कोरोना काल के तीन साल: नहीं निकल रहा है शरीर से वायरस और दिमाग से डर
11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया था। तीन साल होने पर डाउन टू अर्थ में पढ़िए, बीमारी ...
अफ्रीका में कोरोनावायरस से करीब 3 लाख लोगों के मरने की आशंका
रिपोर्ट के अनुसार यदि सही समय पर सही कदम न उठाये गए तो मरने वालों का यह आंकड़ा 33 लाख के पार चला जाएगा। ...
आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप ने बनाया नया मास्क 'एनसेफ', 50 बार तक धोकर किया जा सकता है इस्तेमाल
आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप नैनोसेफ सोल्युशन्स ने एक नया मास्क 'एनसेफ' बनाया है, यह मास्क 3 माइक्रोन के आकार के कणों को 99.2 फीसदी ...
क्या हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की अधिकता से बढ़ सकती हैं कोरोनावायरस से होने वाली मौतें?
एनओ2 लंबे समय से मनुष्यों में कई प्रकार के श्वसन और हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार माना जाता है
महामारी में ओलंपिक का इतिहास
1920 के एंटवर्प ओलंपिक खेलों पर पहली बार महामारी का साया पड़ा था
ओमिक्रॉन के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित की आरटी-पीसीआर किट
ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने वाली यह किट फरवरी में भारतीय बाजार में उपलब्ध हो सकती है
जीनोमिक निगरानी से टीबी और कोविड-19 का एक साथ होगा उपचार
ब्रिक्स देशों का समूह नैदानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य तकनीकों के लिए अग्रणी जीनोमिक आंकड़ों से संबंधित जानकारी में तेजी लाएगा।
जंगलों के कटने और जलवायु परिवर्तन की वजह से फैल रही है जूनोटिक बीमारियां
अध्ययन में से पता चलता है कि उष्णकटिबंधीय इलाकों में जानवरों से लोगों में रोग फैलने की सबसे अधिक आशंका है।
देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल, गांव-गांव पहुंचा कोरोना
कोविड-19 की दूसरी लहर शहरों के पार करके ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच गई और बड़ी संख्या में ग्रामीणों व आदिवासियों को संक्रमित कर दिया। ...
लोकतंत्र को गले लगाओ, दुनिया को बचाओ
महामारी की प्रतिक्रिया वास्तव में तभी वैश्विक होगी जब वैक्सीन एक ग्लोबल गुड बन जाएगा
महामारी के वक्त कृषि क्षेत्र ने बनाई बढ़त, आर्थिक विकास में उद्योग से ज्यादा हिस्सेदारी
जून तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन कृषि एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ...
बसों, स्कूलों में नहीं फैलेगा कोरोनावायरस, वैज्ञानिकों ने सुझाया यह रास्ता
वैज्ञानिकों के अनुसार उन जगहों पर जहां आद्रता कम होती है और वातावरण शुष्क होता है, वहां इस वायरस के फैलने की सम्भावना ज्यादा ...
लॉकडाउन ने बदली इस गांव की तस्वीर
लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों ने मनरेगा योजना के तहत एक तालाब बना दिया, जिससे खेतों की सिंचाई और मवेशियों को पीने का पानी मिल ...
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की जरूरत ही क्यों पड़ी?
गरीब कल्याण अन्न योजना: सरकार दावा करती रही है कि देश में गरीबी कम हो रही है तो फिर 80 करोड़ गरीब कहां से ...
दक्षिण एशिया में एक साल में 8.81 लाख बच्चों की हो सकती है मौत: यूनिसेफ
यूनिसेफ की 23 जून की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण दक्षिण एशिया में गरीब बच्चों की संख्या 24 करोड़ से ...
कोरोना से दुनिया में 100 करोड़ हो सकते हैं गरीब, भारत पर सबसे ज्यादा असर: रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार चूंकि भारत की आबादी बहुत ज्यादा है, और यहां गरीबों की तादाद को देखते हुए एक बड़ी संख्या इससे प्रभावित होगी
कोरोना राहत पैकेज: डिस्कॉम्स के 90 हजार करोड़ रुपए से किसे होगा फायदा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को 90 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे
बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान है हर तीन में से एक व्यक्ति: रिपोर्ट
दुनिया भर में हर तीन में से एक व्यक्ति बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान है, जबकि आज भी करीब 82 करोड़ लोगों को भरपेट ...
हिमाचल: कर्मचारी हड़ताल पर, तेजी से घटे कोरोना के टेस्ट
हिमाचल प्रदेश में जहां रोजाना 10 हजार से अधिक कोविड टेस्ट हो रहे थे वहीं, कर्मचारियों की हड़ताल के चलते केवल 2000 टेस्ट हो ...
पेरिस समझौते के परिपेक्ष्य में, कोविड-19 जलवायु परिवर्तन को कैसे प्रभावित करेगा?
कोरोना महामारी के दौरान ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आई जो जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के तहत किए गए उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा ...
बाइडन की कोविड-19 योजना को वैज्ञानिकों ने स्वीकारा
बाइडन-हैरिस की जोड़ी ने अमेरिका में कोविड-19 सलाहकार बोर्ड और काले व लेटिन देशों से आए लोगों के लिए टास्क फोर्स के गठन का ...
किसानों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा करे सरकार: भाकियू
भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि लाॅकडाउन के चलते सब्जियों व फल के किसानों को 80 प्रतिशत, फूल के किसानों को 100 प्रतिशत ...
पंचायती राज दिवस: कोरोना महामारी और हमारी पंचायतें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत सदस्यों से बात करते हुए कहा कि हमें यह सीखने की जरूरत है कि गांव, शहरों की अपेक्षा कोविड-19 ...
धन्यवाद मोदी जी
मौजूदा राजनीतिक माहौल में आभार जताना भी एक राजनीतिक प्रोपेगैंडा बन गया है
मजदूर दिवस: क्यों शासन पर भरोसा नहीं कर पाए प्रवासी मजदूर
मजदूरों को भ्रम में रखने के लिए कानून तो बनाए गए, लेकिन उनकी पालना नहीं की गई