कश्मीर के पीर पंजाल में सिकुड़ रहे 122 ग्लेशियर, पैदा हो सकते हैं कई अनचाहे खतरे
रिसर्च से पता चला है कि जो ग्लेशियर क्षेत्र 1980 में करीब 25.7 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला था, वो 2020 में घटकर महज ...
महाराष्ट्र सूखा योजना: दस साल, 9,630 करोड़ खर्च, फिर भी महज 487 लोगों के लिए पानी
विशेषज्ञों का कहना है कि मराठवाड़ा में सूखा स्पष्ट रूप से मानव निर्मित आपदा है, जिसके लिए जल संसाधनों का कुप्रबंधन जिम्मेवार है
हिमालय में बर्फ से ढके क्षेत्र में आई 7 फीसदी की कमी तथा 3 ग्लेशियर पूरी तरह हुए गायब : अध्ययन
हिमालय में नंगा पर्वत के ग्लेशियर थोड़ा-थोड़ा कर लगातार सिकुड़ रहे हैं
बढ़ते तापमान के चलते झीलों से तेजी से गायब हो रही है ऑक्सीजन
महासागरों की तुलना में झीलों से 2.75 से 9.3 गुना तेजी से गायब हो रही है ऑक्सीजन
नाइट्रोजन प्रदूषण से बढ़ता जल संकट, भारत में पहले ही गंभीर रूप ले चुकी समस्या
आशंका है कि 2050 तक भारत सहित वैश्विक स्तर पर नदियों के एक तिहाई उप-बेसिनों को नाइट्रोजन प्रदूषण के चलते साफ पानी की भारी ...
सूखे के कारण पानी की कीमत चुकाने में असमर्थ होते जा रहे हैं गरीब परिवार: अध्ययन
पानी को आम तौर पर तब तक सस्ता माना जाता है जब तक कि यह घर की आय के 2 से 4 फीसदी के ...
आवरण कथा: खात्मे की ओर बढ़ रहा है भूजल?
एक साल में जितना पानी जमीन के भीतर पहुंचाया जा रहा है, उसमें से 62 प्रतिशत पानी निकाला जा रहा है। पांच राज्यों में ...
संसद में आज (28 मार्च 2022): सरकार ने कहा, उसके पास नहीं हैं असमानता के आंकड़े
दिल्ली के नरेला रोड में राजीव रतन आवास योजना के तहत निर्मित घरों में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता खराब पाई गई
दिल्ली-एनसीआर के 100 किलोमीटर के दायरे में भूजल के बढ़ते दोहन के कारण धंस सकती है जमीन
पता चला है कि भूजल का बढ़ता दोहन दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जमीन धंसने की वजह बन रहा है, जिसकी दर बढ़ते दोहन ...
अंतर्राष्ट्रीय वानिकी दिवस 21 मार्च 2022: वन, सतत उत्पादन और खपत
वन क्षेत्र कम से कम 3.3 करोड़ लोगों के लिए रोजगार पैदा करता है और वनों के उत्पादों का उपयोग अरबों लोग करते हैं।
हर साल ग्लेशियरों से पिघल रही है पहले के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा बर्फ
जहां इन ग्लेशियरों से 2000 में औसतन 36 सेंटीमीटर बर्फ पिघली थी वो 2019 में बढ़कर 69 सेंटीमीटर पर पहुंच गई थी।
मेघालय ने रखा दिसंबर 2022 से पहले हर ग्रामीण घर तक नल जल पहुंचाने का लक्ष्य
मेघालय में कुल 5.89 लाख ग्रामीण परिवार रहते हैं जिनमें से करीब 16 फीसदी (93 हजार) को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
क्या होता है जलवायु परिवर्तन? आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य
बदलती जलवायु न केवल इंसानों पर असर डाल रही है इससे अन्य पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं पर भी असर पड़ रहा है
विश्व जल दिवस पर विशेष-1: कैसे बुझेगी प्यास
22 मार्च को विश्व जल दिवस है। इसे देखते हुए डाउन टू अर्थ प्रस्तुत कर रहा है, पानी से जुड़ी विभिन्न रिपोर्ट्स की एक ...
बाढ़ और सूखा जैसी आपदाओं के चलते भारत सहित दुनिया में बढ़ रही हैं हिंसक घटनाएं
भारत में जलवायु से जुडी आपदाओं के चलते सबसे ज्यादा हिंसक संघर्षों के मामले सामने आये हैं
जल बिन प्यासे शहर, भाग तीन: डे जीरो की ओर बढ़ रहे महानगर, बेंगलुरु बना मिसाल
बेंगलुरु में भूजल दोहन लगातार बढ़ रहा है, शहर में 4 लाख से अधिक ट्यूबवेल हैं। वहीं भूजल रिचार्ज भी पर्याप्त मात्रा में नहीं ...
संसद में आज: केन-बेतवा लिंक परियोजना से 62 लाख लोगों को मिलेगा पीने का पानी
दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में सल्फर और क्लोरीन का उच्च स्तर
हिमाचल प्रदेश: सरकारी पेयजल परियोजना का क्यों विरोध कर रहे हैं 50 ग्राम पंचायतों के लोग?
ग्रामीणों का आरोप है कि अदाणी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट के फायदे के लिए यह परियोजना बनाई जा रही है
बदलती जलवायु के कारण भारी दबाव में हैं हिमालयी जल संसाधन: अध्ययन
ऊपरी सिंधु बेसिन के जल संसाधनों पर जनसंख्या वृद्धि, औद्योगीकरण और निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न गंभीर खतरे समेत कई तरह के ...
सिर्फ टीडीएस को पानी की गुणवत्ता का मापदंड मानकर आरओ खरीदना सही नहीं: विशेषज्ञ
विशेषज्ञों ने बताया कि आरओ का विकास ऐसे क्षेत्रों के लिए किया गया है, जहां पानी में घुलित खनिजों (टीडीएस) की अत्यधिक मात्रा पायी ...
जल बिन प्यासे शहर, भाग दो: जलसंकट से उबरने के लिए बेंगलुरु को करने होंगे ये काम
शहर को पानी की किल्लत से निपटने के लिए रिचार्ज, दोबारा इस्तेमाल और रिसाइकल करना जरूरी है
विश्व जल दिवस विशेष: आरओ से जुड़े सवालों पर क्या बोले केंट आरओ सिस्टम्स के चेयरमैन महेश गुप्ता?
आरओ से जुड़े सवालों पर केंट आरओ सिस्टम्स के चेयरमैन महेश गुप्ता से डाउन टू अर्थ की बातचीत
86 फीसदी ने माना इंसानी स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है नदियों में होता प्रदूषण: सर्वे
76 फीसदी लोगों का कहना है कि जल प्रदूषण को कम करने में इंसानी व्यवहार सबसे बड़ी बाधा है। वहीं महज 10 फीसदी लोग ...
बठिंडा में इंसानों के लिए सुरक्षित नहीं 78.4 फीसदी भूजल, तय मानकों से कई गुणा ज्यादा मिला फ्लोराइड
रिसर्च के जो नतीजे सामने आए हैं उनके मुताबिक बठिंडा के 78.4 फीसदी भूजल में फ्लोराइड का स्तर तय मानकों से ज्यादा है। इतना ...
एशिया के 1 अरब से अधिक लोगों को करना पड़ेगा पानी की कमी का सामना
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस सदी में ग्लेशियरों का अधिकांश भाग पिघल जाएगा और धीरे-धीरे पानी की आपूर्ति बंद हो जाएगी, जिसकी वजह से ...