लॉकडाउन में मुर्गियों को नहीं मिल रहा है दाना, 1.5 करोड़ मुर्गियों को मारने के लिए मांगी इजाजत
दाना नहीं मिलने से जींद और बरवाला में मुर्गियां मरने लगी है, जिसने व्यापारियों की चिंता और बढ़ा दी है
कोरोनावायरस: देश के सबसे साफ शहर इंदौर में तीसरा चरण शुरू होने के संकेत!
मध्यप्रदेश के 34 मामलों में से लगभग आधे मामले (19) इंदौर शहर में ही हैं। 27 मार्च को मिले चार नए मरीजों का विदेश ...
कोरोनावायरस का साइड इफेक्ट: किसान के लिए कितना कष्टदायक होगा लॉकडाउन
एक सप्ताह बाद से बाजार में गेहूं, सरसों, मटर, मूंग, मसूर, चना और प्याज आदि की आवक शुरू होनी है। इससे पहले उनके सामने ...
बिहार के लिए खतरनाक साबित न हो जाए भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों का लौटना
दानापुर स्टेशन पर स्क्रीनिंग टीम ने प्राथमिक तौर पर 25 लोग संदिग्ध पाया और उन्हें आइसोलेट करके शेष लोगों को स्पेशल बसों से उनके ...
मार्च में अधिक बारिश का कोरोनावायरस पर क्या प्रभाव होगा?
अगर वायरस सर्द आबोहवा में फूलता-फलता है, तो जिन जिलों में अत्यधिक बारिश हुई है क्या उन जिलों में उन्हें फैलने के लिए अनुकूल ...
मोदी जी, आपने महामारी को भी इवेंट बना दिया
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन आर्थिक रूप से उबारने की किसी योजना का रत्ती भर भी जिक्र किए बिना स्थिति के प्रति उनकी ...
भारत में कमजोर तबके की 60 फीसदी आबादी पर मंडरा रहा है आपदाओं का खतरा
भारत में रहने वाले सबसे कमजोर तबके की 60 फीसदी आबादी पर बीमारी, प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा मंडरा रहा है, ...
अफ्रीका से आई अच्छी खबर, करीब दस साल बढ़ी औसत जीवन प्रत्याशा
2000 से 2019 के बीच वैश्विक स्तर पर औसत जीवन प्रत्याशा में केवल पांच वर्षों की वृद्धि हुई है, इसके बावजूद एक औसत अफ्रीकी ...
दुनिया में 15.5 करोड़ लोग कर रहे जबरदस्त खाद्य संकट का सामना, पांच वर्षों में सबसे ज्यादा बुरे हालात अब
इस संकट के लिए जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और कोविड-19 के कारण उपजा आर्थिक संकट मुख्य रूप से जिम्मेवार था।
लॉकडाउन में भारत के कार्बन उत्सर्जन में दर्ज की गई 15.4 फीसदी की गिरावट
लॉकडाउन की वजह से दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइट के स्तर में आई गिरावट ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़े
पर्यावरण मुकदमों की डायरी:दिल्ली हाई कोर्ट ने कोविड-19 की जांच के लिए जारी किया नया निर्देश
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें –
लाखों बच्चों को मजदूर बना देगा कोरोनावायरस
अनुमान है कि कोरोनावायरस से आया आर्थिक संकट बाल मजदूरों की संख्या में इजाफे का कारण बनेगा| इससे पहले 2000 से लेकर अब तक ...
मानव विकास सूचकांक: 193 देशों की सूची में 134वें पायदान पर भारत, जीवन प्रत्याशा में आई गिरावट
इससे पहले 2021 में जारी मानव विकास सूचकांक में भारत को 0.633 अंकों के साथ 132वें पायदान पर जगह दी गई थी
बाल मजदूरी करने को मजबूर है दुनिया का हर दसवां बच्चा
आईएलओ के मुताबिक, लगभग 7.9 करोड़ बच्चे ऐसे जोखिम भरे काम कर रहे हैं, जो उनकी सेहत के लिए खतरनाक है
विश्व एड्स दिवस: कोविड-19 से भी अधिक जानलेवा साबित हो रही है यह महामारी
इस साल एचआईवी एड्स से मरने वालों की संख्या 15.44 लाख पहुंच गई है। 2005 के बाद मौजूदा साल संक्रमितों के लिए सबसे जानलेवा ...
मनरेगा ने बदली सूरत
मनरेगा में काम की मांग इससे पहले कभी इतनी नहीं रही, जितनी कोरोना वायरस आपदा के दौरान रही है
50 साल पहले की तुलना में 3 गुना अधिक बढ़ी प्राकृतिक आपदाएं: एफएओ
कृषि से दुनिया भर में 2.5 अरब से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है
कोरोना वैक्सीन अपडेट: कोविशील्ड के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के लिए पूरा हुआ नामांकन
भारत में विकसित किए जा रही वैक्सीन में, कोविशील्ड मानव परीक्षण के उन्नत चरण में है
जग बीती: कोरोना की तीसरी लहर
कोरोनावायरस के इस दौर में कैसे बढ़ाएं अपने इंटरनेट की रफ्तार
कुछ आसान ट्रिक्स की मदद से आप अपने घर पर इंटरनेट की गति को बढ़ा सकते हैं
कोरोनावायरस की वजह से भारत के 42 करोड़ लोग लॉकडाउन
कई राज्यों ने पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया है तो कुछ ने आंशिक रूप से लॉकडाउन किया है
कोरोना वैक्सीन लगने के अगले दिन स्वास्थ्य कर्मी की मौत
परिवार का आरोप है कि वैक्सीन लगने के बाद तबियत खराब हुई जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है
कितने महीने तक दोबारा कोरोना होने का आसार नहीं रहता?
शोधकर्ताओं ने कहा है कि जिन लोगों को एक बार कोविड-19 हो जाता है, उनमें कम से कम आठ महीनों तक फिर से संक्रमण ...
भोपाल गैसकांड के 467 प्रभावितों की कोविड-19 से मौत, 38 का नाम सूची में नही
गैस पीड़ित संगठनों ने पहले ही अंदेशा जताया था कि गैस पीड़ितों की मृत्यु दर अधिक हो सकती है
लॉकडाउन ने और चौड़ी कर दी डिजिटल विभाजन की खाई
कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने पहले से मौजूद डिजिटल विभाजन को और स्पष्ट कर दिया है