पक्षियों और लोगों को क्यों पसंद आते हैं हरेभरे शहरी इलाके?

अध्ययन के मुताबिक, समृद्ध शहरी जैव विविधता न केवल हमारे पर्यावरण के लिए बल्कि हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी फायदेमंद है।   

By Dayanidhi

On: Thursday 21 December 2023
 
शिफचैफ पक्षी, फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, बर्नार्ड ड्यूपॉन्ट

ग्रेनाडा विश्वविद्यालय (यूजीआर) और राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (एमएनसीएन-सीएसआईसी) के शोधकर्ताओं सहित एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने नौ यूरोपीय शहरों में वसंत ऋतु में पक्षियों की 115 प्रजातियों और सर्दियां बिताने वाली 72 प्रजातियों के बारे में अध्ययन किया।

उन्होंने अपने निष्कर्ष में कहा कि शहरी क्षेत्रों में हरियाली वाले इलाके पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य में सुधार के लिए अहम होते हैं। वहीं, यहां अलग-अलग तरह की विशेषताओं वाली प्रजातियां अधिक रहती हैं। साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में ऐसे शहरों के निर्माण को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा है जो न केवल पक्षियों के लिए बल्कि लोगों लिए भी अधिक रहने योग्य हों।

इस अध्ययन के लिए, जिसमें फिनलैंड, पोलैंड, जर्मनी, नीदरलैंड और चेक गणराज्य के शोध संस्थानों के वैज्ञानिक भी शामिल थे, शोध टीम ने दो मुख्य प्रकार के शहरी विकास मैड्रिड, ग्रेनाडा, टोलेडो और प्राग सहित कई यूरोपीय शहरों में पक्षियों से संबंधित आंकड़े एकत्र किए। जहां दो तरह की जगहें शामिल की गई थी जिसमें पहली भूमि-बचत और दूसरी भूमि-साझाकरण है।

भूमि-साझाकरण शहरी विकास की विशेषता छोटे और हरियाली वाले क्षेत्रों को बनाए रखना है, आमतौर पर निजी उद्यानों और सड़क वनस्पति के रूप में, अकेले परिवार की इमारतों और यहां जनसंख्या का घनत्व कम होता है। इसके विपरीत, भूमि-बचत शहरी विकास की विशेषता बड़े हरे क्षेत्र, आमतौर पर बड़े पार्क और उद्यान हैं जो स्पष्ट रूप से निर्मित क्षेत्रों से अलग होते हैं, जो घनी आबादी वाले होते हैं और जिनमें अपार्टमेंट ब्लॉक होते हैं।

अध्ययनकर्ताओं ने यूरोपीय शहरों में पहचानी गई हर एक उस प्रजाति का अध्ययन किया, जो भोजन विशेषज्ञता की मात्रा, उनके द्वारा बनाए गए घोंसले के प्रकार, प्रजनन में उनके द्वारा किए गए निवेश और उनके लंबे समय तक जीने जैसी विशेषताओं की मात्रा निर्धारित की है। इससे हमें यह आकलन करने में मदद मिली है कि क्या शहरी डिजाइन कुछ प्रकार के लक्षणों वाली प्रजातियों का पक्ष लेता है।

यूजीआर के शोधकर्ता जुआन डिएगो इबनेज अलामो कहते हैं, पिछले अध्ययनों में, हमने पाया था कि विभिन्न पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति शहरी विकास के भूमि-बंटवारे और भूमि के प्रकारों से निर्धारित होती है। उन्होंने आगे कहा, इस शोध ने हमें उन विशेषताओं की पहचान करने में भी मदद मिली है जो उन्हें एक या दूसरे प्रकार के शहरी क्षेत्र में बसने की अनुमति देती है।

भूमि-बचत शहरी क्षेत्र उन पक्षियों के लिए प्रजनन स्थल हैं जो कई अंडे देते हैं, खुले घोंसलों का अधिक बार उपयोग करते हैं और जिनका जीवन चक्र छोटा होता है, जैसे स्टोनचैट, शिफचैफ और क्रेस्टेड लार्क। इसके विपरीत, भूमि साझा करने वाले शहरी क्षेत्रों में अधिक मांग वाले प्रजनन आवश्यकताओं और लंबे जीवन चक्र वाले पक्षियों का प्रभुत्व है, जैसे कि ग्रेट टिट्स, केस्टरेल और गल्स।

शोधकर्ता ने अपने निष्कर्ष में कहा, जो आंकड़े प्राप्त किए हैं वह स्पष्ट रूप से अधिक पक्षी विविधता के लिए दोनों प्रकार के शहरी विकास के मिश्रण को बढ़ावा देने की आवश्यकता को दर्शाता है। अधिक शहरी जैव विविधता न केवल हमारे पर्यावरण के लिए बल्कि हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी फायदेमंद है। 

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