क्यों कम हो रही हैं उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं?
पिछले वर्ष 3 मई तक 99 हेक्टेअर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके थे, लेकिन इस साल 11 हेक्टेअर में ही आग लगी है
विलुप्ति से बचाएगा शेरों का नया आनुवंशिक अध्ययन
शोधकर्ताओं ने शेरों को विलुप्ति से बचाने के लिए उनके जीनोम का एक व्यापक परीक्षण किया है। एक जीव का जीनोम उसके वंशानुगत जानकारी ...
छत्तीसगढ़ में पेसा कानून के बहुप्रतीक्षित नियम लागू हुए पर मंशा पर सवाल बाकी
25 साल पहले संविधान की पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में ‘स्व-शासन’ की स्थापना के लिए पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज का विस्तार) कानून ...
वैज्ञानिकों का दावा, 14 करोड़ साल पहले कीटों द्वारा किया गया था शुरुआती फूलों का परागण
आज हम फूलों की जितनी भी विविधता देखते हैं, यह इन्हीं शुरूआती फूलों और उनके परागण की देन है
2030 तक नष्ट हो जाएंगे 112,000 वर्ग मील के दायरे में फैले प्राकृतिक आवास
एक अध्ययन से पता चला है कि शहरीकरण का सबसे अधिक असर उष्णकटिबंधीय वनो पर पड़ रहा है। जहां शहरी क्षेत्रों का तेजी से ...
एक पेड़ से सीजन में होती है 1.5 लाख तक आमदनी, फलियों से बनते हैं व्यंजन
मणिपुर में अमीर परिवार बेटियों की शादी में इस पेड़ का पौधा उपहार स्वरूप देते हैं, इसकी फलियों से स्वादिष्ट व पौष्टिक व्यंजन बनाए ...
“विनाश को विकास मान हम खुशफहमियों के भ्रमजाल में हैं”
उत्तराखंड में चिपको आंदोलन की अलख जगाने वाले 86 वर्षीय चंडीप्रसाद भट्ट को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डाउन टू ...
तो क्या उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा हो गई गुलदारों की संख्या?
उत्तराखंड में गुलदार और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसको लेकर कोई योजना इसलिए नहीं बन पा रही है, क्योंकि ...
वन्यजीवों के व्यवहार को जानना जरूरी, तब बच सकती है इंसानों की जान
उत्तराखंड में गुलदार का शिकार करने वाले लखपत रावत कहते हैं कि इंसान व जानवर दोनों को बचाना जरूरी है, लेकिन इसके लिए इंसानों ...
एवियन बोट्यूलिज्म से ही हुई है सांभर झील में 18 हजार पक्षियों की मौतः रिपोर्ट
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली की गुरूवार को आई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि सांभर झील में 18,496 पक्षियों की ...
एनजीटी की रोक के बाद भी अरावली में हो रहा है निर्माण
अरावली में 260 एकड़ जमीन सीआईएसएफ को बेची गई है, इसके बारे में पता चलते ही एनजीटी पर किसी भी तरह के निर्माण पर ...
आखिर क्यों पक्षियों की कब्रगाह बनती जा रही है सांभर झील
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि ...
कच्छ में भी प्रवासी पक्षियों की मौत, सांभर में एसडीआरएफ ने संभाली कमान
राजस्थान के सांभर झील के आसपास प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला थमा नहीं है। अब गुजरात के कच्छ इलाके में भी पक्षियों की ...
“फिल्म और एक्टिविज्म एक दूसरे से अलग नहीं”
“द अग्ली साइड ऑफ ब्यूटी” के लिए जापान सरकार से पुरस्कृत झारखंड के रहने वाले डॉक्यूमेंटरी फिल्ममेकर दीपक बाड़ा से खास बातचीत -
खानाबदोश: कल के विरुद्ध खड़ा बेपनाह समाज
वर्ष 2011 में 46,73,034 जातियों-उपजातियों को तो चिन्हित किया गया, लेकिन लाखों खानाबदोश, तब भी इन सामाजिक वर्गीकरणों में भूले-बिसरे ही रह गये
जय भीम: सत्य और फंतासी के बीच झूलती एक कहानी
गणतंत्र को बचाने के लिए कभी-कभी तानाशाही की जरूरत पड़ती है, ऐसी समझ वाले लोगों को जवाब दे रही है जय भीम
जैव विविधिता को नुकसान पहुंचा रही हैं चीन की हाइड्रोपावर कंपनियां
दुनिया के आधे से अधिक बांध बनाने वाली चीन की हाइड्रो पावर कंपनियों पर गंभीर आरोप लगे हैं
परागणकों में आ रही है गिरावट, खतरे में है 90 फीसदी जंगली पौधों का अस्तित्व
शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में करीब 200 करोड़ छोटे किसानों की पैदावार के लिए इन छोटे जीवों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाएं ...
शिकारियों के फंदे में फंसकर मरा बाघ
स्थानीय लोगों का कहना है कि कैमरे हटते ही शिकारी सक्रिय हो गए हैं। बाघ की मौत के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा ...
सामुदायिक भूमि पर अधिकार के लिए दलितों का आंदोलन
पंजाब के दलित एकजुट होकर मजबूत तबके से लोहा ले रहे हैं और तमाम उतार-चढ़ाव के बाद हक की लड़ाई जीत भी रहे हैं
15 साल में धरती का 35,204 वर्ग किमी वन क्षेत्र कम हुआ
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आबादी के दबाव और गरीबी के कारण भूमि क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहे हैं
दुधवा नेशनल पार्क में मिली पक्षियों की चार नई प्रजातियां
टाइगर, गैंडों, हाथी और घड़ियाल के लिए मशहूर दुधवा नेशनल पार्क में 18 जनवरी से 20 जनवरी तक शीतकालीन पक्षी गणना की गई
विलुप्त हो रहे फर्न देखने हों तो इस वाटिका में आएं
फर्न की 18 प्रजातियां ऐसी हैं जो सिर्फ उत्तराखंड में ही पायी जाती हैं। ये सभी शोषण, अपने प्राकृतिक वास खोने और मौसमी वजहों ...
आसान नहीं है मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना
उत्तराखंड में जगह-जगह जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है
किसानों ने पेश की मिसाल, पक्षियों के लिए दी अपनी जमीन
इस पक्षी अभयारण्य 140.29 एकड़ जमीन में फैले इस पक्षी अभयारण्य की देख रेख का जिम्मा भी समुदाय के हाथ में ही होगा