पलायन की पीड़ा-3: क्यों इन राज्यों से होता है सबसे ज्यादा पलायन
देश के 75 जिले हैं, जहां से सबसे अधिक पलायन होता है, लेकिन क्यों...
जलवायु अनुकूलन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है भारत जैसे देशों में छोटी दूरी के लिए होने वाला प्रवास
देखा जाए तो शुष्क क्षेत्र पहले ही दबाव में है ऊपर से जलवायु में आते बदलावों के चलते उनकी समस्याएं कहीं ज्यादा विकराल रूप ...
प्रवासियों की अदालत का फैसला, रोजगार के साधन बढ़ाए सरकार
प्रवासियों की समस्याओं के निदान के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक अनोखे कार्यक्रम का आयोजन किया गया
क्या सचमुच पहाड़ की महिलाओं के सिर का बोझ खत्म कर पाएगी घसियारी योजना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 अक्टूबर में उत्तराखंड में घसियारी योजना की शुरुआत की, लेकिन क्या यह योजना सिरे चढ़ पाएगी
सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण में कहा लॉकडाउन में मजदूरों के नौकरी जाने और प्रवास की जानकारी नहीं
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि असंगठित मजदूरों का आंकड़ा तैयार करने के लिए कदम बढ़ाया जा रहा है, इससे उनके लिए बेहतर ...
पथ का साथी: जिनके लिए बरसों काम किया, उन्होंने भी नहीं दिया साथ
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ ...
प्रवासी मजदूरों का मददगार बना एकता परिषद
एकता परिषद 20 राज्यों के लगभग 45 हजार मजदूरों की सूची तैयार कर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत ...
पलायन की पीड़ा-4: पलायन के कारण एशिया के 20 देशों की बढ़ी आबादी
पलायन ऐसी समस्या है, जो केवल भारत ही नहीं, बल्कि सभी देशों में बढ़ रही है। इसकी वजह भी अलग-अलग है
डाउन टू अर्थ खास: प्राकृतिक आपदा की शिकार महिलाओं पर मानव तस्करों की नजर
प्राकृतिक आपदाओं और गरीबी ने मानव तस्करी को खाद-पानी देने का काम किया है। मौसम की चरम घटनाओं ने लाखों लोगों को को प्रभावित ...
बिहार चुनाव में क्यों पीछे छूट गए असली मुद्दे
मानव विकास सूचकांक में आखिरी पायदान पर खड़े बिहार में आजीविका, पलायन, खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण जैसे सवालों का पीछे छूट जाना नाउम्मीद करता ...
उत्तराखंड: पलायन आयोग की रिपोर्टों से हासिल क्या होगा?
पलायन आयोग ने 16 जून की शाम टिहरी पर अपनी रिपोर्ट पेश की। इससे पहले पौड़ी, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा पर आयोग अपनी रिपोर्ट दे ...
काश! न्याय की रक्षा स्वयं सरकारें करतीं...
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन भीतर उनके घर भेजने और उनके खिलाफ मुकदमों पर विचार करने को कहा है
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस 2023: दुनिया भर में हर आठ में से एक व्यक्ति है प्रवासी
दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग प्रवासी हैं, इनमें से, 28.1 करोड़ लोग अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी हैं और 8.4 करोड़ जबरन विस्थापित हैं। ...
2021 में करीब पांच लाख भारतीयों ने भारत छोड़ ओईसीडी देशों की ओर रुख किया: रिपोर्ट
इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक 2023 रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के चलते अपने घरों को छोड़ने को मजबूर लोगों से जुड़ी नीतियों में होती प्रगति पर ...
नेपाल के लोगों से मिलती-जुलती है भारत के हिमालयी राज्यों में रहने वाले लोगों की वंशावली
वंशक्रम में से कुछ शुरुआती मिश्रण के ऐसे प्रमाण मिलते हैं जो उत्तराखंड, भारत की कुछ हिमालयी क्षेत्रीय जनसंख्या सहित विभिन्न नेपाली आबादी में ...
दुनिया भर के कुछ इलाकों को रहने के लिए खतरनाक बना रहा है जलवायु परिवर्तन
2100 तक खतरनाक इलाकों से निकलने में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है, इसमें सबसे खराब परिदृश्यों के तहत 35 फीसदी तक ...
समुद्र में बढ़ते तापमान के साथ बढ़ जाएगी ध्वनि की रफ्तार, जीवों के लिए पैदा हो सकता है बड़ा खतरा
वैज्ञानिकों की मानें तो समुद्र में ध्वनि की रफ्तार में आता इस तरह का बदलाव समुद्री जीवन की आवश्यक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता ...
2021-2050 के दौरान उत्तराखंड में 1.6-1.9 डिग्री तक बढ़ सकता है तापमान
एक नए अध्ययन के अनुसार, पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय इलाकों में आजीविका के वैकल्पिक तौर-तरीके विकसित करने होंगे
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ से वंचित हैं दुनिया के 410 करोड़ लोग
55 फीसदी जरूरतमंद महिलाओं को नकद मातृत्व लाभ नहीं मिलता है। इसी तरह गंभीर रूप से विकलांग 66.5 फीसदी लोग विकलांगता योजनाओं के लाभ ...
कोविड-19 लॉकडाउन: 28 फीसदी प्रवासी मजदूरों को कमरे के किराये के लिए किया गया परेशान
हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क ने दिल्ली में काम करने वाले अलग-अलग राज्यों के लोगों पर सर्वेक्षण किया
पलायन रोकने का दावा फेल, फिर बिहार छोड़कर बाहर जा रहे मजदूर
कोसी, मिथिलांचल और चंपारण के इलाकों में रोज पंजाब और हरियाणा से बसें आ रही हैं, जो मजदूरों को अपने साथ धान रोपणी के ...
ग्राउंड रिपोर्ट: हिमालय में जलवायु संकट, उद्यमी किसान अपना रहे हैं नए कृषि प्रयोग
किसानों द्वारा अपनाए जा रहे तरीके जलवायु अनुकूलन (क्लाइमेट एडाप्टेशन) के अच्छे उदाहरण साबित हो रहे हैं
डाउन टू अर्थ खास: बिहार से विस्थापित मुंडा जनजाति के 42 परिवारों ने ओडिशा में बसाया एक जैविक गांव
साल 1980 में मुंडा जनजाति के 42 परिवारों का एक समूह बिहार से विस्थापित हो गया था, जिसने ओडिशा में शरण ली और अब ...
बदलते मौसम में लोकतंत्र का नया रूप-रंग
सच तो यह है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई समानता के बिना संभव नहीं है, सुनीता नारायण का संपादकीय लेख
रात का कृत्रिम प्रकाश एडीज मच्छरों के व्यवहार को बना रहा है आक्रामक
प्रकाश प्रदूषण के बढ़ते स्तर से डेंगू बुखार, पीला बुखार (येलो फीवर), चिकनगुनिया और जीका जैसी बीमारियां होने के आसर बढ़ गए हैं