आईएसएफआर 2021 : जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे पहाड़ी राज्यों में वनों को क्षति, देश का कुल वन क्षेत्र 0.21 फीसदी बढ़ा
रिपोर्ट के मुताबिक देश में सर्वाधिक घने वन क्षेत्र का नुकसान जम्मू-कश्मीर में हुआ है जबकि कुल वन क्षेत्र नुकसान के मामले में पूर्वोत्तर ...
अरावली के विनाश की योजना है नया एनसीआर रीजनल प्लान?
हाल ही में एनसीआर योजना बोर्ड ने एनसीआर रीजनल प्लान 2041 का ड्राफ्ट जारी किया है, जिसे लेकर पर्यावरणविद नाराज हैं
ब्लॉग : आदिवासियों के अधिकार और अस्मिता के अनुत्तरित अध्याय
यह संयोग नहीं है कि अमरीका के मिसिसिपी के तटों के ‘इंडियन’ से सुदूर भारत के पूर्वी गोलार्ध में रहने वाले ‘आदिवासियों’ की जिंदगी ...
आदिवासियों की जमीनों को संरक्षित करने वाले सीएनटी और एसपीटी एक्ट में बदलाव की मांग, जानिए क्या होगा असर?
संभव है कि 20 जून के बाद ही यह मामला विचार के लिए अदालत के सामने आएगा। इस बीच याचिका की निर्णायक मांग में ...
बैठे ठाले: पानीपत, एक युद्ध कथा
अब्दाली आज भी अफगानिस्तान की पहाड़ियों में अपने आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली बिल, वोटर आईडी जैसे कागजात ढूंढ़ रहा है
कूनो में एक और मादा चीता 'दक्षा' की मौत, मेटिंग में हिंसक झड़प बनी वजह
राष्ट्रीय उद्यान में अब कुल 17 चीते बचे हैं। फरवरी, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के हिंडनबर्ग पार्क से सात नर और पांच मादा चीतों ...
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष: जश्न में भी बनाए रखें होश
भारतीय बाघ के संरक्षण के लिए 1973 में एक महत्वपूर्ण परियोजना चलाई गई, जिसका नाम प्रोजेक्ट टाइगर है।
आदि शंकराचार्य के म्यूजियम के लिए अवैध तरीके से काटे जा रहे थे पेड़, एनजीटी ने लगाई रोक
पेड़ों को काटने की अनुमति वन (संरक्षण कानून), 1980 की धारा 2 के मुताबिक पूरी तरह से अवैध है।
सांप के काटने से तीन साल में हुई 3000 मौतें
भारत में सर्पदंश के अधिकांश मामले रिपोर्ट न होने के बाद भी 2016-19 के बीच कुल 7,21,986 मामले सामने आए हैं और 2016-18 के ...
उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमले से 58 लाेग मरे
उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष में सबसे ज्यादा मुश्किल गुलदार को लेकर है। इसके हमले में 18 लोगों की मौत हुई।
बैठे-ठाले: शरणार्थी समस्या से निपटने का आसान रास्ता
“पड़ोसी देश से आने वाले लोगों को यहां का हाल बता दीजिए, लोग इधर की ओर दोबारा देखेंगे भी नहीं”
सांभर झील में 17 हजार पार पहुंचा मृत पक्षियों का आंकड़ा
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक सांभर झील में 17,270 पक्षी मारे जा चुके ...
सांभर झील में पक्षियों की माैत का सिलसिला जारी, कारण स्पष्ट नहीं
राजस्थान की सांभर झील व उसके आसपास पक्षियों का शव मिलना लगातार जारी है। पक्षियों की मौत का कारण अब तक पुष्ट नहीं हो ...
खत्म हो रहे हैं घास के मैदान, जैव विविधता में अहम योगदान देती है हवा
खराब होती पारिस्थितिकी तंत्र को ठीक करने के लिए घास के मैदानों की पुन: बहाली महत्वपूर्ण है
वनाधिकार के लिए 32 गांव के लोग भूख हड़ताल पर
ग्रामीण वन प्रबंधन के अधिकार की मांग कर रहे हैं क्योंकि इसके बिना जंगलों पर वन विभाग का अधिकार बना रहेगा
इंसानी परिवेश में ढलते वनमानुष
यदि शिकार जैसे प्रमुख खतरे को नियंत्रित कर लिया जाता है तो वनमानुष लोगों के साथ सह-अस्तित्व बनाकर रह सकते हैं
विश्व मधुमक्खी दिवस: परागण करने वाली प्रजातियों के विलुप्त होने की दर सामान्य से 100 से 1,000 गुना अधिक
दुनिया की लगभग 90 फीसदी जंगली फूलों वाली पौधों की प्रजातियां, पूरी तरह से या कम से कम आंशिक रूप से, जीवों के परागण ...
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: उत्तराखंड में 7991 निकायों में जैवविविधता प्रबंधन समिति गठित
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
जानवरों के लिए सुरक्षित नहीं दुनिया की 73 फीसदी भूमि, शिकार और पकड़े जाने का है खतरा
दुनिया की करीब 44 फीसदी भूमि, कृषि के चलते उभयचर जीवों के लिए सुरक्षित नहीं है। वहीं 50 फीसदी भूमि पर पक्षियों और 73 ...
खतरे में हैं 6,400 किमी का सफर करने वाली मोनार्क तितलियों का अस्तित्व, रेड लिस्ट में शामिल
आईसीयूएन के अनुसार पिछले एक दशक में इन तितलियों की आबादी में 72 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन ...
खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण
क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण लागू करने से दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में सिर्फ कुपोषण से संबंधित बीमारियों से 200,000 अतिरिक्त मौतें ...
जलवायु परिवर्तन और बढ़ती इंसानी महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ते जुगनू, खतरे में टिमटिमाते जीवों का अस्तित्व
जहां अत्यधिक शुष्क परिस्थितियां जुगनू के लार्वा के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रहा है। वहीं नम मौसम प्रजनन क्षेत्र में बाढ़ की ...
क्या हैं बुरांश के फायदे, लेकिन क्यों खतरे में पड़ा इसका अस्तित्व?
बुरांश के फूलों से बना शरबत हृदय रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
मधुमक्खी पालकों को मिल रही है आधी कीमत: सीएसई
अगर हमारे पास मधुमक्खी पालन नहीं होंगे तो हमारे पास मधुमक्खियां भी नहीं होंगी और शहद भी
लगातार घट रही है बीज उत्पादन में मदद करने वाले परागणकों की संख्या
82 फीसदी पौधों की प्रजातियां कीड़ों द्वारा परागित होती हैं, 6 फीसदी कशेरुकी द्वारा परागित होती हैं, जबकि हवा द्वारा केवल 12 फीसदी पौधों ...