सिनेमा में सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना
बड़े परदे यानी सिनेमा में सामाजिक चेतना भले ही पूरी शिद्दत से अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रही हो लेकिन पर्यावरण के विषय उतने मुखर ...
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस: खुशहाली सूचकांक में भारत 126वें पायदान पर
विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, फिनलैंड लगातार सातवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना रहा
बुंदेलखंड राहत पैकेज घोटाला -1 : जांच की आंच से डरे कागजी विकास करने वाले नेता-अधिकारी
आरटीआई से मिली जानकारी में यह खुलासा हुआ कि वन विभाग को जारी 180 करोड़ के कुल फंड की 80 फीसदी राशि भ्रष्टाचार की ...
भारत क्यों है गरीब-2: नई पीढ़ी को धर्म-जाति के साथ उत्तराधिकार में मिल रही है गरीबी
भारत में पीढ़ी-दर-पीढ़ी गरीबी आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने अगले दो साल में गरीबी को दूर करने का वादा किया है, क्या यह ...
राजस्थान में भेदभाव और सुविधाओं की कमी से प्रभावित हो रही है बालिकाओं की शिक्षा
आज भी राजस्थान के कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां शिक्षा का प्रतिशत अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम है
पानी पर डीएमएफ फंड खर्च करने से आया सकारात्मक बदलाव : सीएसई
सोनभद्र और रामगढ़ में लोगों को दूषित पानी से मिला छुटकारा
बिहार सरकार का ग्रीन बजट 2020-21: कितना है ग्रीन?
बिहार विधानसभा में राज्य का बजट 2020-21 पेश किया गया, जिसे ग्रीन बजट नाम दिया गया है
बैंकों से कहीं बेहतर स्थिति में हैं स्वयं सहायता समूह, आर्थिक सर्वेक्षण में की गई तारीफ
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में महिला स्वयं सहायता समूहों का विशेष उल्लेख किया गया है। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि क्या आम बजट ...
भारत क्यों है गरीब-9: छत्तीसगढ़ के बीजापुर से पलायन कर रहे हैं लोग
वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ का गठन होने के बाद राज्य ने काफी तरक्की की, लेकिन यहां के सीमांत और जंगल के बीच बसने वाली ...
तीन दिन चला नींदड़ के किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह, फिलहाल स्थगित
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन का मुआवजा भूमि अधिग्रहण कानून 2014 के हिसाब से दिया जाए
स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल कुछ खास लोगों का ही इतिहास लिखा गया: पी. साईनाथ
आजादी की कहानियों को जंगलों, गांवों, गृहणियों, किसानों के बीच खोजने की कोशिश है, पी साईनाथ की किताब ‘द लास्ट हीरोज’।
एसटी का दर्जा नहीं मिला तो झारखंड-ओडिशा में अब कुड़मी समाज रोकेगा रेल
कुड़मी समाज की चेतावनी दी है कि यदि लोकसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में उन्हें एसटी का दर्जा नहीं दिया गया तो आंदोलन का ...
केरल का अरनमुला कन्नडी: एक रूसी का यूक्रेन में अपनी दोस्त के लिए प्यार और शांति का तोहफा
अरनमुला कन्नडी केरल के पत्तनंतिट्टा के एक छोटे से शहर अरनमुला में बना एक हस्तनिर्मित धातु-मिश्रित धातु-दर्पण है। यह केरल का ऐसा पहला उत्पाद ...
मनुष्य और पर्यावरण पर 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में इंदिरा गांधी का भाषण
दुनिया में पहली बार पर्यावरण के प्रति चिंता जताने वाले स्टॉकहोम सम्मेलन को 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर डाउन टू ...
क्या असम में बीजेपी के लिए महिला संबंधी कार्यक्रम कारगर रहे?
सबसे चर्चित योजना ओरुनोदोई रही जो निश्चित तौर पर असम की अब तक की सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी सरकारी कल्याण कार्यक्रम है।
लॉकडाउन बना गरीब और आदिवासी छात्रों के लिए वरदान
देश के आईआईटी-आईआईएम के शिक्षकों सहित देश के कई शिक्षाविदों ने लॉकडाउन के दौरान दूरदराज इलाकों के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के ...
संसद में आज: जैव-इथेनॉल के उत्पादन के लिए जैव रिफाइनरी
भारत में अब तक, कम लागत, टिकाऊ, संसाधन कुशल और आपदा प्रतिरोधी नवीन तकनीकों का उपयोग कर 6,368 घर बनाएं है।
भारत में हर घंटे 22 लोग जबरन घर से निकाले गए : रिपोर्ट
एचएलआरएन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन सालों में 5.68 लाख लोग बलपूर्वक आवास से बेदखल किए गए
विशेष रिपोर्ट भाग-1 : बदल रहा भारत में पलायन का चरित्र, शहर से गांव की तरफ जा रहे प्रवासी
भारत में अभी तक प्रवासी शब्द की कोई एक व्याख्या या परिभाषा नहीं है। भारतीय जनगणना रिपोर्ट में प्रवासी मजदूरों को ज्यादा गहराई से ...
नौजवानों का एक ऐसा ग्रुप जो देश के छह बड़े शहरों में पहुंचा रहा राशन
लॉकडाउन के बीच देश में यूथ फीड इंडिया नाम से एक कैंपेन चल रहा है। इसके तहत क्राउड फंडिंग करके दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंदों ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या इसका असर पर्यावरण पर पड़ेगा?
पर्यावरणविदों ने धीरे-धीरे आबादी को नियंत्रित करने के लिए कठोर उपायों की जरूरत जताने वाली टिप्पणियों से अब किनारा कर लिया है
‘अमीर बच्चों की संख्या पर नियंत्रण लगाएं’
अमीर बच्चों की संख्या को सीमित करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि गरीब बच्चों की तुलना में पर्यावरण पर उनका असर कहीं अधिक ...
तीन दशक में 58 फीसदी बढ़ी प्रवासी बच्चों की संख्या: संयुक्त राष्ट्र
दुनियाभर में तकरीबन 27.2 करोड़ लोग अपने जन्म के देश से बाहर रह रहे हैं और इसमें तकरीबन 3.8 करोड़ बच्चे हैं। मतलब, हर ...
प्राकृतिक तरीके से जैविक कपड़े बनाती हैं ये महिलाएं
वर्धमान और नाडिया जिले की महिलाएं न केवल प्राकृतिक तरीके से जैविक कपड़े बना रही हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने ...
बजट 2022-23: आजादी के 75 साल पूरे होने में केवल 70 सप्ताह बाकी, क्या ‘नया भारत’ बना पाएंगे मोदी
चार ट्रिलियन इकॉनोमी के वादे से लेकर महिलाओं को रोजगार और गरीबी कम करने, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने जैसे लक्ष्यों को ...