संसद में आज: जनजातीय समुदायों के औसत जीवन प्रत्याशा को लेकर अलग से आकड़े नहीं रखता है मंत्रालय
संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2021-22 में हाथियों के हमले में अब तक 532 लोगों की जान जा चुकी ...
झारखंड के आदिवासी बच्चों की शिक्षा को हुआ बड़ा नुकसान
झारखंड के आदिवासी इलाकों में दो साल बाद स्कूल तो खुल गए हैं, लेकिन बच्चों ने पहले जो सीखा था, वो भी भूल गए ...
कम करके नहीं आंकी जा सकती वन संरक्षण में वनवासियों और देशी समुदायों की भूमिका
ब्राजील में पिछले 30 वर्षों में 6.9 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली स्थानीय वनस्पति खत्म हो चुकी है, जिसका केवल 1.6 फीसदी हिस्सा स्वदेशी समुदायों के अधिकार में था
संसद में आज: आदिवासियों के विस्थापन के बारे में मंत्रालय के पास कोई जानकारी नहीं
पेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ईंधन के रूप में हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के ...
घुमंतू समुदाय की भाषा पर खतरा सबसे अधिक
भाषायी सर्वेक्षण प्रकाशित करने वाले गणेश देवी से डाउन टू अर्थ ने भाषाओं की विलुप्ति पर विस्तार से बात की
वनों के सर्वश्रेष्ठ संरक्षक हैं आदिवासी: एफएओ
आदिवासी लोग क्षेत्र में 32 से 38 करोड़ हेक्टेयर जंगल की सुरक्षा करते हैं, बदले में जंगल लगभग 3,400 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन स्टोर ...
न्यूनतम मजदूरी से भी वंचित हैं गुजरात में काम कर रहे प्रवासी आदिवासी मजदूर
गुजरात व महाराष्ट्र के कई जिले गन्ने की खेती के लिए जाने जाते हैं, जहां गन्ना काटने के लिए आदिवासी इलाकों से मजदूरों को ...
डाउन टू अर्थ खास: बिहार से विस्थापित मुंडा जनजाति के 42 परिवारों ने ओडिशा में बसाया एक जैविक गांव
साल 1980 में मुंडा जनजाति के 42 परिवारों का एक समूह बिहार से विस्थापित हो गया था, जिसने ओडिशा में शरण ली और अब ...
मध्य प्रदेश: वन मित्र पोर्टल में उलझे वन ग्राम, नहीं मिल पाया राजस्व ग्राम का दर्जा
आदिवासियों के फोन, इंटरनेट की सुविधा न होने के कारण ऑफलाइन सर्वे शुरू किया गया, लेकिन बाद में ऑनलाइन आवेदनों को ही अनिवार्य कर ...
अखबारों में खनन मजदूरों की मौत की खबरों के संकलन ने रखी एक फिल्म की नींव
सीएसई की एक रिपोर्ट को फिल्म का आधार बनाया गया है कि सबसे ज्यादा खनिज संसाधन जहां पाए जाते हैं, वहां गरीबी, विस्थापन, बेरोजगारी ...
नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार पर लगा पूर्ण विराम, तीन दशकों से चल रहे आदिवासी आंदोलन की बड़ी जीत
तोप दागने के सघन अभ्यास के चलते यहां बसे आदिवासी समुदायों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा, उससे फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन संघर्ष ...
दस दिन पैदल चल रायपुर पहुंचे आदिवासी, कहा- अडानी को नहीं देंगे अपनी जमीन
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र के मदनपुर से लगातार लगभग 300 किलोमीटर पैदल चलते हुए आदिवासी रायपुर पहुंच गए हैं
संसद में आज: आजीविका के पलायन कर रही हैं शेपर्ड और नोमैडिक जनजातियां
01 फरवरी, 2021 तक देश में कुल घरेलू तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के उपभोक्ता 28.82 करोड़ थे।
संसद में आज: देश भर में जैविक खेती के तहत 40.99 लाख किसान पंजीकृत है
देश में 15 से 49 वर्ष की सभी महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 57 फीसदी है
डाउन टू अर्थ खास: सहूलियत के नाम पर आदिवासियों से छीना जा रहा है वनाधिकार
मध्य प्रदेश में खारिज किए जा चुके वन अधिकारों के दावों की समीक्षा के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया गया। लेकिन, इससे दावेदारों को ...
नमक सत्याग्रह की तर्ज पर कोयला सत्याग्रह कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी
पिछले एक दशक से अधिक समय से प्रति वर्ष दो अक्टूबर को रायगढ़ जिले की चार तहसील रायगढ़, तमनार, धर्मजयगढ़ और घरघोड़ा के लगभग ...
आज है अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस : क्या है महत्व यहां जानें
2022 में स्वदेशी लोगों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका" है।
जैव विविधता को बचाने के लिए धरती के 44 फीसदी हिस्से को करना होगा संरक्षित
जैवविविधता को बचाने के लिए धरती पर 6.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को संरक्षित करना होगा, लेकिन साथ ही यह भी ध्यान में रखना ...
किसके लिए किया जाता है पर्यावरण प्रभाव का आकलन
क्या समाज को मालूम है कि जिन आदिवासियों के पुरखों की जमीनें खोदकर कोयला निकाला गया, जिनकी बस्तियां नेस्तनाबूद कर दी गई, आखिर वो ...
वन अधिकारों से बेदखल 18 राज्यों के 122 गांव, लोकसभा चुनाव के दौरान बदला गया लैंडयूज
20 मई को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 18 राज्यों के 122 वन्य गांवों की जमीन का कानूनी दर्जा समाप्त कर उन्हें राजस्व ...
झारखंडः लोकसभा चुनाव में आदिवासियों के कौन से मुद्दे, कितना असरदार?
अपनी जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे आदिवासी इस बात से नाराज हैं कि लोकसभा चुनाव में उनके मुद्दे मुखर नहीं हो पा रहे ...
सहरिया आदिवासियों को जैसे मिटाने पर तुली है महंगाई
खाद्यान्नों की बढ़ी कीमतों ने हमेशा से कुपोषण का शिकार रहे सहरिया समुदाय को बिल्कुल हाशिये पर पहुंचा दिया है
अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है इस साल की थीम?
स्वदेशी लोगों द्वारा विश्व की लगभग 7,000 भाषाओं में से अधिकांश भाषाएं बोली जाती हैं और वे 5,000 विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं
कॉप-26: कृषि को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए नीतियों में बदलाव करेंगे 26 देश, भारत भी शामिल
इसी के साथ 45 देशों ने प्रकृति की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई और निवेश का वादा किया है। साथ ही उन्होंने कृषि को ...
संसद में आज: हमारे देश तक ही सीमित नहीं है तापमान में वृद्धि: केंद्रीय मंत्री
जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने लोकसभा में बताया कि आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग की राज्यवार प्रसार दर ...