डाउन टू अर्थ खास: क्या अपने जंगलों की पहचान की चुनौतियों से जूझ रहा है भारत?
सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में फैसला दिया था कि कोई भी क्षेत्र जो शब्दकोष के मुताबिक जंगल की परिभाषा पर खरा उतरता हो, उसे ...
नियमों के दायरे में रहकर किया जाना चाहिए मासी उत्सव का आयोजन: मद्रास उच्च न्यायालय
दो जनवरी, 2024 को दिए अपने निर्देश में अदालत ने कहा है कि रिजर्व की सुरक्षा के लिए अधिकारियों की जो योजनाएं हैं, उन्हें ...
जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए एशियाई वन विविधता बेहद जरूरी: अध्ययन
एशिया के उष्णकटिबंधीय वन पहले की तुलना में जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक लचीले हो सकते हैं, बशर्ते कि उनकी विविधता बरकरार रखी जाए
सदी के अंत तक 50 फीसदी और बढ़ जाएगी जंगल में आग लगने की घटनाएं
अनुमान है कि सदी के अंत तक दावाग्नि की इन घटनाओं में 50 फीसदी का इजाफा हो सकता है
30 फीसदी उत्सर्जन सोखने की क्षमता वाले जंगल भी हुए जलवायु परिवर्तन का शिकार
अध्ययन में पाया गया कि जिस तेजी से जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ रहा है, उस तेजी से जंगल कार्बन सोखने की अपनी क्षमता ...
बेतहाशा बढ़ती खेती 90 प्रतिशत से अधिक जंगलों के काटे जाने के लिए जिम्मेवार है: अध्ययन
अध्ययन में खुलासा किया है कि उष्णकटिबंधीय इलाकों में 90 से 99 प्रतिशत जंगलों के काटे जाने के पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ...
हसदेव अरण्य की रक्षा में उमड़ा देशव्यापी समर्थन
हसदेव अरण्य को बचाने के लिए अब केवल आदिवासी ही नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उन्हें देश के कई हिस्सों से समर्थन मिलने लगा ...
मध्य प्रदेश: कितनी सही है वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने की कवायद
मध्य प्रदेश सरकार ने सतपुड़ा पेंच एवं कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से संबन्धित 19 और पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 7 वन ग्रामों को राजस्व ...
दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों को बचाने में नाकाफी साबित हो रहे हैं संरक्षित क्षेत्र : अध्ययन
अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में जिस दर से बिना संरक्षित क्षेत्रों में वनों का नुकसान हो रहा है लगभग वही ...
सवालों में हसदेव अरण्य में परसा कोल ब्लॉक को मिली दूसरे चरण की स्वीकृति
हसदेव अरण्य को बचाने के लिए आदिवासी 300 किमी का सफर पैदल चलकर रायपुर पहुंचे थे, जहां राज्य के मुख्यमंत्री ने फर्जी ग्राम सभा ...
जल, जमीन, जंगल बचाने की जद्दोजहद में गई 227 पर्यावरण प्रहरियों की जान
वर्ष 2020 में जल, जमीन, जंगल बचाने की जद्दोजहद में 227 पर्यावरण रक्षकों की जान गई थी, जिसमें 4 भारतीय भी शामिल थे
पारंपरिक अनानास की खेती कर जैव विविधता बचा रही है असम की हमार जनजाति
अध्ययन से पता चलता है कि असम की "हमार" जनजाति पारंपरिक तरीके से अनानास की खेती कर जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को बचाने ...
अमीर देशों के नागरिकों के खाने का शौक पूरा करने के लिए चार पेड़ों की चढ़ती है बलि
रिपोर्ट में इसके लिए कॉफ़ी, चॉकलेट, पाम आयल और मीट जैसे उत्पादों के बढ़ते उपभोग को जिम्मेवार माना है
उत्तराखंड में वन गुर्जरों पर 'सरकारी' हमले बढ़े
एक ओर सरकार ने लॉकडाउन के बहाने वन गुर्जरों को जहां हैं, वहीं रहें के निर्देश दिए तो दूसरी ओर वन विभाग अतिक्रमण के ...
धधकता हिमालय: हिमाचल के जंगलों में सर्दी के मौसम में सात गुणा बढ़ी आग की घटनाएं, ये हैं कारण
पिछले एक सप्ताह में देश में वनाग्नि की बड़ी घटनाओं में शीर्ष पांच राज्यों में हिमाचल पहले स्थान पर है
2050 तक 54 फीसदी बढ़ जाएगी लकड़ी की मांग, हर साल 420 करोड़ टन उत्सर्जन के लिए होगी जिम्मेवार
उत्सर्जन का यह स्तर विमानन से होने वाले वार्षिक उत्सर्जन से तीन गुणा ज्यादा है
सकल पर्यावरण उत्पाद का कैसा होगा निर्धारण, कैसे नपेगी जल-जंगल-जमीन?
सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) का मूल्यांकन करने के लिए पहली बार कोई सूचकांक तैयार किया गया है
डाउन टू अर्थ खास: गंगा सहित 13 नदियों के किनारे वानिकी कार्यक्रम का क्या हुआ हश्र?
केंद्र सरकार ने गंगा के किनारे वानिकी का जो लक्ष्य निर्धारित किया था, मियाद पूरी होने तक वह केवल 22 प्रतिशत ही पूरा हो ...
कुछ विशिष्ट वन समुदायों तक ही सीमित नहीं वन अधिकारी द्वारा वनवासियों के दावों को सुनने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
अदालत का कहना है कि ऐसे दावों पर सुनवाई का अधिकार केवल कुछ समुदायों तक ही कैसे सीमित किया जा सकता है जब जमीन ...
43 वर्षों में अतिक्रमण ने लील ली कर्नाटक में 204,229 एकड़ भूमि, केवल 130 चार्जशीट की गई दायर: आरटीआई
आरटीआई से पता चला है कि 1980 से अब तक कर्नाटक में 204,229 एकड़ भूमि अतिक्रमण के कारण नष्ट हो गई है, जबकि 104,065 ...
छत्तीसगढ़ में सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन बना सकता है ग्राम सभाओं को आत्मनिर्भर
छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र की तर्ज पर सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन योजना को संचालित करने के लिए कंवर्जंस की जरूरत है
उष्णकटिबंधीय जंगल कटने से 25 फीसदी कार्बन उत्सर्जन का हो रहा है सफाया
पहले से जंगलों का सफाया किए गए इलाकों में फिर से उगने वाले पेड़, हर साल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के वातावरण से कम से कम ...
वनाधिकार समीक्षा: आदिवासियों को बिना कारण बताए खारिज कर दिए गए आवेदन
वन मित्र पोर्टल के माध्यम से 2020 में दर्ज किए गए आवेदनों को बिना कारण बताए खारिज कर दिया गया
संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात
रक्त चंदन, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की चौथी अनुसूची में संरक्षित प्रजातियों की सूची में शामिल है इसके बावजूद इसका अवैध व्यापार प्रजाति पर ...
इन फलों की वजह से बढ़ती है चूहों की आबादी, यही चूहे बनते हैं अकाल का कारण
मेलोकैना बेसीफेरा, बांस की एक उष्णकटिबंधीय प्रजाति है, जो पूर्वोत्तर भारत में बांस के नष्ट होने, चूहों की आबादी को बढ़ाने और अकाल जैसी ...