अमेजन के जंगल की अंधाधुंध कटाई: 10 साल में कटा 84 लाख फुटबॉल मैदान जितना जंगल
कई शोध बताते हैं कि एक मिनट में अमेजन से 3 फुटबॉल मैदान जितना जंगल खत्म हो रहा है
मुदुमलाई टाइगर रिजर्व से आक्रामक प्रजाति के वृक्षों को हटाने की तैयारी
तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में स्थित टाइगर रिजर्व के कोर और बफर जोन में पिछले पांच सालों में आक्रामक प्रजाति के वृक्ष 800 से ...
यात्रा वृतांत: उत्तराखंड का यह गांव, जहां से युवा नहीं करते पलायन
उत्तराखंड के गांव के गांव खाली हो रहे हैं। सबसे पहले युवा रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं, लेकिन इन गांवों में ऐसा ...
उत्तराखंड में बाघ का हमला: क्या बढ़ती संख्या के साथ सिकुड़ रहा है बाघों का प्राकृतिक आवास?
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धूमाकोट में बाघ अब तक दो लोगों का अपना शिकार बना चुका है, लेकिन सवाल यह है ...
डाउन टू अर्थ खास: खानपान में बदलाव से कम हो रही है आदिवासियों की उम्र!
खानपान में परिवर्तन और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच न होने के कारण आदिवासी आबादी की जीवन प्रत्याशा में कमी आ रही है
शहरी वातावरण के मुताबिक अपनी गतिविधि में बदलाव कर रहे हैं जंगली जानवर: अध्ययन
रात के समय में शिफ्ट होने से, कोयोट्स का हिरण और गिलहरी दोनों के साथ संपर्क कम होता था, जिससे शिकार तक उनकी पहुंच ...
उत्तराखंड की 1 लाख इको-उद्यमी बनाने की योजना से जुड़ी उम्मीदें और सवाल
अक्टूबर 2021 में इकोप्रेन्योरशिप कार्यक्रम की घोषणा की गई थी, लेकिन क्या यह योजना हकीकत बन पाएगी
बिरसा मुंडा के वंशजों का हाल, अधिग्रहित की 27 डिसमिल जमीन, वापस की 12.5 डिसमिल
धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम पर सरकार कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन उनके वंशज ही बदहाली में जी रहे हैं
खास रिपोर्ट: कोयले का काला कारोबार-दो
कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद जून 2020 में कोयले की खानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इसके पीछे पूरी कहानी क्या है?
तापमान बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग
अगले कुछ दिन राज्य के जंगलों पर मौसम की मेहरबानी रहेगी। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने 28 मई से राज्य में ज्यादातर जगहों पर ...
लॉकडाउन का असर: न महुआ और न बांस की टोकरी बेच पा रहे हैं कमार जनजाति के लोग
हमारे समाज का एक ऐसा वर्ग है जो पहले से हाशिये पर है उनके आजीविका पर लॉकडाउन का असर दिखाई देने लगा है
गिद्धों को बचाने के लिए खुला है अनूठा रेस्टोरेंट
दुनिया से विलुप्त हो रहे गिद्धों के लिए हिमाचल के पौंग डैम वैटलैंड में वाइल्डलाइफ विंग ने रेस्टोरेंट शुरू किया है, जहां लोग अपने ...
समय से पहले जमने लगे हैं बीज, नहीं हैं शुभ संकेत
पृथ्वी के तीसरे ध्रुव माने जाने वाले तिब्बती पठार पर शोधकर्ताओं ने एक व्यापक अध्ययन किया, जिसमें कई चिंताजनक बातों का पता चला
बजट 2020-21: सरकार स्थापित कर सकती है राष्ट्रीय पौधरोपण निगम
विशेषज्ञों ने पौधरोपण निगम बनने की संभावना पर चिंता जताई है और इस कदम को संविधान के केंद्रीय ढांचे के खिलाफ बताया है
कैसे मान लें कि विलुप्त हो रही हैं प्रजातियां, वैज्ञानिक ढूंढ़ रहे फार्मूला
हमें जानना होगा कि पूर्व में कितने शेर रहे होंगे और कितनों का शिकार हुआ होगा, अब कितने बचे हैं
स्टोन चिप्स उद्योग की वजह से लगातार गायब हो रही राजमहल की पहाड़ियां
लगभग 26 सौ वर्ग किमी में फैली भूगर्भशास्त्रीय महत्व की इन पहाड़ियों में लगातार 7 से 8 हजार स्टोन क्रशर मशीनें उन्हें काटने और ...
आस्ट्रेलिया की आग से न्यूजीलैंड के ग्लेशियर पर खतरा
पर्यावरणविदों का कहना है कि यदि यही हालात रहे तो आने वाले समय में यहां तीस प्रतिशत ग्लेशियर पिघल सकते हैं
2019 विज्ञान की चुनिंदा तस्वीर : मलेशिया के आखिरी गैंडे को जब लिखा गया भावुक पत्र
मलेशिया में आखिरी सुमात्राई गैंडा कैंसर के कारण नवंबर में खत्म हो गयी। यह क्षेत्रीय विलुप्ति हुई है।
वनस्पति शास्त्रियों ने खोजा 38 करोड़ साल पुराना जंगल
जीवाश्म मिट्टी के माध्यम से शोधकर्ताओं ने 38 करोड़ साल पुराने पेड़ों की व्यापक जड़ प्रणाली को खोज निकाला है
सांभर में पक्षियों की मौत: एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं पशुपालन और वन विभाग- रिपोर्ट
हाइकोर्ट में पेश की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट में न्याय मित्र नितिन जैन ने लिखा है कि जिस तरह से अभी रेस्क्यू का काम चल ...
सांभर झील: हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत, विषाणु हमले की गुंजाइश बेहद कम
अब तक सात अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल और लुधियाना भेजे गए हैं। फ्लेमिंगो और अन्य कई प्रजाति के ...
पहाड़ों पर रह रही हैं 85 फीसदी जीव प्रजातियां
एक अध्ययन में कहा गया है कि पर्वत दुनिया के 85 फीसदी से अधिक प्रजातियों का घर हैं, कई प्रजातियां ऐसी है जो केवल पहाड़ों ...
पारिस्थितिकी तंत्र के कामकाज को प्रभावित करता है तापमान: स्टडी
तापमान पौधों और सूक्ष्म जीवों के कार्य करने के तरीके और उनकी क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है
जंगल से आये हाथियों ने किसान को कुचल डाला
इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं होती हैं, लेकिन अब तक इसके कोई स्थायी समाधान नहीं ढूंढ़े जा सके हैं।
जंगल से नाता टूटा तो मजदूरी करके पेट भर रहे हैं आदिवासी, दूर से पहचान लेते थे जड़ी बूटियां
मध्यप्रदेश, विन्ध्य क्षेत्र के आदिवासी पहले जंगल से जड़ी बूटी लाकर अपना पेट पालते थे, लेकिन जंगल कटने से नई पीढ़ी को जड़ी बूटियों ...