विश्व गौरैया दिवस: बचाने के हर संभव प्रयास जरूरी
हमारी आधुनिक जीवन शैली गौरैया के रहने के लिए बाधा बन गई है
क्यों धधक रहे हैं जंगल?
उत्तराखंड के पहाड़ों में आग लगने की घटनाएं हर साल सुर्खियां बटोरती हैं। इससे बड़ी संख्या में पेड़ों, जीव जंतुओं और पर्यावरण को नुकसान ...
भारत में भी उग सकते हैं रजनीगंधा के रंगीन फूल
डॉ. एसके दत्ता ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लगभग 70 नई सजावटी फूलों की किस्मों का विकास किया है और रजनीगंधा पर किए गए ...
जीवों के देखने की क्षमता को विचित्र तरह से प्रभावित कर रहा है प्रकाश प्रदूषण
समय के साथ कृत्रिम प्रकाश के रंगों और तीव्रता में भी परिवर्तन आया है, जिसका जीवों की दृष्टि पर जटिल और अप्रत्याशित प्रभाव पड़ ...
वैज्ञानिकों ने म्यांमार में खोजी बेगोनिया की 7 नई प्रजातियां
शोधकर्ताओं ने बताया कि बेगोनिया की पाई गई 7 प्रजातियां नई हैं, ये प्रजातियां बारहमासी जड़ी-बूटियां हैं, लेकिन इनका आकार अलग-अलग है।
नदियों के डेल्टा का आकार बदलने के लिए कौन है जिम्मेवार?
दुनिया भर में लगभग 11,000 डेल्टा है। इन डेल्टाओं के सहारे नदी के जल निकासी घाटियों, गाद के प्रवाह, लहर, जलवायु और ज्वार की ...
लाखों साल पहले हमारे पूर्वजों ने की थी प्रकृति के विनाश की शुरुआत, हमने बढ़ाई रफ्तार
एक अध्ययन के मुताबिक, मांसाहारी जीवों के विलुप्त होने का सबसे मुख्य कारण हमारे पूर्वजों और उनके बीच भोजन के लिए सीधी प्रतिस्पर्धा और ...
इंसान की बढ़ती लालसा का शिकार हुईं 85 फीसदी प्रजातियां
पर्यावरण पर इंसान के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण खतरे में हैं, जमीन पर रहने वाले रीढ़दार जीवों की 17,500 से अधिक प्रजातियां
कार्बेट टाइगर रिजर्व में प्लास्टिक कचरा, कैसे होगा समाधान
कार्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्लास्टिक कचरा खाते बाघ और हाथी की तस्वीर वायरल होने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं
बैलाडीला: आदिवासियों से जंगल छीनकर कॉरपोरेट को देने का खेल
जंगल और पहाड़ को बचाने की लड़ाई का पहला मोर्चा आदिवासियों ने जीत लिया, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है
पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: इन 483 पौधों पर मंडरा रहा है विलुप्ति का खतरा
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट में जैव विविधता का लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया है
अब सांभर के पास नलियासर झील में मृत मिले प्रवासी पक्षी, बोटुलिज्म के लक्षण
राजस्थान के सांभर के पास नलियासर झील में 9 और 10 मई सुबह तक 12 पक्षियों के शव बरामद हो चुके हैं
संकट में सांता क्लॉज की सवारी रेंडियर
रेंडियरों का अस्तित्व जलवायु परिवर्तन, उसके बढ़ते शिकार और तमाम तरह की बीमारियों के कारण खतरे में है। 1995 से अब तक 26 लाख रेंडियर खत्म हो चुके हैं
“समाज और राष्ट्र के विरोधाभास का प्रतीक है बेड़िया समुदाय”
32 साल से पहले दिल्ली, वाराणसी, राजस्थान और अब मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बेड़िया समुदाय के बीच रहकर उनकी जिंदगी आसान बनाने ...
वो हरसिंगार का पेड़ और मौन संवाद
शायद ही कोई ऐसा इंसान हो, जिसने हरसिंगार के फूलों की मनमोहक आभा को महसूस न किया हो
प्रकृति के साथ गहराई से जुड़े हैं पहाड़ के लोकगीत
उत्तराखंड में 14 मार्च से शुरू हो जाता है फूलदेई, जिसमें दिखती है प्रकृति के प्रति प्रेम
दुर्लभ चमगादड़ों की संख्या में तेजी से गिरावट
एक अध्ययन से पता चला है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित देश इंडोनेशिया और फिलीपींस में दुर्लभ प्रजाति के फ्लाइंग फॉक्सेस चमगादड़ों की आबादी ...
उत्तराखंड में 29 डिग्री पहुंचा तापमान, जंगलों में अभी से लगने लगी आग
पिछले 10 साल का रिकॉर्ड बताता है कि उत्तराखंड में फरवरी के पहले पखवाड़े में इतना उच्च तापमान नहीं पहुंचा, जिसे जलवायु परिवर्तन का ...
विश्व सोनकुत्ता दिवस 2024: क्या एक दिन गायब हो जाएगा यह अद्भुत जंगली कुत्ता
सोनकुत्ता या ढोल को सीआईटीईएस द्वितीय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिसका अर्थ है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका व्यापार पूरी तरह ...
भारत के संरक्षित क्षेत्रों में भी जहरीली दवाओं से सुरक्षित नहीं गिद्ध, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
नया अध्ययन इस दावे का खंडन करता है जंगली गिद्ध दर्द निवारक दवा डाइक्लोफेनैक से सुरक्षित हैं
भारत में अवैध व्यापार की भेंट चढ़ती शार्कें, 12 वर्षों में 16,000 किलोग्राम फिन्स किए गए जब्त
शार्क के पंखों और अन्य हिस्सों की जब्ती की सबसे ज्यादा करीब 65 फीसदी घटनाएं तमिलनाडु में सामने आई हैं
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सड़क यातायात में कमी से बाघों के व्यवहार में हुआ बदलाव
लॉकडाउन शुरू होने के बाद के महीने से, नर बाघ के घर का आकार तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 213 वर्ग मील हो ...
वनों की बहाली में नजरअंदाज नहीं की जा सकती छोटे-बड़े पक्षियों और जानवरों की भूमिका
बीजों को बिखेर कर पक्षी और जानवर उजड़े हुए जंगलों में पेड़-पौधों की विविधता को फिर से कायम करने में मदद करते हैं
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस: इतिहास, महत्व और क्यों मनाया जाता है यह दिन?
भारत में बाघों की आबादी की गणना के मुताबिक इनकी कुल संख्या 2014 में 2,226 से 2018 में बढ़कर 2,967 हुई
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: मणिपुर में प्रस्तावित की गई हैं 2,282 जैव विविधता प्रबंधन समितियां: रिपोर्ट
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-