उष्णकटिबंधीय इलाकों में जंगलों के काटे जाने से बारिश में कमी और फसल उपज घटी
शोध टीम का कहना है कि एक फीसदी बारिश कम होने के कारण फसल की पैदावार में औसतन 0.5 फीसदी की गिरावट आई
जीव वैज्ञानिकों ने माउंट एवरेस्ट में खोजी बिल्ली की दुर्लभ प्रजाति: शोध
पल्लास बिल्ली की यह आबादी वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) के तहत कानूनी रूप से संरक्षित ...
कैसे बहाल होंगें जंगल, जब पांच वर्षों से ज्यादा नहीं जीते दोबारा उगाए आधे उष्णकटिबंधीय पेड़
वन बहाली के प्रयास में लगाए करीब 44 फीसदी पेड़ पांच वर्ष से ज्यादा जीवित नहीं रहते हैं। ऐसे में वन बहाली के प्रयास ...
जंगलों में लगती आग से हर मिनट स्वाहा हो रहे हैं 16 फुटबॉल मैदानों जितने जंगल
जानकारी मिली है कि 2021 में वैश्विक स्तर पर करीब 93 लाख हेक्टेयर में फैले जंगल आग की भेंट चढ़ गए थे
केन-बेतवा लिंक परियोजना से खतरे में है पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का आवास
क्या जखनी गांव का उदाहरण बुंदेलखंड में पानी और पन्ना टाइगर रिजर्व में जैवविविधता की समस्या को हल कर सकता है
ग्रेट बैरियर रीफ में मछली की नई प्रजातियां मिलीं और भी मछलियों के मिलने की संभावना
लेडी इलियट द्वीप समुद्री जीवन की 1,200 से अधिक प्रजातियों के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय है
भारत में दर्ज की गई पक्षियों की 1,036 प्रजातियां, दुनिया में तीसरी सबसे अधिक
द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, 538 पक्षी प्रजातियां दर्ज की गई। उत्तराखंड में 426, असम में 420, महाराष्ट्र ...
केरल में संरक्षित की जा रही है लुप्तप्राय विशाल सॉफ्टशेल कछुए की प्रजाति
मीठे पानी के सॉफ्टशेल कछुए को आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया ...
विलुप्ति की कगार पर पहुंचे अंडमान के मायावी डुगोंगों को किया जा सकता है फिर से बहाल: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, भारतीय समुद्र में डुगोंग की संख्या 250 है, हालांकि अंडमान द्वीप समूह में इनके ज्ञात रिकॉर्ड हैं, लेकिन उन्हें वहां बहुत ...
परागण में कमी से फल-सब्जियों के उत्पादन में 5 फीसदी की कमी, हर साल 4.27 लाख मौतें
अपर्याप्त परागण के चलते वैश्विक स्तर पर जहां कुल फल उत्पादन में 4.7 फीसदी की गिरावट आ रही है, वहीं इसकी वजह से सब्जियों ...
गधे कब और कैसे गधे बने, जानें एक रोचक इतिहास
विश्व गधा दिवस : मिस्र के एक शाही कब्रिस्तान में मिले थे पांच हजार साल पहले गधों से ढुलाई के प्रमाण
डाउन टू अर्थ खास: क्यों जमीन छिनने के डर से चिंतित हैं राजस्थान के लोग?
गांवों के लोग पारंपरिक चारागाहों की जमीन को डीम्ड फॉरेस्ट घोषित करने का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि कहीं ...
जग बीती: जंगली जानवरों को भी मिले मुफ्त राशन
नामीबिया से लाए गए एक और चीते की मौत, कारण का पता नहीं
कुनो नेशनल पार्क में मार्च से लेकर अब तक सात चीतों की मौत हो चुकी है
पलामू टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत पर क्यों मचा बवाल
बाघिन की मौत की अलग-अलग वजह बताई जा रही हैं
लैंटाना हटाकर एक तीर से कई निशाने साध रहे मंडला के ग्रामीण
भारत समेत दुनियाभर में आक्रामक प्रजातियों के फैलाव के बीच मध्य प्रदेश के मंडला जिले में लैंटाना उन्मूलन और प्रबंधन का व्यापक कार्यक्रम चल ...
वैज्ञानिकों का दावा, 14 करोड़ साल पहले कीटों द्वारा किया गया था शुरुआती फूलों का परागण
आज हम फूलों की जितनी भी विविधता देखते हैं, यह इन्हीं शुरूआती फूलों और उनके परागण की देन है
जंगलों के लिए फायदेमंद है पेड़ों की प्रजातियां और उनमें मौजूद आनुवांशिक विविधता
वनों के स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए वनीकरण से जुड़ी परियोजनाओं में पेड़ों की अलग-अलग प्रजातियां के साथ उनमें मौजूद आनुवंशिक विविधता बहुत मायने ...
छत्तीसगढ़ में पेसा कानून के बहुप्रतीक्षित नियम लागू हुए पर मंशा पर सवाल बाकी
25 साल पहले संविधान की पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में ‘स्व-शासन’ की स्थापना के लिए पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज का विस्तार) कानून ...
“फिल्म और एक्टिविज्म एक दूसरे से अलग नहीं”
“द अग्ली साइड ऑफ ब्यूटी” के लिए जापान सरकार से पुरस्कृत झारखंड के रहने वाले डॉक्यूमेंटरी फिल्ममेकर दीपक बाड़ा से खास बातचीत -
खानाबदोश: कल के विरुद्ध खड़ा बेपनाह समाज
वर्ष 2011 में 46,73,034 जातियों-उपजातियों को तो चिन्हित किया गया, लेकिन लाखों खानाबदोश, तब भी इन सामाजिक वर्गीकरणों में भूले-बिसरे ही रह गये
जय भीम: सत्य और फंतासी के बीच झूलती एक कहानी
गणतंत्र को बचाने के लिए कभी-कभी तानाशाही की जरूरत पड़ती है, ऐसी समझ वाले लोगों को जवाब दे रही है जय भीम
जैव विविधिता को नुकसान पहुंचा रही हैं चीन की हाइड्रोपावर कंपनियां
दुनिया के आधे से अधिक बांध बनाने वाली चीन की हाइड्रो पावर कंपनियों पर गंभीर आरोप लगे हैं
परागणकों में आ रही है गिरावट, खतरे में है 90 फीसदी जंगली पौधों का अस्तित्व
शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में करीब 200 करोड़ छोटे किसानों की पैदावार के लिए इन छोटे जीवों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाएं ...
भाषा के साथ खत्म होती हैं अनुभूतियां
जरूरी नहीं है कि लिखित भाषाएं ही परिपक्व हों, हमारी बहुत सी भाषाएं वाचिक साहित्य का हिस्सा हैं - अन्विता अब्बी