प्रकृति के साथ गहराई से जुड़े हैं पहाड़ के लोकगीत
उत्तराखंड में 14 मार्च से शुरू हो जाता है फूलदेई, जिसमें दिखती है प्रकृति के प्रति प्रेम
दुर्लभ चमगादड़ों की संख्या में तेजी से गिरावट
एक अध्ययन से पता चला है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित देश इंडोनेशिया और फिलीपींस में दुर्लभ प्रजाति के फ्लाइंग फॉक्सेस चमगादड़ों की आबादी ...
नदियों के डेल्टा का आकार बदलने के लिए कौन है जिम्मेवार?
दुनिया भर में लगभग 11,000 डेल्टा है। इन डेल्टाओं के सहारे नदी के जल निकासी घाटियों, गाद के प्रवाह, लहर, जलवायु और ज्वार की ...
लाखों साल पहले हमारे पूर्वजों ने की थी प्रकृति के विनाश की शुरुआत, हमने बढ़ाई रफ्तार
एक अध्ययन के मुताबिक, मांसाहारी जीवों के विलुप्त होने का सबसे मुख्य कारण हमारे पूर्वजों और उनके बीच भोजन के लिए सीधी प्रतिस्पर्धा और ...
इंसान की बढ़ती लालसा का शिकार हुईं 85 फीसदी प्रजातियां
पर्यावरण पर इंसान के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण खतरे में हैं, जमीन पर रहने वाले रीढ़दार जीवों की 17,500 से अधिक प्रजातियां
अब सांभर के पास नलियासर झील में मृत मिले प्रवासी पक्षी, बोटुलिज्म के लक्षण
राजस्थान के सांभर के पास नलियासर झील में 9 और 10 मई सुबह तक 12 पक्षियों के शव बरामद हो चुके हैं
वो हरसिंगार का पेड़ और मौन संवाद
शायद ही कोई ऐसा इंसान हो, जिसने हरसिंगार के फूलों की मनमोहक आभा को महसूस न किया हो
वैज्ञानिकों ने भारत के पूर्वी घाट क्षेत्र में खोजी सूक्ष्म शैवाल की नई प्रजाति 'इंडिकोनेमा'
यह सूक्ष्म शैवाल इंसानों के लिए कितने जरूरी हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हमारी हर चौथी सांस के लिए ...
पक्षियों और लोगों को क्यों पसंद आते हैं हरेभरे शहरी इलाके?
अध्ययन के मुताबिक, समृद्ध शहरी जैव विविधता न केवल हमारे पर्यावरण के लिए बल्कि हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी फायदेमंद है।
जानिए क्यों एक स्थानीय समुदाय के नाम पर किया गया मेंढक की एक नई प्रजाति का नामकरण
मेंढक की इस नई प्रजाति का नाम घाना के एक स्थानीय समुदाय सगीमासे के सम्मान में कॉनरौआ सगीमासे रखा गया है, जो लम्बे समय ...
लगातार कम हो रहे है साइकैड के पौधे, पारिस्थितिकी तंत्र में निभाते है अहम भूमिका
अध्ययन में पाया गया कि साइकैड पौधों की दो प्रजातियां मिट्टी के माध्यम से नाइट्रोजन और कार्बन को साझा करती हैं, जिससे अन्य जीवों ...
बुंदेलखंड में क्यों काटे जाने हैं 44 लाख पेड़, क्या है सरकार की तैयारी?
हीरे की खदान और केन-बेतवा परियोजना को पूरा करने के लिए लाखों पेड़ काटे जाएंगे। साथ ही इलाके में पाषाणकाल की दुर्भल पेंटिंग, मूर्तियां ...
काेरोना का सबक: अभी भी हमारे पास लौटने का समय है
सूक्ष्म जीवाणु जंगली जीवों को अपनी पोषिता (होस्ट) बनाते हैं। लेकिन नेचुरल हैबीटेट में आई गिरावट से जंगली जीव विलुप्त होने के कगार पर ...
1990 से लेकर अब तक 17.8 करोड़ हेक्टेयर जंगल हो चुके हैं ख़त्म
यदि पृथ्वी पर हर इंसान के हिस्से का हिसाब लगाए तो प्रति व्यक्ति के हिसाब से 0.52 हेक्टेयर जंगल बाकी हैं
नए युग में धरती: नष्ट हो चुका है प्रकृति का मूल चरित्र
क्या वह समय आ गया है कि हम विकास की इस अंधी दौड़ से निकलकर अपनी आकांक्षाओं पर लगाम लगाएं और संवहनीय जीवन जिएं?
क्या है आईयूसीएन की रेड लिस्ट, इसके बारे में जानना क्यों हैं जरूरी?
आईयूसीएन की रेड लिस्ट दुनिया भर में प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का सबसे बड़ा सूचना स्रोत है
दुनिया की 16 हजार से अधिक प्रजातियों की आबादी घटी, औद्योगीकरण भी है जिम्मेवार
दुनिया भर में जीवों की करीब आधी प्रजातियों की आबादी में गिरावट आ रही है। वहीं केवल तीन फीसदी प्रजातियां ऐसी हैं जिनमें वृद्धि ...
जैव विविधता संरक्षण के लिए देशों की सीमा पार जलग्रहण क्षेत्रों का बेहतर प्रबंधन जरूरी
शोधकर्ताओं ने वैश्विक स्तर पर 1,050 देशों की सीमा के पार जलक्षेत्र या ट्रांस बाउंड्री वाटरशेड की पहचान की, जिनमें से 226 में से ...
आवास की गुणवत्ता और जैव विविधता दोनों मधुमक्खी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं : अध्ययन
अधिक फूलों वाले इलाके मधुमक्खियों के लिए बेहतर पराग और फूलों का रस प्रदान कर सकते हैं, जो उन्हें संक्रमण से लड़ने में मदद ...
लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने में मदद कर सकते हैं तकनीक और अर्थनीति, लेकिन कैसे?
शोध के मुताबिक, लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए तकनीक से आंकड़ों को जोड़ने, दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने, लोगों को प्रकृति से ...
भारत के पश्चिमी घाट में अनोखे जननांग वाले केकड़े की लाल रंग की नई प्रजाति की हुई खोज
अध्ययन में कहा गया है कि रक्त के समान लाल रंग का घाट में रहने वाला केकड़ा लगभग 1.1 इंच चौड़ा और लगभग 0.7 ...
युद्ध क्षेत्र से हजारों किमी दूर भारत में भी जैवविविधता को प्रभवित कर सकता है रूस-यूक्रेन संघर्ष
शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि यदि रूस और यूक्रेन से होने वाला फसल निर्यात पूरी तरह बंद हो जाता है तो उसकी वजह ...
मशीनों से की जा रही अंधाधुंध खेती से संकट में पड़े स्टेपी और लिटिल बस्टर्ड पक्षी
अध्ययन के मुताबिक, 2002 से 2019 के बीच स्टेपी-लैंड पक्षी की आबादी में 27 फीसदी की कमी आई है।
दुर्लभ समुद्री अमीबा रबडामोइबा मरीना की दोबारा हुई खोज, जानें क्यों है खास
रबडामोइबा मरीना जिसका संयुक्त नाम आर. मरीना है, जो एक छोटा सा समुद्री अमीबा है, जिसे पहली बार 1921 में इंग्लैंड में खोजा और ...
भारत में पेड़ों की 469 प्रजातियों पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा
देश में पेड़ों की 2,603 प्रजातियों में से 18 फीसदी (469) पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है। वहीं वैश्विक स्तर पर केवल 41.5 ...