प्रवासी श्रमिकों ने श्रमदान से पुनर्जीवित की घरार नदी
सालों पहले चैक डेम बनने से जब नदी का पानी कम हो गया तो खेतों की सिंचाई रुक गई और धीरे-धीरे लोग गांव छोड़ ...
कोरोना लॉकडाउन: मजदूर क्यों न खोते धैर्य?
अमीर अब सरकार पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, जबकि कम विशेषाधिकार लोगों का अनुभव इससे उलट रहा
बिहार में सूखी 40 से अधिक नदियां, गहराने लगा पानी का संकट
बिहार में पानी का संकट चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के प्रचार में अपनी जगह नहीं बना पा रहा ...
मनरेगा के बंद होने से रोजगार की तलाश में खाली हो रहे पश्चिम बंगाल के ‘भुतहा’ गांव
रोजगार के अवसरों में कमी के चलते पश्चिम बंगाल के ग्रामीण परिवार स्थाई तौर पर अपने घरों को छोड़ पलायन करने को मजबूर हैं
जलवायु परिवर्तन के कारण पलायन से मानव तस्करी और गुलामी का बढ़ रहा है खतरा: रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में 88 प्रतिशत से अधिक और भारत में 61 प्रतिशत से अधिक परिवारों ने बताया कि उनकी आजीविका पर जलवायु ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
क्या बिहार से पलायन रोक पाएगी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना?
बिहार सरकार ने केंद्र से मनरेगा में 200 दिन का रोजगार सुनिश्चित करने की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने 125 दिन की नई ...
प्रवासी श्रमिकों ने चार महीनों में जीवित किए 1,000 तालाब
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक श्रमदिवस सृजित करने वाला जिला सिद्धार्थनगर रहा। जिले में लॉकडाउन के दौरान कुल 1.51 लाख प्रवासी श्रमिक लौटे
बिहार में सूूखे जैसे हालात, पलायन की तैयारी कर रहे किसान
बिहार में मॉनसून 2023 के दो माह के दौरान सामान्य से 48 प्रतिशत कम बारिश हुई है, कई जिलों में हालात बहुत खराब हैं
2020 में भारत में 40 लाख लोग हुए विस्थापित, चीन सबसे आगे
विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, 2020 में जलवायु परिवर्तन की वजह से आ रही प्राकृतिक आपदाओं के चलते सबसे अधिक लोग विस्थापित हुए
उत्तराखंड: केंद्र ने मनरेगा को खेती से जोड़ने का प्रस्ताव लौटाया
कोविड-19 की वजह से उत्तराखंड लौटे लोगों को बंजर खेतों में काम करने पर मनरेगा की मजदूरी देने का प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ पाया
मनरेगा: नए ग्रामीण भारत की रीढ़
तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद मनरेगा की सार्थकता उसके शुरू होने के चौदह साल बाद भी बरकरार है
जीवित रहने के लिए हम झेल सकते हैं कितनी गर्मी, शोधकर्ताओं ने लगाया पता
मनुष्य के अस्तित्व के लिए वेट-बल्ब तापमान सीमा तापमान और आर्द्रता के अधिकतम मिश्रण की ओर इशारा करती है, जिसे मनुष्य एक निश्चित अवधि ...
किशोरों की मानसिक परेशानियां बढ़ा रही हैं जलवायु आपदाएं, अमेरिका में 38 हजार बच्चों पर सर्वेक्षण
अध्ययन के मुताबिक, जिन बच्चों ने जलवायु आपदाओं जैसे- तूफान, बाढ़, बवंडर, सूखा और जंगल की आग आदि का अनुभव किया है, उनमें साथी ...
बाढ़ से खतरे में आने वाली आबादी में हुई एक चौथाई वृद्धि: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में 8.6 करोड़ लोग ऐसे इलाकों में रहते है जहां बाढ़ आने की सबसे अधिक आशंका है
रोजगार संबंधी कारणों से दिल्ली के 87 फीसदी से अधिक पुरुष करते हैं पलायन
रोजगार संबंधी कारणों से प्रवास करने वाले पुरुषों के मामले में दिल्ली अव्वल है, जहां 87.1 फीसदी पुरुषों ने रोजगार की वजह से पलायन ...
आधुनिक दासता के शिकार हैं 5 करोड़ लोग, पांच वर्षों में 25 फीसदी बढ़ा आंकड़ा
आंकड़े दर्शाते हैं कि इनमें से 2.8 करोड़ लोगों से जबरन काम करवाया गया था। वहीं 2.2 करोड़ लोगों को जबरदस्ती विवाह करने के ...
पक्षियों को शहरों की ओर आकर्षित कर रहा है कृत्रिम प्रकाश, बन रहा है उनकी मौत का कारण
प्रकाश प्रदूषण लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है, इसके कारण मनुष्यों की सर्कैडियन लय बाधित हो सकती है, जिससे अवसाद, अनिद्रा, हृदय रोग और ...
अगले 500 वर्षों में जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित होंगे बोरियल वन और टुंड्रा क्षेत्र
अध्ययन में साल 2500 तक पूरी धरती के पारिस्थितिकी तंत्र के वितरण पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा इसका पता लगाया गया है
जलवायु आपदाओं और संघर्ष के बीच पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंचा विस्थापितों का आंकड़ा
जलवायु में आते बदलावों के चलते अगले 28 वर्षों में करीब 21.6 करोड़ लोगों को अपनी मौजूदा जिंदगी, जीविका और घरों को छोड़ सुरक्षित ...
एसओई इन फिगर्स 2022: कृषि प्रधान देश में कर्ज के बोझ तले दबे हैं 50 फीसदी कृषक परिवार
भारत में औसतन हर कृषक परिवार पर 74,000 रुपए से ज्यादा का कर्ज है। विडम्बना देखिए कृषि प्रधान इस देश में हर दिन औसतन ...
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023: इन फिगर्स रिपोर्ट जारी, जानिए क्या है खास
भारत में आंकड़ों के जरिए पर्यावरण की दशा-दिशा की तस्वीर को प्रस्तुत करने वाली रिपोर्ट "स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2023: इन फिगर्स" लांच
जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते 2050 तक अपना घर छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे 4.5 करोड़ भारतीय
2050 तक भारत के 4.5 करोड़ से ज्यादा लोग जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे| यह ...
चरम मौसम की घटनाएं बाल विवाह में बढ़ोतरी के लिए हैं जिम्मेवार: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, 30 दिनों से अधिक समय तक चलने वाली लू वाले सालों में, 11 से 14 वर्ष की लड़कियों की शादी होने ...
विलुप्ति का संकट झेल रहे समुद्री पक्षियों के खतरे को बढ़ा रहा है प्लास्टिक प्रदूषण: अध्ययन
उत्तर-पूर्व प्रशांत, दक्षिण अटलांटिक और दक्षिण, पश्चिम भारतीय महासागरों में मध्य महासागर प्लास्टिक के कचरे से भरा हुआ है, जहां खतरे में पड़ी समुद्री ...