मशीनों से की जा रही अंधाधुंध खेती से संकट में पड़े स्टेपी और लिटिल बस्टर्ड पक्षी

अध्ययन के मुताबिक, 2002 से 2019 के बीच स्टेपी-लैंड पक्षी की आबादी में 27 फीसदी की कमी आई है।

By Dayanidhi

On: Tuesday 23 January 2024
 
लिटिल बस्टर्ड पक्षी, फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, फ्रांसेस्को वेरोनेसी

मानवजनित कारणों से लुप्तप्राय स्टेपी-लैंड पक्षी और लिटिल बस्टर्ड को बचाने के लिए वैज्ञानिक, किसान और संरक्षणकर्ताओं के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक आवासों में कमी, सिंचाई में वृद्धि और शहरीकरण के कारण सतही क्षेत्र कम हो गए हैं, जो इस कमजोर प्रजाति के अस्तित्व के लिए अहम हैं।

जर्नल बायोलॉजिकल कंजर्वेशन में प्रकाशित एक शोध से पता चलता है कि लिटिल बस्टर्ड की सबसे अधिक खतरे वाली आबादी में आ रही गिरावट से उनको बचाने के लिए विभिन्न वर्गों के बीच सहयोग जरूरी है।  

यह अध्ययन बार्सिलोना विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान संकाय और जैव विविधता अनुसंधान संस्थान (आईआरबीओ) के विशेषज्ञ सेंटी मानोसा और वन विज्ञान के संरक्षण जीव विज्ञान समूह के जेरार्ड बोटा की अगुवाई में किया गया है। 

जमीन में रहने वाली एक लुप्तप्राय स्टेपी पक्षी

लिटिल बस्टर्ड (टेट्राक्स टेट्राक्स) और स्टेपी जैसे पक्षियों के लिए भूमि की कमी, पारंपरिक कृषि और पशुओं द्वारा की जाने वाली खेती के लुप्त होने के कारण उपयुक्त आवास ढूंढना कठिन होता जा रहा है। अध्ययन में कहा गया है कि परती भूमि जो बिना बोए गए खेत हैं, इनका क्षेत्रफल बढ़ने से कैटेलोनिया में लिटिल बस्टर्ड की आबादी को स्थिर करने में मदद मिलती है।

प्रोफेसर सेंटी मानोसा कहती हैं, इस रणनीति का लिटिल बस्टर्ड पर अच्छा असर पड़ता है, क्योंकि यह प्रजनन की सफलता को बढ़ाता है। यह प्रजातियों को वह सब कुछ प्रदान करता है जो अंधाधुंध खेती के कारण बारिश से जुड़ी कृषि के वातावरण से गायब हो गया है।

उन्होंने कहा कि वसंत ऋतु में वे नरों के रुकने और मादाओं को आकर्षित करने, मिलन करने, घोंसला बनाने, पक्षियों के बच्चों को खिलाने के लिए भोजन और स्थान ढूंढते हैं। सर्दियों के एक बड़े हिस्से में, जब फसलें काटी जाती हैं और खेती योग्य, भूमि ही एकमात्र स्थान है जहां लिटिल बस्टर्ड के झुंडों को आश्रय और भोजन मिल पाता है।

जेरार्ड बोटा कहते हैं कि हालांकि, परती भूमि ने उत्पादक और कृषि परिप्रेक्ष्य से रुचि खो दी है और स्पेन में इसकी कमी देखी जा रही है। 2020 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 2009 से 2018 के बीच, कैटेलोनिया में परती भूमि की 21 फीसदी सतह नष्ट हो गई है। 2002 से 2019 के बीच स्टेपी-लैंड पक्षी की आबादी में 27 फीसदी की कमी आई है।

मुख्य कारणों में से एक में परती भूमि का नुकसान होना है। लिटिल बस्टर्ड सबसे अधिक प्रभावित पक्षियों में से एक है, उन कुछ प्रजातियों में से एक है जिनकी कैटेलोनिया और स्पेन के अन्य क्षेत्रों में कम समय में बड़ी गिरावट आई है। इस स्थिति के कारण, इसे वर्तमान में इसे लुप्तप्राय प्रजातियां के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अन्य प्रजातियां जैसे दाढ़ी वाले गिद्ध, भूरे भालू या इबेरियन लिनेक्स समान स्तर पर खतरे का सामना कर रहे हैं।

परती भूमि को बढ़ावा देने के अलावा क्या करें?

सेंटी मानोसा चेतावनी देते हुए कहती हैं, इस अध्ययन में उत्पन्न आबादी मॉडल से पता चलता है कि परती भूमि के सतह क्षेत्र को बढ़ाने से निश्चित रूप से प्रजातियों के लुप्त होने की दिशा में गिरावट को रोका जा सकता है। लेकिन यह उपाय, आवश्यक तो हैं, लेकिन आबादी को फिर से पहले जैसा करने के लिए पर्याप्त नहीं है, क्योंकि वयस्क मृत्यु दर, विशेष रूप से मादाओं में अभी भी अत्यधिक है।

अध्ययनकर्ता जेरार्ड बोटा कहते हैं अन्य संरक्षण उपायों को लागू करना आवश्यक होगा जिन पर आज तक बहुत अधिक काम नहीं किया गया है। उदाहरण के लिए, वयस्क मादाओं की मृत्यु दर को कम करना, मुख्य रूप से मानवजनित कारणों, जिसे हम प्रबंधित कर सकते हैं। हम जानते हैं कि लिटिल बस्टर्ड उड़ान के दौरान अपेक्षाकृत इसे कम दिखाई देने के कारण बिजली की लाइनों के साथ टकराने से इनकी मृत्यु हो जाती है।

यह आवश्यक होगा कि प्रजनन के बाद और शीतकाल के दौरान मुख्य क्षेत्रों की पहचान करना और इनकी मृत्यु के आसार को कम करने के लिए स्थापित बिजली लाइनों पर कार्रवाई करना। सबसे महत्वपूर्ण प्रजनन और हाइबरनेशन क्षेत्रों में, कुछ लाइनों को जमीन के नीचे डाला जाना, या हटा देना चाहिए।

विभिन्न क्षेत्रों के बीच विश्वास और सहयोग करना

अध्ययन के मुताबिक, 2009 में, लिलेडा मैदान के स्टेपी के रहने वाले क्षेत्रों में पक्षियों के लिए कुल आठ विशेष सुरक्षा क्षेत्र (एसपीए) घोषित किए गए थे, जिसका उद्देश्य लिटिल बस्टर्ड की सबसे बड़ी आबादी की रक्षा करना था। 47,360 हेक्टेयर क्षेत्र में, भूमि उपयोग को नियमित किया जाता है ताकि, स्टेपी पक्षियों की आबादी को बनाए रखा जा सके।

मानोसा कहती है कि इन क्षेत्रों में, लिटिल बस्टर्ड की आबादी के पक्ष में अब तक किया गया सबसे महत्वपूर्ण उपाय 3,400 हेक्टेयर परती भूमि को पट्टे पर देना और प्रबंधित करना है, जहां लिटिल बस्टर्ड प्रजनन के लिए शरण और भोजन पा सकते हैं।

भूमि और जैव विविधता संरक्षण से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों के बीच विश्वास और सहयोग पारिस्थितिक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए अहम है।

बोटा कहते हैं, सतत प्रबंधन एक प्रभावी प्रक्रिया है जिसका उपयोग प्रबंधन मॉडल में परिणामों की अनिश्चितता को शामिल करने, अपने कार्यों से सीखने और इसके परिणाम हासिल करने के लिए किए जा सकते हैं। इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम कठोर निगरानी और मूल्यांकन करना है। इसके लिए, कार्यान्वयन में शामिल विभिन्न लोगों, जलवायु कार्रवाई और ग्रामीण विभाग, सार्वजनिक कंपनियों, प्रबंधकों और वैज्ञानिकों  का एक ही दिशा में काम इस उपाय को सफल बना सकता है।

मनोसा ने अध्ययन के निष्कर्ष में कहा कि अनुकूली संरक्षण का यह मॉडल, जिसमें बहुत अलग समूहों के हितों के साथ जटिल सामाजिक- पारिस्थितिकी प्रणालियों का प्रबंधन शामिल है।

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