मेंढकों को मार रही है घातक महामारी 'चिट्रिड', भारत में खोजे जा रहे हैं निपटने के उपाय
भारत में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के शोधकर्ताओं की एक टीम नए क्यूपीसीआर परीक्षण पर काम कर रही है जो एशिया में ...
देश में 61 फीसदी घटी गधों की आबादी, क्या चीन में खाल की बढ़ती मांग है जिम्मेवार
जहां 2012 में की गई पशुधन गणना में इनकी कुल आबादी 3.2 लाख थी वो 2019 की गणना में घटकर 1.2 लाख रह गई ...
पर्यावरण के लिए नुकसानदेह सब्सिडी को खत्म करके मिल सकते हैं 3.9 करोड़ नए रोजगार
हर साल दुनिया भर की सरकारें करीब 37.2 लाख करोड़ रुपए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कामों के लिए सब्सिडी के रूप में दे ...
पारंपरिक अनानास की खेती कर जैव विविधता बचा रही है असम की हमार जनजाति
अध्ययन से पता चलता है कि असम की "हमार" जनजाति पारंपरिक तरीके से अनानास की खेती कर जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को बचाने ...
अफ्रीका के प्रिंसिपे द्वीप के वर्षावनों में खोजी गई उल्लू की नई प्रजाति
यह प्रिंसिपे के लिए स्थानीय पक्षी की आठवीं ज्ञात प्रजाति है, जो केवल 139 वर्ग किलोमीटर के इस द्वीप में फैली है
हर साल अपनी खाल के लिए मारे जा रहे 48 लाख गधे, सोशल नेटवर्क के जरिए फल-फूल रहा अवैध व्यापार
अनुमान है कि हर साल दुनिया में दस में से एक गधे को उसकी खाल के लिए मार दिया जाता है। भारत में भी ...
फसल उत्पादन में बदलाव करने से बच सकती हैं 40 फीसदी प्रजातियां
शोधकर्ताओं ने उभयचरों, पक्षियों, स्तनधारियों - स्थलीय कशेरुक प्रजातियों के समूहों के लिए नया स्टार (स्पीशीज थ्रेट एबेटमेंट एंड रिस्टोरेशन) मीट्रिक लागू किया है।
कीटनाशक व वायरसों की वजह से बढ़ रही हैं मधुमक्खियों की बीमारियां, वैज्ञानिकों ने चेताया
शोध टीम ने पाया कि मधुमक्खियां खेतों में एक बार में औसतन 23 तनावों से जूझ रही थीं, जो मिलकर उनमें 307 आंतरिक क्रियाएं ...
संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात
रक्त चंदन, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की चौथी अनुसूची में संरक्षित प्रजातियों की सूची में शामिल है इसके बावजूद इसका अवैध व्यापार प्रजाति पर ...
फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाने वाली लेडीबर्ड के अस्तित्व पर मंडराया खतरा: रिपोर्ट
दुनिया भर में लेडीबर्ड की 6,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं जो फसलों और पौधों को एफिड्स सहित कीटों के प्रकोप से बचाने ...
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं आर्कटिक के कारिबू और मस्कॉक्सन
टुंड्रा सामुदायिक विविधता धरती के उन भागों में लगभग दोगुनी दर से गिर गई जहां शाकाहारी जानवरों को उन भागों की तुलना में बाहर ...
जलवायु परिवर्तन की वजह से करोड़ों मोनार्क तितलियों की गई जान, जानें सफेद धब्बे कैसे मददगार हैं
शोध में 400 जंगली मोनार्क तितलियों के पंखों का विश्लेषण किया गया, उनके रंग के अनुपात को मापा, इसमें पाया कि सफल प्रवासी मोनार्क ...
प्रकृति को बचाने के लिए जी20 देशों को हर साल करना होगा 21.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश
वर्तमान में जी20 देश प्रकृति-आधारित समाधानों पर हर साल करीब 9 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रहे हैं, जिसमें 2050 तक 140 फीसदी ...
2030 तक सभी देशों को भूमि सुधार के अपने वादों को निभाना होगा: संयुक्त राष्ट्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल, हम अपने वैश्विक आर्थिक उत्पादन के 10 प्रतिशत से अधिक मूल्य की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंची 21 फीसदी से अधिक सरीसृप प्रजातियां: अध्ययन
अध्ययन में कम से कम 1,829 या 21 प्रतिशत या तो असुरक्षित, संकटग्रस्त या गंभीर रूप से संकटग्रस्त पाए गए।
दुनिया से विलुप्त हो जाएगी सॉफिश, वजह जरूरत से ज्यादा मछली पकड़ना
सॉफिश 46 देशों से विलुप्त हो चुकी हैं,18 देश ऐसे हैं जहां इनकी कम से कम एक प्रजाति गायब हो गई है और 28 देशों ...
नए युग में धरती: हिंद महासागर का समुद्री घोंघा हो सकता है पहला शिकार
एंथ्रोपोसीन यानी मानव युग में कई प्रजातियां विलुप्त होती जा रही है, जिसके लिए कहीं न कहीं इंसान ही जिम्मेवार है
नए युग में धरती: सॉफ्ट शैल कछुआ प्रजाति की अंतिम मादा खत्म
2015 से लगातार कृत्रिम गर्भाधान कराने के प्रयास हुए लेकिन उसकी मौत के साथ ये सभी प्रयास धरे के धरे रह गए
2100 तक प्रजातियों के 23 फीसदी आवास हो जाएंगे गायब
अध्ययन में सन 1700 से आज तक यहां रहने वाले लगभग 16,919 प्रजातियों के आवास अर्थात उनके रहने वाली सीमा/सरहद में आए बदलाव का ...
जग बीती: जब काजीरंगा में मिलेगी विलुप्त प्रजाति!
गुजरात में चिड़ियाघर बना सकता है ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर: सर्वोच्च न्यायलय
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
उत्तर बंगाल में क्यों बढ़ रही है गिद्धों की संख्या?
उत्तर बंगाल में गिद्दों की ंसंख्या बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह बड़ी रोचक है
कूनो में चार और चीता शावकों का जन्म, लेकिन विशेषज्ञों ने उठाए ये सवाल
नामीबियाई मादा चीता ज्वाला दूसरी बार मां बनी, लेकिन उसे कभी जंगल में नहीं छोड़ा गया
तीन दिन में तीन हथिनियों की मौत कहीं हाथी-मानव संघर्ष का नतीजा तो नहीं?
सरगुजा के जंगलों में कुछ वर्षों से जंगली हाथियों की काफी उपस्थिति देखी गई है, इस जंगल में करीब 240 हाथी तक देखे गए ...
रेगिस्तान की लोमड़ियों में भी फैल रही है मेंज बीमारी, वन विभाग बेखबर
राजस्थान में ऊंटों के बाद रेगिस्तान की लोमड़ियों (डेजर्ट फॉक्स) में भी मेंज बीमारी फैल रही है