कोविड-19: आपदा को अवसर में बदलने से चूक न जाएं हम
कोविड-19 से पहले जो कोयला परियोजनाएं सफलतापूर्वक लाभ नहीं अर्जित कर रही थीं, वो अब किसी भी प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा नहीं होनी चाहिए
कैसी होगी कोविड-19 के बाद दुनिया-1: भविष्य की आशंकाएं
हमारे चार संभावित भविष्य हैं- बर्बरता की अवस्था में पहुंचना, मजबूत पूंजीवादी राज्य, कट्टरपंथी समाजवादी राज्य या फिर आपसी सहयोग की नींव पर बने ...
उज्जवला योजना: कनेक्शन मिला नहीं पर खाते में पहुंच गई सब्सिडी!
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के माणिकपुर ब्लॉक में उज्जवला योजना में बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई है
कोरोनावायरस ने बिगाड़ा बनारस के लंगड़ा आम का स्वाद
बनारस के आसपास आम की किस्म लंगड़ा के बाग हैं, जिन्हें यूरोप में एक्सपोर्ट किया जाता है, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से किसान और ...
कोविड-19 के कारण गरीबी की दलदल में धंसे 15 करोड़ बच्चे: यूनिसेफ
यूनिसेफ का कहना है कि आने वाले महीनों में यह स्थिति और बदतर हो सकती है
मध्य-पश्चिमी क्षेत्र और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में महामारी के दौरान बढ़ा वायु प्रदूषण
उपग्रह द्वारा की गई निगरानी से पता चलता है कि देश के मध्य-पश्चिमी क्षेत्र और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य प्रवृत्ति के ...
उत्तराखंड में मनरेगा-1: प्रवासियों के लिए कितना फायदेमंद?
उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम करने का न्यौता दिया गया, लेकिन क्या कहते हैं प्रवासी...
मनरेगा के साथ-साथ खेती में जुटे प्रवासी
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गांवों से वही प्रवासी शहरों में लौटना चाहते हैं, जिनके पास खेती के लिए जमीन नहीं है
जानिए यूरोप और एशिया में फिर तेजी से क्यों बढ़ रहे कोरोना के मामले, कौन सा वेरिएंट है इसके पीछे?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बीए.2 अब तक के सभी सिक्वेंसिंग मामलों का लगभग 86 फीसदी के लिए जिम्मेवार है।
मनरेगा: ग्रामीणों ने बिछा दिया गांव में नालियों का जाल
ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत गांव से बाहर जाकर गड्ढे खोदने की बजाय अपने गांव में नालियां खोदने की मांग की
गांव लौटे प्रवासियों को रोक पाएगा मनरेगा?
कोरोनावायरस संक्रमण के बाद लगाए गए लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में लगभग 60 हजार प्रवासी लौट आए हैं
2020 में लॉकडाउन के दौरान 8 फीसदी तक घट गया था आकाशीय बिजली गिरने का सिलसिला
शोधकर्ता इसके लिए लॉकडाउन के कारण वायु प्रदूषण में आई गिरावट को वजह मान रहे हैं
गहरे सदमे में है भारतीय अर्थव्यवस्था
ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा महामारी का आर्थिक प्रभाव बेहद नुकसानदेय होने वाला है क्योंकि वहां ज्यादातर अनौपचारिक और कम कमाई करने वाली मजदूर रहते ...
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सड़क यातायात में कमी से बाघों के व्यवहार में हुआ बदलाव
लॉकडाउन शुरू होने के बाद के महीने से, नर बाघ के घर का आकार तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 213 वर्ग मील हो ...
लॉकडाउन के कारण वैश्विक ओजोन प्रदूषण में दर्ज की गई 2 फीसदी की गिरावट
ओजोन प्रदूषण में आई यह गिरावट इतनी है जिसे यदि नियमों और नीतियों की मदद से कम करने की कोशिश की जाती तो इसमें ...
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: मणिपुर में प्रस्तावित की गई हैं 2,282 जैव विविधता प्रबंधन समितियां: रिपोर्ट
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
कोविड-19 के बाद भी जारी रहेगी ग्लोबल वार्मिंग: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुमण्डल में कार्बन डाईऑक्साइड (सीओ2) की सघनता अपने उच्चतम स्तर पर अभी नहीं पहुंची है और लगातार वृद्धि ...
पढ़े-लिखे युवाओं को भी भा रहा है मनरेगा
राजस्थान में मनरेगा साइट पर काम की देखरेख करने के लिए पढ़े लिखे युवाओं की तैनाती की जा रही है
कोविड काल में महिला समूहों ने खाद्य सुरक्षा में निभाई अहम भूमिका
विश्व खाद्य कार्यक्रम सांख्यिकी के अनुसार, गंभीर खाद्य असुरक्षा से ग्रस्त या इसके खतरे वाले लोगों की संख्या, जो कि कोविड-19 महामारी से पहले ...
उत्तराखंड: कोरोना काल में भी इस भुतहा गांव में नहीं लौटे लोग
2011 की जनगणना के मुताबिक गांव में 32 लोग थे, लेकिन 2018 आते-आते पूरा गांव खाली हो गया
नवंबर तक बढ़ी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
30 जून को खत्म हो रही थी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
कोविड-19 का असर, आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों में बढ़ा तनाव
एक ताजा सर्वेक्षण में पाया गया कि मार्च 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के बाद आंगनवाड़ी केंद्रों से जुड़ी पोषण सेवाओं में गतिरोध अभी ...
वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ओजोन स्तर पर निगरानी जरूरी
सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में वायु प्रदूषण में ओजोन के स्तर का बढ़ना एक नई तरह की परेशानी है, जिस पर अध्ययन, निगरानी औऱ ...
कोविड-19 ने बिखेर दिया लोगों की आजीविका, सेहत और खाने-पीने की प्रणाली
कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में मानव जीवन को नुकसान पहुंचाया है और सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य प्रणालियों और काम की दुनिया में एक अभूतपूर्व चुनौती ...
प्रवासी श्रमिकों ने चार महीनों में जीवित किए 1,000 तालाब
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक श्रमदिवस सृजित करने वाला जिला सिद्धार्थनगर रहा। जिले में लॉकडाउन के दौरान कुल 1.51 लाख प्रवासी श्रमिक लौटे