परागणकों में 61 फीसदी से ज्यादा गिरावट, खतरे में पड़ सकती हैं आम, तरबूज, कॉफी जैसे फसलें
रिसर्च से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन और भूमि उपयोग में आते बदलावों से परागण करने वाले कीटों में 61.1 फीसदी तक की ...
संसद में आज: हमारे देश तक ही सीमित नहीं है तापमान में वृद्धि: केंद्रीय मंत्री
जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने लोकसभा में बताया कि आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग की राज्यवार प्रसार दर ...
दुनिया भर में तेजी से गायब हो रहे हैं जंगली खाद्य पौधे, स्थानीय लोगों ने दी चेतावनी
दुनिया भर में लगभग 7,000 जंगली पौधे और 2,000 जंगली मशरूम की प्रजातियों का उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है।
सालाना 50 फीसदी की दर से नष्ट हो रहे हैं पहाड़ी जंगल, खतरे में जैव विविधता: अध्ययन
दुनिया भर में, 2000 के बाद से 7.81 करोड़ हेक्टेयर यानी 7.1 फीसदी पहाड़ों के जंगल गायब हो गए हैं
गर्म होती जलवायु में परागणकर्ता कीटों को आश्रय देते हैं जंगल
शहरी क्षेत्रों में मधुमक्खियों पर अधिक औसत तापमान का असर दिखाई दिया, जिसके कारण इन इलाकों में उनकी आबादी में गिरावट देखी गई
वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा एंजाइम वेरिएंट, जो प्लास्टिक को कर देगा नष्ट
वैज्ञानिकों ने पेटेज नामक एक प्राकृतिक एंजाइम में नया बदलाव करने के लिए एक मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग किया, जो बैक्टीरिया को प्लास्टिक ...
सीबीडी कॉप-15: साल 2030 तक के लिए तय किए गए 23 लक्ष्य
23 लक्ष्यों में कृषि सब्सिडी को कम करना, व्यवसायों को उनके जैव विविधता प्रभावों का आकलन और आक्रामक प्रजातियों के संकट से निपटना शामिल ...
दुनिया की 64 प्रतिशत कृषि भूमि पर मंडरा रहा है कीटनाशक प्रदूषण का खतरा
एक अध्ययन के मुताबिक, कीटनाशक प्रदूषण के कारण भारत सहित एशिया में लगभग 49 लाख वर्ग किलोमीटर कृषि भूमि खतरे में है
धनबाद में चल रहा अवैध खनन का गोरखधंधा, एनजीटी ने अधिकारियों से मांगी सफाई
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अधिकारियों से झारखंड के धनबाद जिले में हो रहे अवैध रेत खनन के आरोपों पर जवाब देने का आदेश दिया ...
रेगिस्तान में तब्दील हो रहे हैं दुनिया के कई मरूद्यान वाले इलाके
दुनिया में मरुस्थलीय क्षेत्रों में 220,149 वर्ग किलोमीटर से अधिक की वृद्धि हुई
गुरुग्राम में जल निकायों की स्थिति पर एनजीटी ने संयुक्त समिति से तलब की रिपोर्ट
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष बढ़ा रहा है जलवायु परिवर्तन
भारत में जलवायु परिवर्तन के चलते नीली भेड़ों की पसंदीदा वनस्पति का उगना कम हुआ, भेड़ें अपना पेट भरने हेतु लोगों की फसलों को ...
अपने हिस्से से कहीं ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं अमेरिका, चीन और यूरोप, सीमा में है भारत
पिछले 50 वर्षों में हमने तय सीमा से करीब 1.1 लाख करोड़ टन संसाधनों का ज्यादा दोहन किया है, जिसके करीब 27 फीसदी हिस्से के ...
खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण
क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण लागू करने से दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में सिर्फ कुपोषण से संबंधित बीमारियों से 200,000 अतिरिक्त मौतें ...
पहाड़ों में रहने वाले लुप्तप्राय गोरिल्ला को इबोला से खतरा: अध्ययन
अध्ययन से पता चलता है कि अफ्रीका के पहाड़ों पर रहने वाले 20 प्रतिशत से भी कम लुप्तप्राय गोरिल्लाओं के इबोला वायरस से संक्रमित ...
कॉप-26: नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
नेट जीरो हासिल करने के समाधानों में कार्बन उत्सर्जन से बनने वाली बिजली पर रोक तथा अक्षय ऊर्जा का उपयोग करना। भूमि उपयोग में ...
डाउन टू अर्थ खास: दिल्ली-एनसीआर में क्यों धंस रही है जमीन?
दिल्ली के कापसहेड़ा, फरीदाबाद के नाहर सिंह स्टेडयम सहित चार जगहों की लगातार निगरानी के बाद पाया गया कि इन जगहों पर जमीन धंस ...
दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं भारतीय स्टार कछुए, अध्ययन में खुलासा
कछुओं के अवैध व्यापार से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, अवैज्ञानिक तरीके से स्थानांतरण के कारण अलग-अलग आबादी के बीच अनुवांशिक मिश्रण हो रहा ...
आवास की गुणवत्ता और जैव विविधता दोनों मधुमक्खी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं : अध्ययन
अधिक फूलों वाले इलाके मधुमक्खियों के लिए बेहतर पराग और फूलों का रस प्रदान कर सकते हैं, जो उन्हें संक्रमण से लड़ने में मदद ...
पेरिस समझौते के 5 साल: भारत के 75 फीसदी से ज्यादा जिलों पर मंडरा रहा है जलवायु परिवर्तन का खतरा
देश का करीब 12 फीसदी हिस्सा बाढ़ और 68 फीसदी हिस्सा सूखे की जद में है। इसी तरह देश की करीब 80 फीसदी तटरेखा ...
मध्यप्रदेश का 40 फीसदी जंगल निजी कंपनियों को देने का फैसला
मध्यप्रदेश सरकार ने बिगड़े वन क्षेत्र को दोबारा से घने जंगल में तब्दील करने के लिए निजी कंपनियों से हाथ मिलाने का निर्णय लिया ...
भूमि का सही उपयोग व आहार में बदलाव से थम सकता है जलवायु परिवर्तन
अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि पशुधन प्रोटीन से हटकर पौधे से आधारित प्रोटीन की ओर बढ़ना हमारी जलवायु के लिए फायदेमंद ...
सीईपीआई स्कोर में दखल देने की कोई वजह नहीं, एनजीटी ने किया स्पष्ट
कोयला खनन के लिए अधिग्रहित भूमि पर होंगे विकास कार्य, सरकार ने नई नीति को दी मंजूरी
इस नीति की मदद से अब गैर-खनन योग्य भूमि पर कोयला और ऊर्जा सम्बंधित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा सकेगा।
प्रयागराज और कौशाम्बी में अवैध रेत खनन की जांच के साथ कार्रवाई करे जिलाधिकारी: एनजीटी