 22 फीसदी की कटौती संभव है, कैसे यहां जानें
गणना मॉडल में राजनीतिक इच्छा शक्ति से लेकर हर शहर के लिए सबसे बड़े जलवायु संरक्षण प्रभाव वाली चीजों को शामिल किया गय, जिसके ...
विनाशकारी चक्रवातों की संख्या हो सकती है दोगुनी, वैज्ञानिकों ने बताया कारण
शोध में पाया गया है कि आने वाले समय में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के टकराने की औसत तीव्रता में 2 मीटर प्रति सेकंड यानी की ...
हैजा के प्रकोप का पूर्वानुमान और जान बचाने में मदद कर सकते हैं जलवायु के आंकड़े
पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों से लिए गए जलवायु आंकड़े, मशीन लर्निंग तकनीक के साथ मिलकर, हैजा के प्रकोप के बारे में अनुमान ...
क्यों पेड़ों को छोड़ जमीन पर शरण लेने को मजबूर हो रही हैं बन्दर और लीमर प्रजातियां
वैश्विक स्तर पर जिस तरह से तापमान में वृद्धि और पेड़ों का विनाश हो रहा है, उसके चलते इन जीवों को अपनी जीवनशैली में ...
3 जून को मुंबई पहुंचेगा चक्रवात निसर्ग: मौसम विभाग
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार 1891 के बाद से निसारगा पहला चक्रवात होगा जो जून में महाराष्ट्र के तट से टकराएगा
हर साल 2,000 टन से अधिक मीथेन का उत्सर्जन का कारण बन रहे हैं आर्कटिक के पिघलते ग्लेशियर
शोध के मुताबिक, मीथेन उत्सर्जन का एक बड़ा स्रोत होने के बावजूद पिघलते ग्लेशियरों को अब तक वैश्विक मीथेन बजट के अनुमानों में शामिल ...
लुटता हिमालय: प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए संतुलित पहल की आवश्यकता
क्षेत्र के पर्यावरण और लोगों के आर्थिक लाभ के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आपदाओं को पूरी तरह से रोक पाना संभव ...
जलवायु संकट: बढ़ते तापमान ने ब्रोकली को भी बनाया फूलगोभी जैसा, गुणवत्ता पर भी पड़ा असर
शोध के मुताबिक ब्रोकली का फूल और ऊपरी हिस्सा 22 डिग्री सेल्सियस पर खराब होने लगता है, 28 डिग्री सेल्सियस पर इसका शीर्ष भाग ...
2100 तक 83 फीसदी ग्लेशियर पिघल सकते हैं : अध्ययन
ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र के स्तर में पांच इंच की वृद्धि होगी, इसके अलावा समुद्र पहले से ही पिघलती बर्फ की चादरों और ...
सीबीडी कॉप-15: सबसे कम संरक्षित मूंगे की गहरी चट्टानों की रक्षा करने की तत्काल जरूरत
मूंगे की चट्टानें 30 मीटर से नीचे पाई जाती हैं जो जलवायु परिवर्तन के लचीलेपन, समुद्र के स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक ...
सबसे बड़ी विलुप्ति के बाद, उत्पत्ति वाले पहले जीवों में झींगा और कीड़े शामिल थे: अध्ययन
पर्मियन काल में बड़े पैमाने पर सामूहिक विलुप्ति से पृथ्वी पर 90 प्रतिशत से अधिक प्रजातियां मर गई थी
विश्व उष्णकटिबंधीय दिवस विशेष: 2050 तक दुनिया की अधिकांश आबादी इन इलाकों में रहेगी
उष्णकटिबंधीय इलाकों का दुनिया के कुल सतह क्षेत्र का 40 फीसदी हिस्सा है और यह दुनिया की लगभग 80 फीसदी जैव विविधता की मेजबानी ...
क्या ग्रीनलैंड के भालू बदलती जलवायु का मुकाबला बेहतर तरीके से कर रहे हैं?
ग्रीनलैंड के ये भालू अन्य आर्कटिक भालुओं की तुलना में पतले होते हैं, जिनमें मादाओं का वजन लगभग 185 किलोग्राम होता है, जबकि उत्तरी ...
जलवायु और वायु गुणवत्ता पर मीथेन के असर को कमतर आंक रहे हैं नीति निर्माता: अध्ययन
अगले 20 वर्षों के दौरान, जब मीथेन के कारण बढ़ते तापमान का प्रभाव सीओ2 की तुलना में लगभग 80 गुना अधिक होगा।
पिछले 35 वर्षों से वर्षावन के पेड़ों की मृत्यु दर दोगुनी हो गई है: अध्ययन
जैसे-जैसे वातावरण गर्म होता है, यह पौधों से अधिक नमी खींचता है, जिसके परिणामस्वरूप पेड़ों में पानी का दबाव बढ़ जाता है और अंततः ...
भूस्खलन की वजह से बढ़ रहा है ग्लेशियर का पिघलना और पीछे हटना: अध्ययन
शोधकर्ताओं ने पाया कि भूस्खलन ने ग्लेशियर से बर्फ को नीचे की ओर धकेल दिया, जिससे यह तेजी से आगे की ओर बढ़ा और ...
जलवायु परिवर्तन: मौसम की चपेट में आए तरबूज किसान, कहा- मुनाफा दूर लागत निकालना मुश्किल
भीषण गर्मी और बदली मौसमी परिस्थितियों में तरबूज का कम उत्पादन होने से किसानों को भारी घाटा हो रहा है
क्या जायद फसलों पर भी पड़ेगा भीषण गर्मी का असर?
केंद्र सरकार का प्रयास है कि देश में दलहन-तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर होने के लिए ग्रीष्मकालीन जायद फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाए