संयुक्त राष्ट्र ने अपनाई ऐतिहासिक "उच्च समुद्र" संधि, क्यों है महत्वपूर्ण?
संधि को 2030 तक दुनिया के महासागरों और भूमि के 30 प्रतिशत की रक्षा करने वाले देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है
जलवायु में हो रहे बदलाव को रोकने के लिए भारत के बाघों की रक्षा अहम: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक 2007 से 2020 के बीच टाइगर रिजर्व के अंदर, लगभग 6,000 हेक्टेयर में उगे पेड़ों को काटे जाने से बचाया गया, ...
चिंताजनक: दुनिया भर में अहम जैव विविधता वाली 80 फीसदी जगहों पर मानव विकास जारी
जैव विविधता वाले अहम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से संबंधित कई चीजें जुडी हुई है, जिनमें सबसे आम सड़कें 75 फीसदी, बिजली की लाइनें ...
पश्चिमी घाट में खोजी गई डैमसेल्फ्लाई की नई प्रजाति 'आर्मगेडन रीडटेल', जानिए क्यों है खास
भारतीय वैज्ञानिकों ने पश्चिमी घाट में डैमसेल्फ्लाई की एक नई प्रजाति खोजी है, जिसे 'आर्मगेडन रीडटेल' (प्रोटोस्टिक्टा आर्मागेडोनिया) नाम दिया है
आबादी में स्थिरता लाने के लिए कूनो में कम से कम 50 चीतों की है जरूरत: विशेषज्ञ
साल के अंत तक जंगली बिल्लियों की कहीं ज्यादा मौतें होने की आशंका; रेडियो कॉलर की समस्याओं से निपटने के लिए भी नए उपायों की है ...
औषधीय पौधों के बेतहाशा उपयोग का बुरा असर, कम हुआ सांस्कृतिक महत्व और उपलब्धता
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग काफी बढ़ गया है
जानें, वन संरक्षण कानून में बदलाव के खिलाफ देश भर में क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?
वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 का उद्देश्य वनों को संरक्षित करना है। ऐसे में इसमें किए किसी भी संशोधन का उद्देश्य इसे कमजोर करने ...
ध्रुवीय भालू, बाघ, बंदर, डॉलफिन जैसी सैकड़ों वन्यजीव प्रजातियों में मिले केमिकल्स के सबूत
कई केमिकल्स ऐसे हैं जो हजारों वर्षों तक पर्यावरण में रहने के बाद भी नष्ट नहीं होते। मतलब कि वातावरण में मुक्त होने के ...
पर्यावरण में लगातार बढ़ते तीन खतरों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत: संयुक्त राष्ट्र
दुनिया भर में हर साल लगभग 67 फीसदी हिस्सा जंगल की आग सहित सभी प्रकार की आग से जल जाता है
सीबीडी कॉप 15: महाविनाश का हथियार बन गई है मानवता, धरती का 75 प्रतिशत हिस्सा बदला
वैश्विक स्तर पर पौधों व पशुओं की 10 लाख प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जिसके लिए हम इंसान और हमारी ...
जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में नजरअंदाज नहीं की जा सकती वनों के संरक्षण की भूमिका, जानें महत्व
रिसर्च के मुताबिक संरक्षित वन क्षेत्र इतने कार्बन को अपने अंदर संजोए हुए हैं जितना उत्सर्जन जीवाश्म ईंधन के कारण हर साल हो रहा ...
विलुप्ति का संकट झेल रहे समुद्री पक्षियों के खतरे को बढ़ा रहा है प्लास्टिक प्रदूषण: अध्ययन
उत्तर-पूर्व प्रशांत, दक्षिण अटलांटिक और दक्षिण, पश्चिम भारतीय महासागरों में मध्य महासागर प्लास्टिक के कचरे से भरा हुआ है, जहां खतरे में पड़ी समुद्री ...
फेसबुक पर फल-फूल रहा अवैध वन्यजीव व्यापार: रिपोर्ट
2018 में फेसबुक ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसे विशेषज्ञों के साथ मिलकर 2020 तक वन्यजीवों की ऑनलाइन होती तस्करी को रोकने के लिए एक गठबंधन की ...
60 फीसदी पौधों और जानवरों के विलुप्त होने की वजह हैं विदेशी आक्रामक प्रजातियां: आईपीबीईएस
यह विदेशी आक्रामक प्रजातियां हर साल जैवविविधता के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था को 35 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत लगा रही हैं
जल, जंगल, जमीन बचाने के लिए भारत सहित दुनिया भर में 81 महिला पर्यावरण रक्षकों ने गंवाई जान
पर्यावरण को बचाने की जद्दोजहद में 81 महिला पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी। वहीं सैकड़ों महिला रक्षकों को प्रतिशोध में शारीरिक ...
केन-बेतवा लिंक परियोजना से खतरे में है पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का आवास
क्या जखनी गांव का उदाहरण बुंदेलखंड में पानी और पन्ना टाइगर रिजर्व में जैवविविधता की समस्या को हल कर सकता है
खाद्य सुरक्षा-पोषण ही नहीं पर्यावरण पर भी ध्यान देगा एफएओ, खाद्य प्रणालियों में बड़े फेरबदल के संकेत
इस प्रयास का उद्देश्य बेहतर उत्पादन, पोषण, पर्यावरण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कृषि खाद्य प्रणालियों में सुधार और बदलाव लाना ...
जलवायु संकट: सदी के अंत तक अपनी 80 फीसदी बर्फ खो देंगें हिंदू कुश हिमालय के ग्लेशियर
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दशक की तुलना में 2011 से 2020 के बीच हिंदू कुश हिमालय के ग्लेशियरों में मौजूद बर्फ 65 फीसदी ज्यादा ...
48 वर्षों में वन्य जीवों की आबादी में दर्ज की गई 69 फीसदी की गिरावट: रिपोर्ट
लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 के मुताबिक नदियों में पाए जाने वाले जीवों की करीब 83 फीसदी आबादी अब नहीं बची है
ईरान में खोजी गई रेसरनर छिपकलियों की दो नई प्रजातियां, जानिए क्यों हैं खास
रेसरनर छिपकलियां अपनी रफ्तार के लिए जानी जाती हैं। कुछ प्रजातियां को तो 28 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से दौड़ते देखा गया ...
डीडीए जैव विविधता पार्क: पृथ्वी पर पहली बार मिला उड़ने वाले अकशेरुकी जीवों का घर
वैज्ञानिक उन्हें पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के विश्वसनीय जैव संकेतक मानते हैं। वे कीड़ों की आबादी, विशेषकर मच्छरों और कृषि कीटों जैसे कीटों को ...
दुर्लभ समुद्री अमीबा रबडामोइबा मरीना की दोबारा हुई खोज, जानें क्यों है खास
रबडामोइबा मरीना जिसका संयुक्त नाम आर. मरीना है, जो एक छोटा सा समुद्री अमीबा है, जिसे पहली बार 1921 में इंग्लैंड में खोजा और ...
हिमालय की कीड़ाजड़ी: फिदा है दुनिया, लेकिन संकट में है अस्तित्व
इस मशरूम को 'कैटरपिलर फंगस' भी कहते हैं, जबकि तिब्बत में यार्त्सा गुंबू, कुमाऊं और गढ़वाल में आम बोलचाल में कीड़ा जड़ी अथवा यर्त्सा ...
बाघ से लोगों को बचाएगा एआई बेस्ड कैमरा, आने से पहले देगा चेतावनी
शोधकर्ताओं का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि 2030 तक पृथ्वी की 30 प्रतिशत भूमि और महासागरों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए
परागणकों में 61 फीसदी से ज्यादा गिरावट, खतरे में पड़ सकती हैं आम, तरबूज, कॉफी जैसे फसलें
रिसर्च से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन और भूमि उपयोग में आते बदलावों से परागण करने वाले कीटों में 61.1 फीसदी तक की ...