पर्यावरण प्रभाव आकलन की व्यवस्था खत्म कर सकती है केंद्र की नई एसओपी
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के नए निर्देश, नियमों का उल्लंघन करने वालों को रोकने की बजाय उन्हें अपनी मर्जी करने की छूट ...
आधुनिक दासता के शिकार हैं 5 करोड़ लोग, पांच वर्षों में 25 फीसदी बढ़ा आंकड़ा
आंकड़े दर्शाते हैं कि इनमें से 2.8 करोड़ लोगों से जबरन काम करवाया गया था। वहीं 2.2 करोड़ लोगों को जबरदस्ती विवाह करने के ...
क्या हैं कपास से बने कपड़ों के पर्यावरणीय प्रभाव? किस तरह हो सकता है सुधार?
हमारी जींस और टी-शर्ट का पर्यावरणीय प्रभाव कितना बड़ा है यह देश, कपास की खेती, उत्पाद के निर्माण और उपयोग पर निर्भर करता है
बाबरी विध्वंस: भागीदारी के प्रयास से बुझ सकती हैं आग की लपटें
6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस की घटना की प्रतिक्रियास्वरूप डाउन टू अर्थ के संस्थापक संपादक अनिल अग्रवाल द्वारा लिखा गया लेख
विकास के आखिरी पायदान पर खड़े हैं आदिवासी: रिपोर्ट
पहली जनजातीय विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कारणों के चलते विकास आदिवासियों तक पहुंच नहीं पाता है
बजट 2021-2022 : हाशिए पर रही खेती-किसानी, कुल बजट में घटी 1.2 फीसदी की हिस्सेदारी
किसानों को भले ही एमएसपी देते रहने का ऐलान किया गया हो लेकिन बजट में एमएसपी सुनिश्चित करने वाली अहम योजनाओं के प्रावधानों में ...
जोशीमठ का सबक: टिकाऊ पर्यटन की चुनौती
अब तक विकसित किए गए पर्यटक स्थल नगरपालिका की सीमा के साथ ही साथ संवहन क्षमता सीमा या लोगों और बुनियादी ढांचे के अधिकतम ...
लुटता हिमालय: सिर्फ प्रशासनिक और सिविल इंजीनियरिंग उपायों से नहीं थमेंगी आपदाएं
संभावित जोखिम और खतरों की गणना करने के लिए सभी पहाड़ी क्षेत्र की निर्माण गतिविधियों की भूगर्भीय जांच की आवश्यकता है
यूरोपीय संघ के अधिक खपत से पड़ोसियों के पर्यावरण को हो रहा है भारी नुकसान
यूरोपीय संघ की खपत से जुड़े सभी पर्यावरणीय प्रभावों और दबावों का विश्लेषण किया गया, जिससे पता चला कि ब्राजील, चीन, भारत, जापान के ...
जोशीमठ : 2-3 जनवरी की रात आखिर क्या हुआ, क्यों तेजी से चौड़ी हुईं दरारें
जोशीमठ में आज कई नई जगह पानी कर रिसाव हुआ, प्रशासन पानी का स्रोत बताने को तैयार नहीं। अनुमान है कि यह पानी तपोवन ...
खेती-किसानी को लील जाएंगे शहर, तीन साल बाद सामने आएंगे आंकड़े
जनगणना 2021 के आंकड़े तीन साल बाद सामने आ जाएंगे, जो संकेत मिल रहे हेैं, उससे लगता है कि ग्रामीण भारत लगभग पूरी तरह ...
2,613 शहरों में बसी हैं झुग्गी बस्तियां, जी रहे हैं नारकीय जीवन
रोजगार की तलाश में शहरों का रुख करने वाली ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी झुग्गी बस्तियों में अपना ठिकाना बनाती है और अमानवीय परिस्थितियों ...
जलवायु आपदाओं और संघर्ष के बीच पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंचा विस्थापितों का आंकड़ा
जलवायु में आते बदलावों के चलते अगले 28 वर्षों में करीब 21.6 करोड़ लोगों को अपनी मौजूदा जिंदगी, जीविका और घरों को छोड़ सुरक्षित ...
एसओई इन फिगर्स 2022: कृषि प्रधान देश में कर्ज के बोझ तले दबे हैं 50 फीसदी कृषक परिवार
भारत में औसतन हर कृषक परिवार पर 74,000 रुपए से ज्यादा का कर्ज है। विडम्बना देखिए कृषि प्रधान इस देश में हर दिन औसतन ...
डीएमआरसी को भीकाजी कामा प्लेस में प्रस्तावित वाणिज्यिक परिसर के लिए प्रस्तुत करनी चाहिए ईआईए रिपोर्ट: रिपोर्ट
एनजीटी के आदेश पर गठित एक संयुक्त समिति ने कहा है कि डीएमआरसी को भीकाजी कामा प्लेस में वाणिज्यिक परिसर परियोजना के प्रस्तावित निर्माण ...
21 अरबपतियों के पास है 70 करोड़ भारतीयों से अधिक संपत्ति: ऑक्सफैम
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 33 फीसदी जीएसटी 40 फीसदी मध्य वर्ग से और शीर्ष 10 फीसदी केवल 3 फीसदी अमीरों से ...
कॉप-26: जी20 देशों के 70% किशोरों ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताई
यूएनडीपी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने जलवायु परिवर्तन पर एक बड़ा जनमत (वोटिंग) सर्वेक्षण कराया
शहरी क्षेत्रों में हीटवेव से प्रभावित हो रहा स्वास्थ्य: अध्ययन
अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कौन से कारण हैं जिनसे शहरी गर्मी बढ़ रही है जिससे स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा हैं।
डाउन टू अर्थ खास: शहरों पर बंदरों का कब्जा, प्यार जताएं या गुस्सा!
पहले मनुष्यों ने उनके ठिकानों का अतिक्रमण किया। अब वे हमारे ठिकानों पर हमला कर रहे हैं और वे पीछे हटने को बिल्कुल तैयार ...
पंचायतों पर डोरे डालने के निहितार्थ
पंचायती राज व्यवस्था अपने 25वें साल में है। विकास का महत्वपूर्ण यंत्र बनने के कारण ये सभी दलों को आकर्षित कर रही है।
जोशीमठ भूधंसाव: क्यों पदयात्रा पर निकले हैं ये दस युवा?
इस यात्रा में शामिल दस में से सात सदस्यों के परिवार पिछले दो महीने से होटल में शरणार्थी का जीवन व्यतीत कर रहे है
कितने और जोशीमठ?
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भी एक जल विद्युत परियोजना की वजह से कई गांव भूधंसाव का सामना कर रहे हैं
लुटता हिमालय: जोशीमठ में जो कुछ हो रहा है उसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने में हमने चूक की
हिमालयी क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में हमारे नए इंजीनियरिंग तरीके प्रतिकूल साबित हो सकते हैं। इलाके की वहन क्षमता को ध्यान में ...
जोशीमठ धंसाव के बाद राष्ट्रीय आपदा कानून पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
क्या मौजूदा आपदा प्रबंधन कानून और उसके 18 बरस पुराने प्रावधान, वर्तमान और भावी आपदाओं के मद्देनजर पर्याप्त हैं?
विकास की कीमत: पांच साल में 72,685 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग बदला
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट में विकास की वजह से जंगलों को हुए नुकसान का विश्लेषण किया ...