पर्यावरण संवेदी क्षेत्र के एक किलोमीटर दायरे में प्रतिबंधों पर मिल सकती है छूट : सुप्रीम कोर्ट का संकेत
केंद्र ने कहा कि ईएसजेड प्रतिबंध में ऐसा बदलाव हो कि नए निर्माण के लिए अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
हसदेव अरण्य मामला : ग्राम सभा सरकार से स्थगन नहीं आवंटित कोयला खदानों का निरस्तीकरण मांग रहीं
हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि कोयला खदानों को आवंटित करने के लिए ग्राम सभा के मृत लोगों के लिए ...
तेंदूपत्ता बिक्री को लेकर आदिवासी और सरकार के बीच टकराव, वन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी
यदि एफआईआर होती है तो यह अपने आप में छत्तीसगढ़ का पहला मामला होगा जहां एक वन विभाग के अधिकारी पर अपने दायित्वों के ...
वन भूमि की परिभाषा और राज्यों के अधिकारों पर सतह पर आया विमर्श
डी-नोटिफाइड जमीन पर छत्तीसगढ़ और भारत सरकार फिर आमने -सामने है
छत्तीसगढ़ में वन अधिकार दावे वाली जमीन से बॉक्साइट खनन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
आदिवासियों के वन अधिकार वाली जगह पर बॉक्साइट खनन किया जा रहा है, जिस पर अदालत ने रोक लगा दी है
वनवासियों को बेदखली का डर, मंत्रालय ने कहा अस्वीकृतियों के आंकड़े अंतिम नहीं
आदिवासी शिक्षित नहीं हैं और न ही इनकी आर्थिक स्थिति ठीक है। जानकारी के अभाव में ग्राम सभा स्तर पर ही उनके बहुत से ...
अपनी जन्मभूमि में 'अपराधी' बन कर रह रहे हैं आदिवासी
आदिवासी कहते हैं कि धीरे-धीरे हमें विश्वास होता गया कि अपनी चुनी हुई सरकार और सरकार की चुनी हुई कंपनी में कोई भी अब ...
नौकरशाही को मजबूत करेगा सरकार का यह कदम, वनवासियों पर पड़ेगा भारी
केंद्र सरकार ने भारतीय वन अधिनियम (आईएफए), 1927 पर संशोधनों की एक धारदार कुल्हाड़ी चला कर वनवासियों के अधिकारों पर हमला किया है।
वनवासियों पर बेदखली की तलवार, जिम्मेवार कौन
ऐतिहासिक वनाधिकार अधिनियम के बावजूद वनवासियों पर मंडरा रहा है जंगल से बेदखल किए जाने का खतरा
वनाधिकार के 5.5 लाख दावे समीक्षा के बाद खारिज
यह जानकारी 14 राज्यों ने जनजातीय मामलों के मंत्रालय को दी, पश्चिम बंगाल में 92 प्रतिशत दावे खारिज
सुनो सरकार! वन अधिकार मान्यता कानून में वन विभाग को ‘नोडल एजेंसी’ नहीं बनाया जा सकता
छत्तीसगढ़ सरकार ने नए आदेश में कहा है कि वन अधिकार (मान्यता) कानून 2006 के तहत वन संसाधनों पर अधिकारों को मान्य करने के ...
छत्तीसगढ़: वन विभाग अब नहीं होगा नोडल एजेंसी
छत्तीसगढ़ सरकार ने 31 मई को जारी आदेश को वापस लेते हुए 1 जून को संशोधित आदेश जारी किया
वन (सरंक्षण) संशोधन कानून 2023: देश के लिए वरदान या अभिशाप
सरंक्षण के नाम पर कानून की शक्तियों का केन्द्रीकरण किया जा रहा है। इसमें वही समुदायों को दूर किया जा रहा है, जो कि ...
क्या 58 दिन में मिल जाएगा मध्य प्रदेश के सभी ग्राम सभाओं को वन अधिकार?
सामुदायिक दावों की प्रक्रिया एक जटिल काम है जिसके लिए ग्राम सभा की मुकम्मल तैयारी की ज़रूरत होती है
ख्यात पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का कोरोना संक्रमण के बाद निधन
1981-1983 तक सुंदरलाल बहुगुणा ने हिमालय के पार 5,000 किलोमीटर की एक यात्रा की। इसके बाद तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने हिमालय में पेड़ों ...
एमपी में सुधार के नाम पर निजी क्षेत्रों को दी जाने वाली वन भूमि पर पहले से है नारंगी भूमि का विवाद
एमपी सरकार ने हाल ही में 37 लाख हैक्टेयर संरक्षित वन भूमि को निजी क्षेत्र को देने का फैसला किया है, लेकिन यह वन ...
ऐतिहासिक अन्याय और वनाधिकार कानून
वनाधिकार कानून लागू करते हुये भारत सरकार की यह स्वीकारोक्ति कि यह कानून 'ऐतिहासिक अन्याय' को समाप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा ...
पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना के प्रकाशन पर 7 सितंबर तक रोक
अदालत में दाखिल एक याचिका में कहा गया है कि अधिसूचना का 22 क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद होना चाहिए
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2020: अंग्रेजों के जमाने के वन कानून से परेशान होते रहे हैं वनवासी
भारत के वन कानून जंगलों को आमदनी का जरिया मानते हुए इसपर निर्भर रहने वाले वनवासियों के साथ अपराधी जैसा व्यव्हार करती है
वनाधिकार समीक्षा: आदिवासियों के दावों को खारिज करने का उपकरण बना मध्यप्रदेश का वन मित्र पोर्टल
अधिकारी, ग्राम सभा या वन अधिकार समिति की जानकारी के बिना दावों को खारिज कर देते हैं
सामुदायिक जमीन को लेकर चल रहे हैं भारत के तीन-चौथाई भूमि संबंधी विवाद
41 फीसदी मामलों में, समुदायों का आरोप है कि अधिकारियों या परियोजना प्रस्तावकों ने भूमि अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
भारत में जल, जंगल, जमीन के लिए एक दशक में 79 पर्यावरण प्रहरियों की हुई हत्या
वहीं 2012 से 2021 के बीच दुनिया भर में 1,733 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी, क्योंकि वो अपने पर्यावरण को बचाने ...
मध्य प्रदेश में नहीं मिल सके 58 दिनों में सामुदायिक संसाधनों के अधिकार
मध्य प्रदेश सरकार ने 15 नवंबर तक 19158 गांवों को वनाधिकार देने का वादा किया था, लेकिन किसी भी गांव को अधिकार नहीं दिया गया
वनवासियों के हकों को नजरअंदाज करके नहीं किया जा सकता वनों का विकास
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के 30 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जो जंगलों की बहाली के लिए उपयुक्त हैं, जबकि इस जमीन के 5 ...
आदिवासियों के लिए खतरनाक साबित होगा यह संशोधन!
खास रिपोर्ट: कोरोना महामारी के बीच महाराष्ट्र में वन अधिकार कानून में संशोधन किया गया है, आइए जानते हैं कि इसका वनवासियों पर क्या असर पड़ने ...