लाॅकडाउन से कैसे जूझ रहा है सुंदरवन?
सुंदरवन में लगभग 100 द्वीप हैं जिनमें से 54 द्वीप पर लोग रहते हैं। यहां की आबादी करीब 45 लाख है
लॉकडाउन नहीं खुला तो प्रवासी मजदूर ने कर ली आत्महत्या
दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 30 वर्षीय युवक ने लॉकडाउन के कारण अपने चार बच्चों के लिए राशन का इंतजाम नहीं कर पाया
नेपाल में परिवार तक कमाई के पैसे और राशन भिजवा सकेंगे भारतीय कैंपों में ठहरे 1100 मजदूर
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचुला में ठहरे 1100 नेपाली मजदूरों की ओर से भूख हड़ताल की चेतावनी दी जा रही है
लॉकडाउन: लखनऊ की चिकनकारी का काम ठप, कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
लखनऊ की प्रसिद्ध चिकनकारी से जुड़े कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लॉकडाउन की वजह से उनका काम ठप पड़ा ...
भारत क्यों है गरीब-8: बिहार के इस जिले की प्रति व्यक्ति आय जानकर चौंक जाएंगे आप
बिहार का जिला शिवहर यूं तो छोटा है और लोगों ने लड़ाई लड़ कर इसे अलग जिला बनवाया, लेकिन आमदनी के मामले में गांव ...
शहरों में पहुंच रहा है ग्रामीण भारत का पैसा
खाद्य की बजाय गैर खाद्य मुद्रा स्फीति बढ़ने से जहां ग्रामीणों की आमदनी कम हो रही है, वहीं उन पर खर्च का दबाव बढ़ ...
अर्थव्यवस्था बचाने आगे आया ग्रामीण विकास मंत्रालय, राज्यों की बैठक बुलाई
मंदी की ओर बढ़ रही अर्थव्यवस्था में ग्रामीण संकट बड़ी भूमिका निभा सकता हैं, इसलिए मोदी सरकार ने ग्रामीण संकट का हल ढूंढ़ना शुरू ...
क्या उत्तराखंड में लागू होगा सकल पर्यावरण उत्पाद, क्या होंगे फायदे
उत्तराखंड सकल पर्यावरण उत्पाद की गणना करने वाला पहला राज्य बन रहा है, इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी
देश के 67 फीसदी हथकरघा कामगारों की आमदनी 5,000 रुपए महीने से कम: सरकार
राज्यसभा में पूछे एक सवाल के जवाब में कपड़ा मंत्री ने बताया कि 1 फीसदी हथकरघा कामगारों की आमदनी 20 हजार महीना से अधिक ...
सभी महिलाओं के जनधन खातों में नहीं पहुंची कोविड-19 राहत : सर्वेक्षण
13 राज्यों में कम से कम 12,500 खाताधारकों का सर्वेक्षण किया गया, 16 प्रतिशत ने कहा खाता निष्क्रिय था
विश्व दुग्ध दिवस: लॉकडाउन ने कम की ऊंटनी के दूध की खपत
दुनियाभर में एक जून विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पहली बार है कि जब ऊंटनी का दूध (कैमल मिल्क) ...
पथ का साथी: लौटते प्रवासियों की दिक्कतें कम करने में जुटे ग्रामीण
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ ...
प्रवासी मजदूरों के लिए मेधा पाटकर ने शुरू की 48 घंटे की भूख हड़ताल
लॉकडाउन की वजह से पैदल लौट रहे प्रवासी मजदूरों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर मेधा पाटकर 48 घंटे के सांकेतिक अनशन ...
पीलीभीत की प्रसिद्ध बांसुरी की धुन पर कोरोना का लॉकडाउन
लॉकडाउन की वजह से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की प्रसिद्ध बांसुरी कारोबार से जुड़े लोग भी रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं
पत्नी की पायल बेच कर किया बच्चों के खाने का इंतजाम
सतना जिले के गांव केओटरा में निषाद समुदाय के लोग नाव चलाकर आजाविका कमाते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सब थम गया है
गांवों में नकदी तक पहुंचा रहा है राजस्थान का यह स्वयंसेवी संगठन
स्वयंसेवी संगठन राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में अपने-अपने स्तर पर लोगों की सहायता कर रहे हैं
कोरोना से लड़ाई में आदिवासियों का साथ दे रहा है यह स्वयंसेवी संगठन
कोरापुट देश के उन जिलों में से है जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है। यहां प्रगति नामक यह संगठन लोगों के ...
क्या लॉकडाउन खुलने के बाद लौट आएंगे पहाड़ गए लोग?
लॉकडाउन की घोषणा होते ही प्रवासी वापस अपने गांव लौट गए, लेकिन क्या ये वहीं रह पाएंगे, क्या वहां की सरकारें इन्हें रोकने के ...
दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद
नई सदी के दूसरे दशक के दौरान हुए महत्वपूर्ण घटनाओं की एक श्रृखंला: पहली कड़ी में पढ़ें, कृषि संकट के लिए क्यों याद किया ...
युवा होती दुनिया में क्यों बढ़ रहा है गुस्सा?
आज के समय में युवा असंतुष्ट हैं और गुस्से में है। इंटरनेट के इस जमाने में उनके गुस्सों को भुनाया जा सकता है, इसलिए ...
भारत में औसत मजदूर की साल भर की कमाई से ज्यादा चार घंटे में कमा लेता है एक सीईओ: ऑक्सफैम
2022 में वैश्विक स्तर पर जहां एक तरफ कर्मचारियों की तनख्वाह में 3.19 फीसदी की कटौती की गई वहीं दूसरी तरफ टॉप सीईओ के ...
डाउन टू अर्थ खास: क्यों की जा रही है गधों की हत्या, कितने जरूरी हैं हमारे लिए गधे
बोझा ढोने वाले जानवर के रूप में गधों का प्रयोग अब बहुत कम होता है। मांस और खाल के अवैध व्यापार के कारण भी ...
क्या रात्रि में किए प्रकाश की मदद से आय में व्याप्त असमानता का लगाया जा सकता है पता
हाल ही में किए शोध से पता चला है कि जो स्थान आर्थिक रूप से अधिक समृद्ध होते हैं, उन स्थानों पर पिछड़े इलाकों ...
आज के दौर में गांधी की प्रासंगिकता सबसे अधिक
जब नैतिक सिद्धांत राजनीति से लगभग गायब हो गए हैं, तो गांधीवादी मूल्य एक प्रभावी विकल्प के रूप में दिखाई देते हैं
कोरोना काल में लौटे प्रवासियों को रोक पाएगा उत्तराखंड?
कोरोना काल में उत्तराखंड में 3.30 लाख से अधिक प्रवासी लौटे हैं, लेकिन इनमें से कितने प्रवासियों को राज्य सरकार रोक पाएगी?