मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
मनरेगा ने गांव की ‘आधी आबादी’ को आबाद किया
मनरेगा में मजदूरी के बाद मिल रहा पैसा महिलाओं को अपनी खुद की कमाई का अहसास दिला रहा है
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सड़क यातायात में कमी से बाघों के व्यवहार में हुआ बदलाव
लॉकडाउन शुरू होने के बाद के महीने से, नर बाघ के घर का आकार तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 213 वर्ग मील हो ...
एसओई 2021: कोरोना महामारी में जन्मे बच्चों पर 2040 तक दिखेगा असर
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021 रिपोर्ट में कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुए बच्चों के भविष्य पर चिंता जताई गई है
महामारी से कार्बन उत्सर्जन तो घटा, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती बरकरार
संयुक्त राष्ट्र की संस्था के प्रमुख का कहना है कि, 'लॉकडाउन के चलते उत्सर्जन में जो कमी आई है हमें इस कर्व को लंबे ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-5: 3.50 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता पड़ेगी
कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुए हालात के बाद अर्थव्यवस्था को संभालने में मनरेगा योजना कितनी कारगर रहेगी, एक विश्लेषण-
कोविड काल में महिला समूहों ने खाद्य सुरक्षा में निभाई अहम भूमिका
विश्व खाद्य कार्यक्रम सांख्यिकी के अनुसार, गंभीर खाद्य असुरक्षा से ग्रस्त या इसके खतरे वाले लोगों की संख्या, जो कि कोविड-19 महामारी से पहले ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-8: दूसरा संस्करण शुरू करने का सही समय
हमने गांवों के पावर डायनेमिक्स को रातों-रात बदलते देखा। पारंपरिक रूप से मजदूर काम के लिए किसानों पर निर्भर रहा करते थे, लेकिन अब ...
भारत के 85 फीसदी लोग चाहते हैं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े नियम
भारत के 85 फीसदी लोग चाहते हैं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े नियम, जबकि 87 फीसदी ने सर्वे में माना कि लॉकडाउन ...
लॉकडाउन के चलते भारत में प्रदूषण और तापमान में दर्ज की गई गिरावट
मार्च से मई 2020 के दौरान देश के प्रमुख शहरों में दिन का तापमान करीब एक डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान पिछले पांच ...
कोरोनावायरस: लॉकडाउन में ओजोन प्रदूषण में हुआ भारी इजाफा
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के दौरान 22 शहरों में ओजोन के स्तर का विश्लेषण के बाद सीएसई ने एक ...
पथ का साथी: गांव लौटे प्रवासियों के सामने खड़ी हैं कई दिक्कतें
डाउन टू अर्थ के रिपोर्टर विवेक मिश्रा इन दिनों उत्तर प्रदेश के गांवों में हैं और गांव पहुंचे प्रवासियों के साथ दिन बीता रहे ...
बड़ी पड़ताल: उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन, कितना टिकाऊ?
पांच साल के अंतराल में खींची गई इन दो तस्वीरों में एक मामूली अंतर है। दूसरी तस्वीर में न केवल दो लोग अतिरिक्त हैं, ...
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-1: नियमों के संशोधन पर सवाल
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मनरेगा ग्रामीणों के लिए कितनी कारगर साबित हुई। प्रस्तुत है, डाउन टू अर्थ की खास सीरीज
मार्च से जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 29,415 की मौत, लेकिन कौन थे ये लोग?
सरकार ने संसद को बताया कि लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी श्रमिक सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, उनके पास इसके आंकड़े नहीं हैं
मनरेगा: जंगली बबूलों की जड़ें उखाड़ बनाया चारागाह
लॉकडाउन के दौरान अप्रैल के आखिरी हफ्ते में शुरू हुई मनरेगा योजना के तहत ग्रामीणों ने जंगली बबूलों को काटकर चारागाह बनाने का फैसला ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-9: कमियों के बावजूद संपूर्ण योजना
मनरेगा की उत्पत्ति उन आपदाओं के मद्देनजर हुई थी जो जमीन या कृषि के कार्य से जुड़ी हुई थी
मनरेगा ने बदली सूरत
मनरेगा में काम की मांग इससे पहले कभी इतनी नहीं रही, जितनी कोरोना वायरस आपदा के दौरान रही है
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-3: 100 दिन के रोजगार का सच
कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के लिए मनरेगा योजना कितना कारगर साबित हो रही है, डाउन टू अर्थ की खास रिपोर्ट-
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-6: उत्तर प्रदेश के कई गांवों में एक भी ग्रामीण को नहीं मिला काम
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जब लोग बेरोजगार थे, उस समय उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे थे, जिस वजह से लोगों ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-4: 250 करोड़ मानव दिवस रोजगार हो रहा है पैदा
आरोप लगाया जाता है कि मनरेगा के तहत पैसा व्यर्थ किया जाता है, लेकिन हकीकत यह नहीं है