खत्म होने के कगार पर है 15वीं शताब्दी में विकसित एक प्राचीन और वैज्ञानिक व्यवस्था
15वीं शताब्दी में विकसित खड़ीन को समाज और सरकार दोनों ने भुला दिया
अपनी परंपराओं को सहेजते तो नहीं करना पड़ता जल संकट का सामना
जल संचय व्यवस्थाओं को जिंदा रखने में राजनैतिक या वैधानिक प्रयासों से कहीं ज्यादा बड़ी भूमिका प्रचलित रीति-रिवाजों और परंपराओं की रही
अक्टूबर 2020 तक पुनर्जीवित हो जाएंगी दिल्ली की 166 वाटर बॉडी?
एनजीटी को दी गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली को भूजल संकट से बचाने के लिए वाटर बॉडी को रिचार्ज करने का ...
पुरखों की बनाई बेरियों को फिर से किया जीवित, पीने को मिला मीठा पानी
ऐसा कम ही होता है कि परंपरागत जल स्त्रोतों को सरकारें हाथ लगाएं। राजस्थान सरकार ने भुला दी गई सैकड़ों साल पुरानी पारंपरिक बेरियों ...
उत्तराखंड: इस बार पहाड़ों में चश्मे भी नहीं फूटे , 500 जलस्रोत सूखने की कगार पर
कम बरसात के कारण उत्तराखंड में अब तक चश्मे नहीं फूटे हैं, वहीं पूरे राज्य में जल स्त्रोत तेजी से सूख रहे हैं
रेन वाटर हार्वेस्टिंग मामला : डीपीसीसी ने एनजीटी से की 50 हजार से 5 लाख जुर्माना लगाने की सिफारिश
वहीं, ट्रिब्यूनल में डीपीसीसी ने गैर आवासीय भवनों में जुर्माने में 50 फीसदी अधिक जुर्माना वसूलने की सिफारिश भी की है।
चुरु के खजाने
मॉनसून के जल को एकत्रित करने के लिए तैयार कुंड बदहाली से गुजर रहे हैं
वर्षा के बूंद-बूंद को सहेजने में मदद कर सकता है देवास रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
देशभर में साल भर के 8760 घंटो मे से केवल 100 घंटे ही वर्षा होती है, इसलिए वर्षाजल का संरक्षण बेहद जरूरी है।
रेत के धोरों में बार-बार प्यास बुझाती बेरी
सलमेर से लगभग 40 किमी दूर सम पंचायत समिति के गांव सियांबर में रेत के धोरों के बीच सौ से अधिक बेरियां मौजूद हैं।
सस्ता, सुलभ, सरल ज्ञान
गोंड शासन वाले क्षेत्र के जलाशय अद्भुत इंजीनियरिंग तकनीक को दर्शाते हैं। गोंडों ने नई सिंचाई परियोजनाओं को शुरू करने वालों को खेत उपलब्ध ...
अद्भुत जल सुरंगें
सुरंगम पहाड़ी के अंदर बना एक तरह का क्षैतिज कुआं है, जिससे कठोर चट्टानों से रुका पानी बाहर आ जाता है। अक्सर इस पानी ...
अरावली की पहाड़ियों से बारिश के पानी को रोकने के लिए 17 गांवों में तैयार हो रहे नाडे
मनरेगा राजस्थान में अरावली से जुड़े पारंपरिक जल स्त्रोतों को फिर से पुनजीर्वित किया जा रहा है
राजस्थान में नहीं थीं बारहमासी नदियां, फिर भी नहीं था पानी का संकट
राजस्थान में पानी के लगभग सभी प्राकृतिक स्त्रोतों की उत्पत्ति के बारे में पौराणिक किस्से हैं
अपना तन, मन और धन लगाकर इस सेवानिवृत्त अधिकारी ने बनवा दिए 100 तालाब
एक रुपये में करीब 30 से 50 लीटर वर्षा जल संचयन करने वाले चेकडैम तालाब का तरीका बेहद सस्ता और टिकाऊ है । खास ...
जल संकट का समाधान: जातक युग की जल संपदा है आहर-पइन
सदियों पुरानी जल प्रणाली आहर-पइन उचित रख-रखाव के अभाव में वजूद खो चुकी थी। पिछले दशक में शुरू किए प्रयास से यह प्रणाली फिर ...
कभी जल संसाधनों से समृद्ध थी दिल्ली
आज भले ही दिल्ली पानी के लिए तरस रही हो लेकिन मध्य काल में यहां जलस्रोतों की विस्तृत व्यवस्था थी, जिससे नगरवासियों को पानी ...
जल संकट का समाधान: मधुबनी के लोग 15 साल से ऐसे बचा रहे हैं बारिश का पानी
अगर अच्छी बारिश हो और एक मीटर की प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जाए, तो ठीकठाक पानी संग्रह हो जाता है
जल संकट का समाधान: बारिश के पानी को बेकार नहीं जाने देगा ये महादलित टोला
बिहार के गया जिले की महादलित बस्ती में एक टंकी बनाई जा रही है, जिसकी क्षमता 75 हजार लीटर है। इस टंकी में बारिश ...
जल संकट का समाधान: बारिश का आधा पानी बचाने से दूर हो सकती है प्यास
जहां भी बारिश हुई, वहां ग्रामीणों ने बारिश के पानी को इकट्ठा कर लिया। बाड़मेर में एक हेक्टेयर रेगिस्तानी भूमि में केवल 100 मिमी ...
एक रहस्यमय तालाब के ही इर्द-गिर्द हुई थी जम्मू शहर की उत्पत्ति!
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र कंडी में तालाब पेयजल का प्रमुख स्रोत रहे हैं। 1960 के दशक के बाद तालाबों की बदहाली का दौर शुरू हुआ ...
पारंपरिक ज्ञान में छिपे जल विवाद समाधान के सूत्र
देश में 17 अंतरराज्यीय नदियां हैं, इसलिए जल विवादों का होना असामान्य बात नहीं है। लेकिन जल बंटवारे को लेकर स्थायी समझ का नहीं ...
असल जल योद्धा
जलवायु परिवर्तन की वजह से राजस्थान में इस साल हुई अतिवृष्टि को लोगों ने आपदा में अवसर के तौर पर लिया, इस पूरी मुहिम ...
"परंपरागत साधनों के संरक्षण से ही बच सकता है जल"
मानसूनी वर्षा के महत्व को समझते हुए इसके संग्रहण के लिए जमीनी प्रयास किए जाने की भी आज आवश्यकता है
जूड़शीतल: चूल्हों को अवकाश, तालाबों-कुओं की सफाई वाला मिथिला का अनूठा पर्व
मेष संक्रांति और उससे अगले दिन मनाए जाने वाले इस त्यौहार में जलस्त्रोतों और प्रकृति को बचाने के प्रति लोगों की ललक देखने को मिलती ...
बिहार की जल जीवन हरियाली योजना पर 24 हजार करोड़ खर्च, लेकिन नतीजा सिफर
बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी जलवायु परिवर्तन परियोजना भूमिगत जल, सिंचाई जल स्रोत में वृद्धि और वृक्षारोपण के जरिए प्रदूषण कम करने में अब तक ...